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RBI New Governor: 1926 में की थी हिल्टन कमीशन ने सिफारिश, 1935 में शुरू हुआ काम, पहले दो गवर्नर थे ब्रिटिश... जानिए क्या है आरबीआई का इतिहास

Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी.इसका शुरू में केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थपित किया गया था, जिसे 1937 में स्थाई रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया. भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे.

Sanjay Malhotra and Shaktikanta Das (Photo: PTI) Sanjay Malhotra and Shaktikanta Das (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • 1 अप्रैल 1935 को हुई थी भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना

  • संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर 2024 को नए गवर्नर के रूप में संभालेंगे कार्यभार 

History of RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर (Governor) संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) होंगे. वह मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की जगह लेंगे. संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर 2024 को नए गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालेंगे. वह 26वें गवर्नर होंगे. उनका कार्यकाल अगले तीन साल के लिए होगा. हम आपको आज आरबीआई के इतिहास के बारे में बता रहे हैं.

कब हुई थी RBI की स्थापना
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना आजादी से पहले की गई थी. इसकी स्थापना अंग्रेजों ने की थी. इंडियन करंसी एंड फाइनेंस से जुड़े रॉयल कमीशन ने साल 1926 में एक सेंट्रल बैंक यानी केंद्रीय बैंक बनाने का सुझाव दिया था. इस कमीशन को हिल्टन यंग कमीशन के नाम से भी जाना जाता है. अंग्रेज अधिकारियों ने हिल्टन यंग कमीशन के सुझाव पर आरबीआई की स्थापना के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 लाया था. इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल 1935 को परिचालन शुरू किया था. भारतीय रिजर्व बैंक का पहला गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ को नियुक्त किया गया था. सीडी देशमुख आरबीआई के पहले भारतीय गवर्नर थे. 

क्यों पड़ी थी आरबीआई की स्थापना की जरूरत 
अंग्रेजों के पास आरबीआई की स्थापना से पहले इंडिया में नोट छापने और सरकार के खाते व कर्ज को संभालने के लिए दो अलग-अलग संस्थाएं थी. पहली संस्था का नाम कंट्रोलर ऑफ करेंसी था, जिसका काम नोट छापना था. दूसरी संस्था का नाम इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया था. यह संस्था सरकारी खाते और कर्ज का हिसाब-किताब रखती थी. 

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प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वित्तीय कारणों के चलते इन दोनों संस्थाओं को एक साथ संचालन करने में अंग्रेजों को चलाने में परेशानी हो रही थी. इस वजह से हिल्टन यंग कमीशन ने आरबीआई की स्थापना का सुझाव दिया था. आरबीआई की स्थापना का दूसरा उद्देश्य पूरे देश में एक मानक सिक्का का चलाना था. दरअसल, आरबीआई की स्थापना से पहले भारत में कई तरह की मुद्राएं चलन में थीं. इससे व्यापार करने में परेशानी हो रही थी.भारत में एक मानक मुद्रा चलाने के उद्देश्य से भी आरबीआई की स्थापना की गई ताकि देशभर के लोग आपस में व्यापार कर सकें.

 म्यमांर और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के रूप में भी कार्य कर चुका है आरबीआई
आरबीआई की स्थापना के समय केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थपित किया गया था. इसे 1937 में मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया. आरबीआई की स्थापना के समय कलकत्ता (अब कोलकाता), बॉम्बे (अब मुंबई), मद्रास (अब चेन्नई), दिल्ली, रंगून, कराची, लाहौर और कानपुर  तक का करेंसी और बैंकिंग डिपार्टमेंट का कार्यभार मिला था. बर्मा (अब म्यमांर) 1937 में भारत से अलग हो गया था लेकन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अप्रैल 1947 तक वहां के केंद्रीय बैंक के रूप में काम करता रहा. आरबीआई जून 1948 तक पाकिस्‍तान के केंद्रीय बैंक के रूप में तब तक कार्यरत रहा, जब तक कि स्‍टेट बैंक ऑफ पाकिस्‍तान ने काम करना शुरू नहीं कर दिया. 

इस साल किया गया था राष्ट्रीयकरण 
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का गठन कई बैठकों के बाद साल 1935 में 5 करोड़ की नकद राशि के साथ किया गया था. इसमें मात्र 2 लाख 20 हजार रुपए सरकार का निवेश था. इस तरह से यह केंद्रीय बैंक पूरी तरह से एक प्राइवेट बैंक था, जिसपर बैंक ऑफ इंग्लैंड का नियंत्रण था. जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई बैंकों के राष्ट्रीयकरण का दौर शुरू हुआ, तब साल 1945 में बैंक ऑफ इंग्लैंड का राष्ट्रीयकरण हुआ. इसके बाद साल 1949 में भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर भारतीय केंद्रीय बैंक का मुख्य कार्यकारी अधिकारी और इसके केंद्रीय निदेशक मंडल के पदेन अध्यक्ष होते हैं. RBI की ओर से जारी भारतीय नोट पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं.

कब और कौन रहे हैं आरबीआई के गवर्नर
1. सर ओसबोर्न स्मिथ (1 अप्रैल 1935 से 30 जून 1937 तक ) 
2. सर जेम्स ब्रैड टेलर (1 जुलाई 1937 से 17 फरवरी 1943 तक) 
3. सीडी देशमुख (11 अगस्त 1943 सो 30 जून 1949 तक)
4. बेनगल रामाराव (1 जुलाई 1949 से 14 जनवरी 1957 तक)
5. केजी अंबेगांवकर (14 जनवरी 1957 से 28 फरवरी 1957 तक)
6. एचवीआर आयंगर (1 मार्च 1957 से 28 फरवरी 1962 तक)
7. पीसी भट्टाचार्य (1 मार्च 1962 से 30 जून 1967 तक) 
8. लक्ष्मीकांत झा (1 जुलाई 1967 से 3 मई 1970 तक)
9. बीएन आदरकर (4 मई 1970 से 15 जून 1970 तक)
10. सरुक्कई जगन्नाथन (16 जून 1970 से 19 मई 1975 तक)
11. एनसी सेनगुप्ता (19 मई 1975 से 19 अगस्त 1975 तक)
12. केआर पुरी (20 अगस्त 1975 से 2 मई 1977 तक)
13. एम नरसिम्हम (3 मई 1977 से 30 नवंबर 1977 तक)
14. आईजी पटेल (1 दिसंबर 1977 से 15 सितंबर 1982 तक)
15. 6. मनमोहन सिंह (16 सितंबर 1982 से 14 जनवरी 1985 तक)
16. अमिताव घोष (15 जनवरी 1985 से 4 फरवरी 1985 तक)
17. आरएन मल्होत्रा (4 फरवरी 1985 से 22 दिसंबर 1990 तक) 
18. एस वेंकिटरमनन (22 दिसंबर 1990 से 21 दिसंबर 1992 तक)
19. सी रंगराजन (22 दिसंबर 1992 से 21 नवंबर 1997 तक)
20. बिमल जालान (22 नवंबर 1997 से 6 सितंबर 2003 तक)
21. वाईवी रेड्डी (6 सितंबर 2003 से 5 सितंबर 2008 तक)
22. डी सुब्बाराव (5 सितंबर 2008 से 4 सितंबर 2013 तक)
23. रघुराम राजन (4 सितंबर 2013 से 4 सितंबर 2016 तक)
24. उर्जित पटेल (4 सितंबर 2016 से 10 दिसंबर 2018 तक)
25. शक्तिकांत दास (12 दिसंबर 2018 सो 10 दिसंबर 2024 तक)
26. संजय मल्होत्रा (11 दिसंबर 2024 से वर्तमान समय तक)