असफलता से घबराना नहीं चाहिए. हो सकता है कि ये किसी बड़ी सफलता की सीढ़ी हो. विकास डी नाहर (Vikas D Nahar) एक ऐसे ही सफल बिजनेसमैन हैं, जिनको 20 से अधिक बार असफलता मिली. लेकिन उन्होंने हारी नहीं मानी और लगातार कोशिश करते रहे. आज वो एक सफल बिजनेसमैन हैं और सैकड़ों करोड़ की कंपनी चलाते हैं. चलिए आपको हैप्पीलो (Happilo) कंपनी के फाउंडर और CEO विकास डी नाहर की कहानी बताते हैं.
किसान फैमिली से आते हैं विकास-
विकास डी नाहर का जन्म कर्नाटक के एक किसान परिवार में हुआ. उनका परिवार कॉफी और काली मिर्च की खेती करता था. बचपन से ही उनके मन में खुद का बिजनेस करने का सपना था. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई स्थानीय स्तर पर ही हुई. इसके बाद विकास बैंगलोर यूनिवर्सिटी में पढ़ने चले गए. साल 2005 में उन्होंने कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया.
MBA करने के लिए छोड़ी नौकरी-
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी की. विकास ने जैन ग्रुप के काम किया. लेकिन कुछ समय बाद एमबीए करने के लिए जॉब छोड़ दी. उन्होंने सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की.
एमबीए के बाद विकास ने सात्विक स्पेशलिटी फूड्स में जॉब करना शुरू किया. इस कंपनी में उनको बहुत कुछ सीखने का मौका मिला.
20 बार असफलता के बाद मिली सफलता-
विकास डी नाहर ने कई बार बिजनेस करने की कोशिश की. लेकिन हर बार नाकामी हाथ लगी. उनको 20 से ज्यादा बार असफलता मिली. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और असफलताओं से सीखते हुए फिर से कोशिश की. उन्होंने जॉब छोड़कर साल 2016 में एक कंपनी की शुरुआत की.
10 हजार रुपए से शुरू की थी कंपनी-
शुरुआत में हैपील्लो कंपनी में सिर्फ 2 लोगों की टीम थी. विकास ने 10 हजार रुपए में इस कंपनी की शुरुआत की थी. लेकिन धीरे-धीरे काम बढ़ता गया और आज कंपनी की मार्केट वैल्यू 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की है.
हैपील्लो कंपनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और रिटेल स्टोर में एक जाना पहचाना नाम बन गई है. ये कंपनी में पौष्टिक स्नैक्स कारोबार से जुड़ी कंपनी है. ये कंपनी 50 प्रकार के सूखे फल का प्रोडक्शन करती है. ये कंपनी 60 प्रकार के मसालों और 100 प्रकार की चॉकलेट का कारोबार करती है.
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