देश की सबसे बड़ी ड्रोन कंपनी आइडियाफोर्ज टेक का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. 567 करोड़ रुपए के इस इश्यू के तहत नए शेयर भी जारी होंगे और ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत भी शेयरों की बिक्री होगी. आईपीओ खुलने से पहले ही कंपनी 23 एंकर निवेशकों से करीब 254 करोड़ रुपए जुटा चुकी है. कंपनी का आईपीओ 29 जून तक खुला रहेगा.
किसके लिए कितना हिस्सा है रिजर्व-
इस आईपीओ का 10 फीसदी हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है. जबकि 70 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए है. इसके अलावा 15 फीसदी हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है. शेयरों का अलॉटमेंट 4 जुलाई को किया जाएगा. आइडियाफोर्ज आईपीओ की लिस्टिंग 7 जुलाई को बीएसई और एनएसई पर हो सकती है.
डुअल यूज ड्रोन बनाती है कंपनी-
आइडियाफोर्ज कंपनी सिक्योरिटी और सिविल दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए ड्रोन्स बनाती है. कंपनी के पास आर्मी, डीआरडीओ और राज्यों की पुलिस विभाग के लिए ड्रोन्स बनाने के ऑर्डर हैं. साल 2021 में आइडियाफोर्ज ने ड्रोन्स बनाने के लिए सेना के साथ 164 करोड़ रुपए की डील की थी. कंपनी ने वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग ड्रोन विकसित करने वाली देश की पहली कंपनी के तौर पर पहचान बनाई है.
2007 में हुई थी कंपनी की शुरुआत-
16 साल पहले यानी साल 2007 में आइडियाफोर्ज की शुरुआत हुई थी. आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले 3 छात्रों अंकित मेहता, राहुल सिंह और आशीष भट्ट ने ड्रोन बनाने वाली कंपनी की स्थापना की थी. बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक आइडियाफोर्ज के सीईओ अंकित मेहता ने बताया कि साल 2004 में हमने एक क्वाडकॉप्टर कॉन्सेप्ट के साथ पहला इनोवेटिव हेलिकॉप्टर बनाया था. जिसे कॉलेज फेस्ट में इस्तेमाल किया था.
'थ्री इडियट्स' में दिखाई दिया था ड्रोन-
तीनों ने अपना पहला ड्रोन प्रोटोटाइप बनाया. जिसे साल 2009 में फिल्म 'थ्री इडियट्स' में दिखाया गया था. इसी साल कंपनी ने क्वाडरोटर कॉन्फिगरेशन के साथ अपना पहला ऑटोनॉमस माइक्रो अनमैंड एरियल व्हीकल (UAV) लॉन्च किया. साल 2014 तक कंपनी सरकारी एजेंसियों को 70 ड्रोन की डिलीवरी कर चुकी थी. साल 2016 में इंफोसिस की अगुवाई में 1.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली.
कई बड़ी घटनाओं में कंपनी के ड्रोन्स की ली गई मदद-
साल 2015 में नेपाल में भूकंप के दौरान काठमांडू और आसपास के इलाकों में खोजी और बचाव कामों में कंपनी के ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया था. इसी तरह से साल 2016 में पंपोर में आतंकी हमले में आइडियाफोर्ज यूएवी की मदद से आतंकवादियों के बारे में सटीक जानकारी हासिल की गई थी.
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