आरबीआई की ओर से ब्याज दर में वृद्धि रोकने के बाद भी कुछ बैंकों की ओर से लेंडिंग रेट्स में बढ़ोतरी की जा रही है. ताजा बढ़ोतरी निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की ओर गई है. इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई और बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन समेत सभी तरह के कर्ज को महंगा कर दिया है. इस बढ़ोतरी के बाद लोगों की ईएमआई बढ़ जाएगी. इन चारों बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा किया है. बता दें कि होम लोन और ऑटो लोन समेत ज्यादातर कंज्यूमर लोन इसी एमसीएलआर से जुड़े होते हैं. आइए आज जानते हैं क्या होता है एमसीएलआर और किस बैंक ने इसमें कितना इजाफा किया है.
क्या है MCLR
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय की गई एक पद्धति है, जो कॉमर्शियल बैंक्स की ओर से ऋण ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. बैंकों से ऋण लेने पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अप्रैल 2016 में आरबीआई ने एमसीएलआर की शुरुआत की थी. इसके बाद से ऋण के लिए लिए जाने वाले ब्याज की जगह बैंकों ने एमसीएलआर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक की ओर से लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है.
आधार दर की जगह कर रहे इस्तेमाल
आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता. इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है. बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है. यह आधार दर से सस्ता होता है. इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं.
क्या है उद्देश्य
एमसीएलआर अनेक बैंकों के लेंडिंग रेट्स की नीतिगत दरों के ट्रांसमिशन में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू किया गया है. साथ ही इसका उद्देश्य ऐसी दरों पर बैंक लोन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है जो ऋण देने वालों के साथ-साथ उधार लेने वालों के लिए भी उचित हो. एमसीएलआर इसलिए भी लागू किया गया ताकि सभी बैंकों के ब्याज दरों के निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके. बैंकों और ऋणदाताओं के प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों में सुधार लाना भी एमसीएलआर का लक्ष्य है.
MCLR बढ़ने से क्या होता है
बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है. MCLR बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे होम लोन, व्हीकल लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी. HDFC के रेट हाइक से नए और पुराने ग्राहकों के लिए ईएमआई पर ब्याज दरें और महंगी हो जाएंगी. यह बढ़ोतरी फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लागू होती है, फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर नहीं. साथ ही एमएसीएलआर बढ़ने के बाद ईएमआई रीसेट डेट पर ही बढ़ेगी.
किस बैंक ने कितनी की बढ़ोतरी
1. HDFC Bank: एचडीएफसी बैंक की ओर से MCLR में 15 आधार अंक की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि, बैंक की ओर से एक साल के एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, अब ओवरनाइट एमसीएलआर 8.35 प्रतिशत, एक महीने का एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत, तीन महीने का एमसीएलआर 8.70 प्रतिशत और छह महीने का एमसीएलआर 8.95 प्रतिशत है. एक साल का एमसीएलआर 9.10 प्रतिशत हो गया है. दो साल का एमसीएलआर 9.15 प्रतिशत और तीन साल का एमसीएलआर 9.20 प्रतिशत है.
2. ICICI Bank: आईसीआईसीआई बैंक ने सभी अवधि के लोन के लिए MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट (BPS) का इजाफा किया है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, एक महीने की MCLR दर 8.35 फीसदी बढ़कर 8.40 फीसदी हो गई. तीन महीने और छह महीने के लिए MCLR बढ़कर 8.45 और 8.80 फीसदी पर पहुंच गया है. एक साल के लिए MCLR को 8.85 फीसदी से बढ़ाकर बैंक ने 8.90 फीसदी कर दिया है. नई ब्याज दरें 1 अगस्त 2023 से लागू हो गई हैं.
3. Bank of India: बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने चुनिंदा अवधि के कर्ज पर MCLR में इजाफा किया है. बैंक ने ओवरनाइट लोन के लिए MCLR को 7.95 फीसदी और एक महीने के लिए 8.15 फीसदी कर दिया है. तीन महीने और छह महीने के लिए MCLR की दर में क्रमश: 8.30 फीसदी औऱ 8.50 फीसदी रख गई है. बैंक ने एक साल से लिए MCLR को 8.70 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी तय किया है.
4. Punjab National Bank: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने ओवरनाइट MCLR को 8.10 फीसदी कर दिया है. एक महीने के टेन्योर के लिए MCLR को 8.20 फीसदी बैंक ने रखा है. वहीं, तीन, महीने और छह महीने का MCLR अब 8.30 फीसदी और 8.50 फीसदी है. एक साल के लिए MCLR अब 8.70 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी है.
10 अगस्त को होगा मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से 10 अगस्त 2023 को आरबीआई की एमपीसी के फैसलों का ऐलान किया जाएगा. आरबीआई एमपीसी की बैठक 8 अगस्त से शुरू हो गई है. पिछले दो मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.