बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे - लेकिन ऑनलाइन फर्नीचर सेक्टर की लीडिंग कंपनी- Pepperfry कभी होरिजॉन्टल ऑनलाइन मार्केट के रूप में शुरु हुई थी. यह वह समय था जब अमेज़ॅन भारत में मौजूद नहीं था, और फ्लिपकार्ट भी बहुत पॉपुलर नहीं था. भारत, फिलीपींस और मलेशिया के लिए ईबे इंडिया में बतौर कंट्री मैनेजर एक दशक के अनुभव के साथ, अंबरीश मूर्ति ने कंपनी सेल्स और ऑपरेशन्स देखने वाले आशीष शाह के साथ मिलकर 2011 में नई शुरुआत करने का फैसला किया.
हालांकि, स्टार्टअप शुरू करने से पहले ही उन्होंने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल में अपडेट कर दिया कि जून 2011 से वे नई शुरुआत कर रहे हैं. हालांकि, जैसे-तैसे उनकी शुरुआत हुई. लेकिन उनका काम ऐसे हुआ कि अगस्त 2011 तक, उनके पास 25 लोगों की टीम बन चुकी थी और वह भी बिना किसी ब्रांड नाम के. आशीष और अंबरीश ने अपनी सेविंग्स इसमें लगाई थी. और फंडिंग मिल नहीं रही थी.
स्ट्रेस से कुछ इस तरह किया डील
मीडिया रिपोर्ट्स की बात करें तो बताया जाता है कि जून-अगस्त का वेतन देने के बाद उनके पास मुश्किल से लगभग 10 लाख रुपये बचे थे. इसलिए, वे सभी 25 लोगों को गोवा घुमाने ले गए. फाउंडर्स का मानन था कि भले ही हमें पैसे का नुकसान हो रहा हो, लेकिन मौज-मस्ती का भी यह आखिरी मौका नजर आ रहा था. इसलिए उन्होंने स्ट्रेस को कुछ अलग तरह से डील किया और ट्रिप पर गए.
और उनकी पॉजिटिविटी का कुछ ऐसा जादू हुआ कि कुछ ही हफ्तों में चीजें ठीक हो गईं और पेप्परफ्राय ने सीरीज ए में 5 मिलियन डॉलर जुटा लिए. इससे प्रेरित होकर टीम काम पर वापस आ गई, और शुरुआत में आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया. मार्केटिंग टीम छह महीने बाद आई. एक साल तक बैकएंड प्रोसेस के निर्माण के बाद, अगस्त 2012 में, पेप्परफ्राय को ग्राहकों के लिए लॉन्च किया गया.
पहले ही दिन मिले 1400 ऑर्डर
पहले ही दिन मात्र कुछ घंटों में उन्हें 1,400 ऑर्डर मिले. उन्हें इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी; उनकी योजना छह महीने में प्रतिदिन 40-50 ऑर्डर लेने की थी! लेकिन लॉन्च के दिन देर रात तक हमारी वेबसाइट ज्यादा ट्रैफिक के कारण क्रैश हो गई! पूरी पेप्परफ्राय टीम को सभी ग्राहकों को फोन करना पड़ा और उन्हें आश्वस्त करना पड़ा कि हमें उनके पैसे मिल गए हैं और उनका ऑर्डर भेज दिया जाएगा.
उन्होंने पहले साल एक होटल में अपना ऑफिस रखा लेकिन जब पेप्परफ्राय पहला ऑफिशियल ऑफिस 2012 में कोहिनूर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में खुला. इसके और पांच महीनों के भीतर, उन्होंने ऑफिस के बगल की जगह को भी किराए पर ले लिया.
2013 में बनी फर्नीचर व होम डेकॉर कंपनी
2013 की शुरुआत में फिर से एक शुरुआत करते हुए, आशीष और अंबरीश ने फर्नीचर और होम फर्निशिंग की ओर रुख किया क्योंकि होरिजॉन्टल मार्केट से कोई लाभ नहीं हो रहा था. दूसरी ओर, फ़र्नीचर सेक्टर लगभग 45 प्रतिशत मार्जिन देता है.
अपने इस बिजनेस के लिए उन्हें ग्राहकों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली. उस समय ऑनलाइन फ़र्नीचर व्यवसाय शुरुआती स्टेज पर अप्रैल 2013 में, फ़र्नीचर डिलीवरी के लिए 10 ट्रक लिए. हालांकि, अब उनके पास सैकड़ों ट्रक हैं. इससे नुकसान एक प्रतिशत से भी कम हो गया है.
15 लोगों ने नहीं ली थी 50% सैलरी
2013 में एक समय ऐसा भी आया कि उनकी फंडिंग ख़त्म हो गई थी. ऐसे में, कंपनी के टॉप मैनेजमेट में 15 लोगों ने अनिश्चित काल के लिए 50 प्रतिशत वेतन कटौती करने का फैसला किया था ताकि वे जूनियर स्तर पर किसी को भी नौकरी से न निकालें. अब पेप्परफ्राय टीम में अब 500 से ज्यादा लोगों की हो गई है. कंपनी ने समय-समय पर नई उपलब्धि हासिल की हैं.
साल 2017 में उन्होंने तीन मिलियन लोगों तक अपनी पहुंच बनाई और साथ ही, 30 हजार पेड़ लगाए. साल 2018 तक उन्होंने 10 इनृहाउस ब्रांड्स लॉन्च किए. वहीं, साल 2020 में कोरोना का असर उनपर भी पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
10 मिलियन से ज्यादा ग्राहक
फिलहाल, पेप्परफ्राय के पास 200 से ज्यादा स्टूडियो हैं और वे 500 से ज्यादा शहरों में डिलीवरी कर रहे हैं. उनसे अब तक 10 मिलियन ग्राहक जुड़ चुके हैं. समय-समय पर उन्होंने कई अवॉर्ड भी जीते हैं.