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HDFC-HDFC Bank Merger: 30 हजार के लोन से शुरुआत, अब तक करोड़ों लोगों के घर का सपना पूरा करने वाली HDFC की कहानी

हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और HDFC बैंक का विलय होने जा रहा है. ये विलय 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होगा.  HDFC और HDFC बैंक के बोर्ड मेंबर्स 30 जून को बैठक के दौरान इसकी सारी प्रक्रियाएं पूरी करेंगे. 150 बिलियन डॉलर के साथ ये दुनिया का पांचवा सबसे वैल्यूबल बैंक बन जाएगा.

HDFC HDFC
हाइलाइट्स
  • 46 साल बाद मिला HDFC को नया 'घर'

  • देश के 1 करोड़ लोगों को होम लोन देने वाली HDFC की कहानी

हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और HDFC बैंक का विलय होने जा रहा है. ये विलय 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होगा. HDFC और HDFC बैंक के बोर्ड मेंबर्स 30 जून को बैठक के दौरान इसकी सारी प्रक्रियाएं पूरी करेंगे. 150 बिलियन डॉलर के साथ ये दुनिया का पांचवा सबसे वैल्यूबल बैंक बन जाएगा. एचडीएफसी बैंक की सभी ब्रांच में एचडीएफसी लिमिटेड की सर्विसेज मिलती रहेंगी. बैंक के विलय के बाद एचडीएफसी लिमिटेड के ग्राहकों पर भी आरबीआई का नियम लागू होगा. एचडीएफसी के शेयरधारकों को प्रत्येक 42 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 25 शेयर मिलेंगे. 13 जुलाई को एचडीएफसी के शेयर बाजार से बाहर हो जाएंगे और बदले में एचडीएफसी बैंक के शेयर एचडीएफसी के शेयर धारकों को जारी होंगे.

HDFC के ग्राहकों पर क्या होगा असर
HDFC के सभी जमाकर्ताओं को जमा अवधि तक ब्याज की वही दर मिलेगी जिसका उनसे वादा किया गया था. जिन लोगों ने HDFC में एफडी करवाया है, उनकी ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है. कंपनी के जमाकर्ताओं को बैंक द्वारा अपना पैसा वापस लेने या मौजूदा दर पर अपनी FD रिन्यू करने का ऑप्शन होगा. जिनका एचडीएफसी लिमिटेड में एफडी है, उन्हें विलय से पहले ये कंफर्म कर लेना चाहिए कि एफडी Auto-renewal के जरिए की गई है या नहीं.

एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय हो जाने के बाद आपके होम लोन खातों पर ब्याज दरों में बदलाव होने की उम्मीद है. इस मर्जर के बाद अगले छह महीने में HDFC लोन की ब्याज दरें एक्सटर्नल बेंच मार्क लेडिंग रेट के आधार पर तय होंगे. मौजूदा होम लोन borrowers को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि लोन शिफ्ट कर दिए जाएंगे और पहले की तरह जारी रहेंगे. अगर कोई कर्जधारक अपने होम लोन को EBLR से लिंक करना चाहेगा तो उसे यह सुविधा मिलेगी. एचडीएफसी के होम लोन ग्राहकों को RPLR पर लोन मिला है. HDFC Bank का होम लोन रेपो रेट से लिंक्ड होता है. इसलिए रेपो रेट के घटने पर होम लोन की EMI घट सकती है.

HDFC ने पहली बार दिया 30,000 का लोन
डी बी रेमेडियोज ने पहली बार एचडीएफसी से लोन लिया था. रेमेडियोज़ ने 1978 में 10.5 प्रतिशत की निश्चित दर पर 30,000 रुपये का लोन लिया था. इस रकम को मुंबई के मलाड में घर बनाने के लिए खर्च किया गया था. आज से 40 साल पहले होम लोन लेने वालों की प्रोफाइल बिल्कुल अलग थी. तब होम लोन लेने वाले लोग 40 साल से ज्यादा की उम्र के हुआ करते थे और कम से कम राशि लोन के रूप में लेते थे. आज के समय में ज्यादातर होम लोन लेने वाले लोग 30 साल से कम उम्र के युवा हैं और होम लोन उनके जीवन का अहम हिस्सा बन गया है.

होम लोन मार्केट में तीन बैंकों 1978 से एचडीएफसी, 1999 से  ICICI Ltd और 2009 से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दबदबा है. एचडीएफसी ने जहां हाउसिंग फाइनेंस का कॉन्सेप्ट पेश किया वहीं आईसीआईसीआई ने साल 2000 से फ्लोटिंग रेट कॉन्सेप्ट लाकर मार्केट में खलबली मचा दी. वहीं एसबीआई ने अपने नेटवर्क के जरिए फिक्स्ड-कम-फ्लोटिंग को आगे बढ़ाया.

देश के हर नागरिक के पास अपना घर हो
1970 के दशक की शुरुआत में हाउसिंग फाइनेंस नाम की कोई चीज़ नहीं थी. आईसीआईसीआई के पूर्व अध्यक्ष और दीपक पारेख के चाचा एच टी पारेख ने हाउसिंग फाइनेंस को बढ़ावा देने के लिए एचडीएफसी शुरू किया था. उनका सपना था कि देश के हर नागरिक के पास अपना घर हो. एचडीएफसी देश की ऐसी पहली संस्था थी जो पूरी तरह से हाउसिंग फाइनेंस को समर्पित थी. एचडीएफसी ने बाद में सरकार और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को एसबीआई होम फाइनेंस, कैनफिन होम फाइनेंस, जीआईसी हाउसिंग फाइनेंस स्थापित करने में मदद की. 

17 अक्टूबर 1977 को एचडीएफसी को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में शामिल किया गया. 1978 में कंपनी ने पब्लिक के लिए शेयर इश्यू किए. नवंबर 1979 में एचडीएफसी ने एचडीएफसी सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट स्कीम पेश की. और इस तरह एचडीएफसी की शुरुआत तो होम लोन देने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी के तौर पर हुई थी, लेकिन 90 के दशक में इसे बैंकिंग का भी लाइसेंस मिल गया. 1994 में लाइसेंस मिलने के बाद एचडीएफसी बैंक की शुरुआत हुई. 

पहले से आसान हुई है होम लोन की प्रक्रिया
उस समय हाउसिंग सेक्टर को नॉन प्रोडक्टिव सेक्टर माना जाता था. लोग अपने बचत के पैसों से ही घर खरीदते और बनाते थे लेकिन एचडीएफसी ने होम लोन देकर हर भारतीय के सपने को साकार किया. शुरुआत के 10 सालों में एचडीएफसी के सामने कोई कंप्टीटर ही नहीं था. तब कोई रिकवरी लॉ नहीं था, अगर कोई लोन न चुका पाता तो केवल सिविल मुकदमा ही दायर किया जा सकता था लेकिन अब कानून पूरी तरह से बदल गए हैं. लोन लेने की प्रक्रिया भी पहले से ज्यादा आसान हो गई है. अपनी शुरुआत से अब तक HDFC ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को होम लोन दिए हैं. पिछले दो दशकों में इस सेक्टर में कई बैंकों ने एंट्री ली है और आसान और flexible financing options देकर ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित किया है.