बात चिक्की की हो और आपके-हमारे मुंह में पानी न आए, ऐसा भला हो सकता है. मुंगफली और गुड़ से बनी चिक्की का कोई जवाब नहीं. लेकिन आजकल आपको मार्केट में चिक्की के और कई वेरिएंट मिल जाएंगे जो स्वाद के साथ-साथ पोषण से भी भरपूर हैं. जी हां, आज हम आपको बता रहे हैं मिलेट्स से बनने वाली चिक्की के बारे में. रागी, बाजरा, ज्वार और मुंगफली से बनी चिक्की हर तरह से बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए अच्छी है.
और इस पोषण से भरपूर चिक्की को आप तक पहुंचाने का काम कर रही है हैदराबाद स्थित एक मिलेट स्नैक कंपनी, जिसका नाम है Troo Good. अपने नाम की ही तरह इनकी चिक्की भी ट्रू गुड है और इसलिए ही चंद सालों में ही कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है. यह कहानी है आंध्र प्रदेश के रहने वाले राजू भूपति और उनके पैशन की.
अमेरिका से छोड़ दी नौकरी
आंध्र प्रदेश के अमलापुरम से ताल्लुक रखने वाले राजू ने ऑर्गनिक केमिस्ट्री में मास्टर्स की और इसके बाद कई सालों तक अमेरिका में काम किया. हालांकि, उनका हमेशा से एक ही सपना था कि वह अपना खुद का बिजनेस करें. और अपने इसी पैशन के लिए वह साल 2012 में अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर वतन वापस लौट आए. भारत आकर उन्होंने अपना क्लाउड किचन शुरू किया.
साल 2017 तक उन्होंने क्लाउड किचन चलाया. लेकिन फिर उन्हें लगा कि उन्हें फूड और न्यूट्रिशन के बारे में कुछ करना चाहिए. वह क्लाउड किचन में मिलेट्स इस्तेमाल करते थे और उन्होंने इन्हीं मिलेट्स से कोई ऐसा स्नैक बनाने की सोची जिसे कोई भी आसानी से अपनी डाइट में शामिल कर सकता है. यह स्नैक था मिलेट्स की चिक्की.
शुरू की Millet Snack Company
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) का कहना है कि मिलेट्स कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ ग्लूटेन-मुक्त होने के साथ-साथ एंटीऑक्सिडेंट, खनिज, फाइबर, आयरन और प्रोटीन देते है. इन्हें उगाना किफायती भी है क्योंकि इनमें कम पानी और कम कीटनाशकों की आवश्यकता होती है, और यह जलवायु के अनुकूल भी हैं.
मिलेट्स के इन फायदों को जानकर उन्होंने मिलेट्स की चिक्की बनाना शुरू किया और इसे Troo Good ब्रांड के तहत मार्केट में लॉन्च किया. साल 2018 में उनकी यह बिजनेस शुरू हुआ और कुछ ही दिनों में उन्हें बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिलने लगा. उनकी शुरुआत हर दिन 100 किलो की बिक्री से शुरू हुई जो 5000 किलो से ज्यादा पहुंच चुकी है. उन्हें देशभर से अच्छी रेस्पॉन्स मिल रहा हैं.
कंपनी कई रिटेल और इंस्टिट्यूशनल चैनलों के माध्यम से हर महीने 2 करोड़ से ज्यादा पौष्टिक बाजरा स्नैक बार बेचती है. बता दें, ट्रू गुड को किफायती पोषण देने के क्षेत्र में काम करने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) द्वारा मान्यता दी गई है.