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गाय और भैंस की होगी Home Delivery, करोड़ों का पैकेज छोड़ 4 युवाओं ने शुरू की Mera Pashu 360 नाम की कंपनी

देश में पशुओं को खरीदने और बेचने का एक बड़ा बाजार है. गाय और भैंस दूध से करोड़ों परिवारों का घर चलता है. डेयरी बिजनेस देश में बहुत बड़ा रेवेन्यू जेनरेट करते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में गाय और भैंस खरीदने में किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी होती है. ऐसे में ये स्टार्टअप किसानों की काफी मदद करेगा.

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हाइलाइट्स
  • 4 लोगों ने मिलकर शुरू की मेरा पशु 360 नाम की कंपनी 

  • किसान को गाय और भैंस की होगी होम डिलीवरी

निकेत, कनुप्रिया, प्राची और रुपिश नाम के युवाओं ने करोड़ों के पैकेज छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरू किया है. ये सभी लोग बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे थे, लेकिन इन सबको छोड़कर इन्होने मेरा पशु 360 नाम के कंपनी शुरू की है. मेरा पशु 360 के फाउंडर निकेत का दावा है कि यह देश की पहली ऐसी कंपनी है जो गाय और भैंस की होम डिलीवरी करती है. मतलब मेरा पशु 360 की ऐप या वेबसाइट के जरिए किसान घर बैठे गाय और भैंस खरीद सकते हैं.

निकेत बताते हैं कि देश में पशुओं को खरीदने और बेचने का एक बड़ा बाजार है. गाय और भैंस दूध से करोड़ों परिवारों का घर चलता है. डेयरी बिजनेस देश में बहुत बड़ा रेवेन्यू जेनरेट करते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में गाय और भैंस खरीदने में किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी होती है. कई बार खरीदारी के पहले उन्हें बताया जाता है कि भैंस दिन में 20 लीटर दूध देती है, लेकिन असल में वो भैंस दिन का 5 लीटर दूध भी नहीं दे पाती. ऐसे में खरीदने वाले डेयरी किसान का बड़ा नुकसान हो जाता है.

पशु की जांच के बाद होता है उसका दाम तय 

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निकेत बताते हैं कि उनकी टीम 75 से ज्यादा पैरामीटर पर किसी पशु की जांच करते हैं और उसके हिसाब से उसका दाम तय करते हैं. इन जांच में पशु की आंखें चेक होती है, लंबाई-चौड़ाई चेक की जाती है, सींग का आकार देखा जाता है, थन की जांच होती है और साथ ही ये भी देखा जाता है कि कही भैंस या गाय एनिमिक तो नहीं है. 

गौरतलब है कि भारत में कुल दूध का प्रोडक्शन 200 मिलियन टन से ज्यादा है. 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवार डेयरी सेक्टर में काम करते हैं. डेयरी उद्योग देश की जीडीपी का 5% से ज्यादा है. दुनियाभर के दूध के प्रोडक्शन का 25% भारत में ही होता है. ऐसे में ये स्टार्टअप किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. 

पशुओं का खाना भी करते हैं तैयार 

निकेत और उनकी टीम पशुओं का खाना भी तैयार करते हैं, इसके पीछे भी एक यूनिक कॉन्सेप्ट है. कनुप्रिया बताती हैं कि गांव में पशुओं की पूरी देखभाल महिलाएं ही करती हैं. लेकिन जैसे ही बाजार से उनके लिए खल या भूसी लाने की बात होती है तो यह काम आदमी को सौंप दिया जाता है. महिलाओं को बाजार जाने या फिर पैसे वाले काम करने की इजाजत नहीं होती. लेकिन महिलाएं अब घर बैठे या तो ऐप से या फिर फोन करके ऑर्डर मंगवा सकती है. यही कारण है की इस स्टार्टअप में अपने कॉल सेंटर में भी 40% से ज्यादा महिला स्टाफ को ही रखा गया है.

30 हजार से ज्यादा हैं ग्राहक 

मेरा पशु 360 के अब तक 30 हजार से ज्यादा ग्राहक हैं. ये कंपनी अब तक 3500 से ज्यादा गांव में पहुंच चुकी है. इतना ही नहीं ये टीम खेत खलिहान, किसान के घर भी जाती है और और कॉरपोरेट ऑफिस में भी बैठती है. इस कंपनी में काम करने वाली अधिकतर महिलाएं किसान परिवार से ही ताल्लुक़ रखती हैं. इतना ही नहीं वे किसानों से उनकी लोकल भाषा में बातचीत करती हैं. एक महिला कर्मचारी जो कि किसान परिवार से आती है, वो बताती हैं कि जब यहां आई थी तो उसे कुछ नहीं आता था, लेकिन फिर उसे यहां ट्रेनिंग मिली और नौकरी में आगे बढ़ने का मौका भी. वहीं तान्या एक सिंगल मदर हैं. वे कहती हैं, “जब यहां आई थी तो लैपटॉप पर काम करना नहीं आता था… लेकिन अब अच्छा भविष्य दिखाई पड़ रहा है.”

ये स्टार्टअप किसान और किसान परिवार की महिलाओं को सशक्त करने का काम रहा है. अभी कंपनी को शुरू हुए सिर्फ दो साल ही हुए हैं, लेकिन ये 4 से ज्यादा राज्यों में पहुंच चुकी है.