अगर इस शादी सीज़न में आप संयुक्त अरब अमीरात (UAE) या किसी अन्य अरब देश से सोना खरीदकर भारत लाने पर विचार कर रहे हैं तो रुकिए! आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में सोना इस समय इन देशों से भी सस्ता हो गया है. एक तरफ जहां भारत में सोने का दाम गिर रहा है, वहीं यूएई, कतर, ओमान और सिंगापुर जैसे देशों में इसकी कीमत में बढ़ोतरी देखी गई है. आइए जानते हैं वैश्विक स्तर पर क्या हैं सोने की कीमतें और कैसे आया है यह बदलाव.
भारत और विदेश में क्या है सोने का दाम
इस खबर के लिखे जाने के समय (18 नवंबर 2024) भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत 75,813 रुपये प्रति 10 ग्राम है. दूसरी ओर 22 कैरेट सोने की कीमत 69,513 रुपये प्रति 10 ग्राम है. 18 कैरेट सोने की कीमत 57,360 रुपये है. इस बीच यूएई में 24 कैरेट सोने की कीमत 76,109 रुपये प्रति 10 ग्राम है. कतर में यह 76,279 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है.
देश | सोने की कीमतें | भारत से अंतर |
भारत | 75,813 | ---- |
संयुक्त अरब अमीरात | 76,109 | 209 रुपए महंगा |
कतर | 76,279 | 379 रुपए महंगा |
ओमान | 75,743 | 70 रुपए सस्ता |
बात करें ओमान की तो यहां सोने की कीमत 75,743 है. यानी भारत से सिर्फ 70 रुपए कम. इन देशों में सोने की कीमतें अचानक ही नहीं बढ़ी हैं. बल्कि यह बदलाव क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर जारी उथल-पुथल का नतीजा है. लेकिन सवाल यह है कि भारत में सोना सस्ता क्यों हो रहा है?
भारत में इस वजह से गिरी कीमतें
वैश्विक स्तर पर, सोने में तीन सालों में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट देखी गई है. अमेरिका में हाजिर कीमतों में 4.5% की गिरावट आई है. यहां सोना करीब 2,563.25 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस (करीब 31 ग्राम) पर है, जो दो महीने की सबसे निचली कीमत है. यह मंदी अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़ों से प्रेरित है. अब अमेरिका लंबे समय तक ट्रेजरी से ज्यादा मुनाफे और मजबूत डॉलर की उम्मीदें हैं.
यही बात अप्रत्यक्ष तौर पर भारत में सोने की कीमत गिरा रही है. दरअसल अमेरिका की ट्रेजरी मजबूत होने के कारण देश में ब्याज दरें गिरने की संभावनाएं बेहद कम हैं. जब ब्याज दरें ज्यादा होती हैं तो ऐसी चीजों की मांग कम हो जाती है जो निवेश पर ऊंचा रिटर्न नहीं देतीं. सोना भी उन्हीं चीजों में से एक है. अमेरिका में सोने की डिमांड कम होने के कारण दुनियाभर में सोने के दाम में गिरावट आई है. भारत में भी.
यूएई, कतर में क्यों महंगा है सोना?
पश्चिमी एशिया, खासकर इजराइल और गज़ा में बढ़ते तनाव ने सुरक्षित-संपत्ति के रूप में सोने की अपील को बढ़ा दिया है. इससे खाड़ी देशों में कीमतें बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि यहां अनिश्चितता के दौरान सोने की मांग अक्सर बढ़ जाती है. कतर और ओमान जैसे देशों में खुदरा और संस्थागत मांग बढ़ने के कारण सोने की कीमतें बढ़ी हैं.
अस्थिर समय के दौरान लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर देखते हैं. और इसमें निवेश करना पसंद करते हैं. इसी वजह से इसकी कीमत बढ़ जाती है. इन क्षेत्रों में विनिमय दर में अंतर और सोने की ऊंची इम्पोर्ट लागत भी दाम बढ़ाने में एक भूमिका निभाती है. स्थानीय बाजार की हालत, टैक्स और लॉजिस्टिक्स भी सोने की कीमत को प्रभावित कर सकते हैं. युद्ध से जूझ रहे क्षेत्र में ये चीजें कीमत को बढ़ाने का एक कारण बन सकती हैं.