तमिलनाडु में आविन और अमूल को लेकर विवाद बढ़ गया है. सूबे के सीएम एमके स्टालिन ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है और आविन के मिल्ड शेक क्षेत्र से दूध खरीदने पर रोक लगाने की मांग की है. आविन तमिलनाडु में लोकप्रिय दूध ब्रांड है. इसके साथ सूबे की ग्रामीण इलाकों की 9673 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां काम करती हैं. इससे करीब 4.5 लाख सदस्य जुड़े हैं और रोजाना 35 लाख लीटर दूध खरीदा जाता है. इसके अलावा आविन दुग्ध उत्पादकों के पशुओं के लिए पशु चारा, मिनिरल मिक्सचर और पशु के सेहत की देखभाल से जुड़ी चीजों को उपलब्ध कराता है. आविन के पास वर्तमान में 600 से अधिक बल्क मिल्क कूलर हैं. चलिए आपको आविन ब्रांड के बारे में सबकुछ बताते हैं.
क्या है आविन-
आविन तमिलनाडु का सबसे बड़ा को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन है. आविन दूख खरीदता है और उसके उत्पाद कस्टमर्स को बेचता है. आविन मिल्क पॉकेट में गाय और भैंस के दूध का मिश्रण होता है. कंपनी दूध मक्खन, दही, आइसक्रीम, मिल्क शेक, घी, कॉफी चाय और चॉकलेट समेत तमाम उत्पाद बनाती है. आविन की मदद से ग्रामीण इलाकों के दुग्ध उत्पादकों के जीवन स्तर पर सुधार हुआ है.
कैसे ब्रांड बना आविन-
साल 1958 में तमिलनाडु में दूध उत्पादन और कमर्शियल डिस्ट्रीब्यूशन की देखरेख के लिए डेयरी विकास डिपार्टमेंट की स्थापना की गई थी. डेयरी विकास विभाग ने दुग्ध सहकारी समितियों का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया. साल 1981 में तमिलनाडु कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड ने इसकी जगह ले ली. इसी साल एक फरवरी को कोऑपरेटिव की कमर्शियल एक्टिविटीज को फेडरेशन को सौंप दिया गया. फेडरेशन आविन नाम के ब्रांड के तहत दूद और उसके बने उत्पादों को बेचती है. फिलहाल तमिलनाडु देश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले राज्यों में से एक है.
नई पहल से आविन का बढ़ा कारोबार-
अप्रैल 2020 में आविन ने स्विगी के साथ पार्टनरशिप किया. जिसके तहत स्विगी चेन्नई के 21 आउटलेट से आविन के 8 कैटेगरी के प्रोडक्ट्स डोर स्टेप डिलीवरी करेगी. जुलाई 2020 में आविन ने एक और नई पहल की. उसने तमिलनाडु के ऑटो और कॉल टैक्सी के ड्राइवरों को पूरे सूबे में मोबाइल एजेंट के तौर पर काम करने के लिए आमंत्रित किया. कंपनी की 2020 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक आविन ने रोजाना 40 लाख लीटर दूध की खरीदारी की. जिसमें से 25 लाख लीटर दूध बेचा गया. जबकि बाकी दूध का मिल्ड पाउडर, दही, घी, मक्खन, आइसक्रीम और छाछ जैसा प्रोडक्ट बनाया गया. साल 2019-20 में कंपनी का टर्नओवर 5800 करोड़ रहा.
विदेशों में बिकता है आविन का प्रोडक्ट-
तमिलनाडु कोऑपरेटिव मिल्ड प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड में 17 जिलों के जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ शामिल हैं. इसका मुख्यालय तंजावुर जिले में है. जबकि थिरुविदाईमारुदुर, तंजावुर और कुंभकोण में तीन डेयरी प्लांट हैं. ये डेयरी जिला संघों से दूध को इकट्ठा करती हैं और उसके उत्पाद बनाती हैं. आविन का प्रोडक्ट्स संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, कतर, कनाडा और अमेरिका में निर्यात किया जाता है.
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