कोरोना काल में जिंदगी मुश्किल भरी हो गई है. इस मुश्किल दौर में रोजगार के तमाम मौके कम हुए हैं. हालांकि, इस मुश्किल वक्त में भी उम्मीद की रौशनी दिखाई देती है. अगर आपने सिर्फ दसवीं या बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की है और आप अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं, तो इस साल आपको ऐसे कई मौके मिल सकते हैं.
ऐसे कई मोबाइल ऐप बनाए गए हैं, जो खासकर महिलाओं को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. इन ऐप्स के इस्तेमाल से महिलाओं ने 2021 में अपने लिए कई रास्ते खोले और अब 2022 में एक बार फिर ये उनके लिए नई उम्मीद लेकर आए हैं.
दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, हैदराबाद, पुणे और अन्य मेट्रो सिटीज में बहुचर्चित ‘अपना’ (apna) ऐप ने महिलाओं के बीच अच्छी पकड़ बनाई है. बीते साल करीब एक करोड़ महिलाओं ने इसका इस्तेमाल कर नौकरी पाई. सबसे खास बात यह है कि इस प्लेटफॉर्म पर महिलाओं को नौकरी के लिए बहुत ज्यादा फॉर्मल तरीका नहीं अपनाना पड़ता, जिससे उनकी झिझक कम हो जाती है. सिर्फ अपनी जानकारी डालने के बाद उनके पास जरूरत के हिसाब से नौकरी के ऑफर आते रहते हैं.
12वीं पास महिलाओं ने सबसे ज्यादा टेली कॉलर, बीपीओ, बैक ऑफिस, रिसेप्शनिस्ट, फ्रंट ऑफिस, टीचर, अकाउंटेंट, एडमिन, ऑफिस असिस्टेंट और डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी के लिए आवेदन किया. इस तरह की नौकरियों को पिंक कॉलर जॉब्स (pink collar jobs) भी कहा जाता है.
क्या है पिंक कॉलर जॉब्स
पिंक कॉलर जॉब्स ऐसी नौकरियां हैं जिनमें महिलाओं का प्रभुत्व रहता है या कहें तो लंबे समय से ऐसी नौकरियों में ज्यादातर महिलाएं काम करती आ रही हैं. वैसे तो अर्थशास्त्री मुख्य तौर पर नर्सिंग, टीचिंग और वेट्रेसिंग जैसे काम को ही मुख्य तौर पर पिंक कॉलर जॉब्स की संज्ञा देते हैं लेकिन बदलते वक्त और नई परिस्थितियों में पिंक कॉलर जॉब्स का दायरा भी बढ़ा है और अब महिलाएं तमाम क्षेत्रों में अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं.
इसी तरह खास तौर पर महिलाओं के लिए चलाए जा रहे सोशल नेटवर्किंग साइट ‘शीरोज’ (sheroes) भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाकर सामने आया है. यहां हर उम्र वर्ग की महिला, ऐप या वेबसाइट के माध्यम से जुड़ती है. वो नौकरी के अवसर भी तलाशती हैं, साथ ही अगर वह अपने स्तर पर किसी तरह का बिजनेस कर रही हैं, तो उसे प्रमोट भी करती हैं.
बिजनेस वुमन इस प्लेटफॉर्म के जरिये अपना नेटवर्क मजबूत कर रही हैं. इस तरह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मोबाइल टेक्नोलॉजी सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हुई है.