भारत की लगभग आधी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है. और इस बात में कोई दो राय नहीं है कि अगर खेती में सही तरीकों के साथ आगे बढ़ा जाए तो किसानों के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकता है. कुछ साल पहले तक तो लोगों ने खेती को घाटे का सौदा कहना शुरू कर दिया था. लेकिन अब बहुत से ऐसे संगठन सामने आ रहे हैं जिन्होंने कृषि-क्षेत्र को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई है.
आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे ही प्लेटफॉर्म के बारे में, जो किसानों की मदद करके खेती को मुनाफे की तरफ ले जा रहा है. यह कहानी है DeHaat की सफलता की.
क्या है DeHaat
योर स्टोरी के मुताबिक, पटना स्थित देहात (DeHaat) एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो छोटे किसानों को ऐसे लघू उद्यमियों के एक नेटवर्क से जोड़ता है जो विभिन्न तरह के कृषि इनपुट जैसे बीज, उर्वरक और यहां तक कि उपकरण उपलब्ध कराते हैं. साथ ही साथ फसल और बाजार से संबंधित सलाह भी देते हैं.
आपको बता दें कि हिंदी में देहात शब्द का अर्थ ग्रामीण परिवेश, अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोगों से है. लेकिन देहात प्लेटफॉर्म इस धारणा को गलत साबित करते हुए किसानों और ग्रामीणों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है.
कैसे हुई शुरुआत
साल 2012 में IIT दिल्ली के पूर्व छात्र शशांक कुमार और IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र मनीष कुमार ने देहात की स्थापना की थी. उनके कुछ और साथी भी इससे जुड़े हुए थे. शशांक और मनीष, दोनों ही किसान परिवारों से आते हैं और इसलिए उन्होंने बड़ी कंपनियों में नौकरी करने की बजाय किसानों के लिए कुछ करने की ठानी. हालांकि, कुछ समय बाद मनीष इस संगठन से अलग हो गए और फिर शशांक ने दूसरे साथियों के साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाया.
शशांक ने योर स्टोरी को बताया कि बिहार में किसान समुदाय से होने के कारण, मुझे किसानों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में अच्छे से जानकारी है. भले ही उन्हें खेती का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं था लेकिन वह जानते थे कि खेती कितनी ज्यादा मुश्किल है. इसलिए उन्होंने तय किया कि किसानों को आधुनिक तकनीकों से लेस किया जाए ताकि उन्हें मुनाफा हो और ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र में काम करें.
कैसे करते हैं काम
DeHaat को भारत में तेजी से बढ़ते स्टार्टअप के रूप में मान्यता मिली है. आजकल भारत में बहुत कम लोग हैं जो अपनी मर्जी से खेती करना चाहते हैं. लेकिन देहात इस तस्वीर को बदलना चाहता है. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए देहात एक एल्गोरिथम - 'बीज से बाजार' के साथ आगे आया, जिसका अर्थ है एक एप में पूरा समाधान. देहात का काम बिहार, यूपी, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है.
लगभग 650000 किसानों को इस एप की सर्विसेज मिल रही हैं. किसानों से 3-4 किमी के दायरे में देहात के अपने सर्विस केंद्र हैं. जहां पर किसानों की तीन परेशानियां हल की जाती हैं जैसे-
इन तीन सवालों को हल करके वे किसानों को सही राह पर बढ़ने में मदद करते हैं और किसान भी उनपर भरोसा करते हैं. किसानों को ये सर्विसेज बिना किसी चार्ज या फीस के दी जा रही हैं.
किसानों को मिल रही हैं ये सर्विसेज
देहात के जरिए किसानों को ये सर्विसेज दी जा रही हैं.
इसके अलावा देहात एप किसानों के साथ मौसम के पूर्वानुमान को साझा करता है ताकि वे पहले से तैयार रहें. और कोई भी किसान इस प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी मिट्टी को परीक्षण के लिए भी दे सकता है.