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Bank Locker: बैंक लॉकर से सामान गायब हो जाए तो क्या होगा? क्या बैंक देगा हर्जाना, लॉकर खोलने से लेकर उसमें सामान रखने तक के नियम के बारे में जानिए

Bank Locker: लॉकर खुलवाने का चार्ज सभी बैंको में अलग-अलग होता है. लॉकर के साइज और लोकेशन के आधार पर इसके सालाना चार्ज भी फिक्स किए जाते हैं. बैंक में लॉकर लेने के लिए सबसे पहले आपको एक एप्लीकेशन देनी होती है.

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हाइलाइट्स
  • लॉकर में रखा सामान खो जाए तो बैंक जिम्मेदारी लेगा?

  • बैंक लॉकर से जुड़ी जरूरी बातें

लोग अपने कीमती समान रखने के लिए बैंक लॉकर (Bank Locker) लेते हैं लेकिन तब क्या हो जब लॉकर में ही आपका सामान सेफ न हो. दिल्ली में एक महिला और उसकी बेटी ने मिलकर बैंक के लॉकर से दूसरे शख्स की ज्वैलरी चुरा ली.

दरअसल जिस बैंक से महिला ने गहने चुराए उस बैंक में उसका भी अकाउंट था. बैंककर्मी ने महिला को गलती से दूसरे शख्स के लॉकर की चाबी दे दी थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला और उसकी बेटी ने जब लॉकर खोला तो उन्हें इसमें कीमती गहने दिखे. इसके बाद उन्होंने सामान चुरा लिया और चाबी वापस बैंककर्मी को दे दी. इस पूरे मामले में बैंक की भी गलती साफ नजर आ रही है. मामले में बैंक से भी पूछताछ की जाएगी कि आखिर इतनी बड़ी गलती कैसे हुई.

अगर आप भी अपने लिए बैंक लॉकर (Bank Locker) लेने की सोच रहे हैं तो पहले इसके बारे में कुछ बुनियादी बातें जान लेना आपके लिए जरूरी है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर किस तरह आप बैंक लॉकर ले सकते हैं, इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं और इससे जुड़े नियम क्या है.

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बैंक लॉकर से जुड़े जरूरी नियम
बैंक में लॉकर लेने के लिए सबसे पहले आपको एक एप्लीकेशन देनी होती है. आप किसी भी बैंक में लॉकर ले सकते हैं. हालांकि आपको लॉकर जिस भी बैंक के भ्रांच में चाहिए एप्लीकेशन आपको वही देनी होगी. लॉकर की सुविधा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाती है. अगर वेटिंग लिस्ट में आपका नाम है, तो लॉकर खाली होने के बाद ही आपको यह मिल सकता है.

लॉकर के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
लॉकर की सुविधा पाने के लिए पैन कार्ड या आधार कार्ड  के अलावा हाल ही में ली गई तस्वीर के साथ ही आइडेंटिफिकेशन प्रूफ और एड्रेस प्रूफ भी जमा करना होता है. इसके अलावा बैंक खाते में  मिनिमम अमाउंट भी होना चाहिए.

क्या लॉकर में रखा सामान खो जाए तो बैंक जिम्मेदारी लेगा?
बैंक लॉकर के नियमों के अनुसार चोरी, धोखाधड़ी, आपात स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना तक होगी. इसके अलावा बैंक ग्राहक को लिखित में जानकारी दिए बगैर लॉकर नहीं तोड़ सकते. आग, चोरी, डकैती या प्राकृतिक आपदा में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए बैंक अपनी ब्रांच का इंश्योरेंस कराते हैं. प्राकृतिक आपदाओं के मामले में बैंक की कोई लायबिलिटी नहीं होती है.

लॉकर खुलवाने कितने पैसे देने पड़ते हैं?
लॉकर खुलवाने का चार्ज सभी बैंको में अलग-अलग होता है. लॉकर के साइज और लोकेशन के आधार पर इसके सालाना चार्ज भी फिक्स किए जाते हैं. SBI में बैंक लॉकर का चार्ज 2 हजार से 12 हजार तक है. कैनरा बैंक में ये चार्ज 2 हजार से 10 हजार तक है. HDFC में यह चार्ज 3 हजार से 20 हजार तक है. ICICI बैंक में यह चार्ज 1200 रुपये से शुरू होकर 5 हजार तक जाता है. PNB बैंक लॉकर के लिए 1250 से 10 हजार रुपये तक चार्ज करती है.

क्या बैंक लॉकर में सेफ होता है सामान?
लॉकर काफी हद तक सुरक्षित होते हैं, क्योंकि अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने चोरी, धोखाधड़ी की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी तय की है. हालांकि बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक ही होगी, इसलिए आपको 100 गुने से अधिक कीमत का सामान लॉकर में रखने से बचना चाहिए. 

लॉकर है तो रखें इन बातों का ध्यान

  • लॉकर की फीस का भुगतान समय पर करें.

  • लॉकर घर के जितना पास हो उतना ही बेहतर है.

  • लॉकर में रखें सामान की लिस्ट अपने पास रखें.

  • अपना लॉकर समय-समय पर चेक करते रहें.

  • बैंक एग्रीमेंट की कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें.

  • लॉकर की चाबी संभाल कर रखें. 

  • बैंक लॉकर में आप कैश नहीं रख सकते हैं.

  • लॉकर में रखी चीजों का इश्योरेंस नहीं होता है.