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Income Tax Return दाखिल करते समय सही फॉर्म चुनना जरूरी, नहीं तो रिजेक्ट हो सकता है आईटीआर, जानें आपके लिए कौन सा ITR Form रहेगा बेस्ट

ITR Filing 2024: Income Tax Department कमाई के हिसाब से टैक्स रिटर्न फॉर्म पेश करता है. टैक्सपेयर्स को उसी के हिसाब से आईटीआर दाखिल करना होता है. आईटीआर फॉर्म सात तरह के होते हैं.  आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है. 

ITR Filing 2024 ITR Filing 2024
हाइलाइट्स
  • कुल सात तरह के होते हैं आईटीआर फॉर्म 

  • 50 लाख रुपए सालाना आय वालों को भरना चाहिए आईटीआर-1 फॉर्म 

ITR Forms: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन (Deadline) अब पास आ गई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 23-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की है.

यदि आप टैक्सपेयर्स (Taxpayers) हैं और ITR भरना चाहते हैं तो सबसे जरूरी यह जनना है कि कौन सा आईटीआर फॉर्म आपके लिए सही है. गलत आईटीआर फॉर्म भरने से आपका आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है. यहां तक कि आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. 

आयकर विभाग ने कुल इतने ITR फॉर्म किए हैं जारी
आयकर विभाग अलग-अलग तरह की कमाई करने वालों के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म जारी करता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल सात आईटीआर फॉर्म जारी किए हैं. आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी इनकम यानी कमाई कहां से हो रही है. आपकी कुल इनकम कितनी है और आप व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), कंपनी आदि में से कौन सी श्रेणी में आते हैं. 

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कौन भर सकते हैं आईटीआर-1 फॉर्म 
ITR-1 Form या सहज फॉर्म वैसे लोगों के लिए है जिनकी कुल सलाना आय 50 लाख रुपए से अधिक नहीं है.यह कमाई सैलरी, पेंशन या अन्य सोर्सेज से हो सकता है. घर या प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले भी यह फॉर्म भर सकते हैं. 5000 रुपये की कमाई करने वाला किसान भी इस फॉर्म को भर सकता है. 

कौन नहीं भर सकते आईटीआर-1 फॉर्म 
एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से कमाई, कैपिटल गेन करने वाले, बिजनेस या अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश, एक बिजनेसमैन, व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित करने वाले, HNI इन्वेस्टर्स और किसी कंपनी का डायरेक्टर आईटीआर-1 फॉर्म को भरने के लिए योग्य नहीं हैं.

विदेशी भारतीय (NRIs) और अनिवासी भारतीय (RNOR) भी इस फॉर्म को नहीं चुन सकते  हैं. यदि आपको पूंजीगत लाभ हुआ है तो आपको ITR-1 फॉर्म का उपयोग नहीं करना चाहिए. यदि आप धारा 194N के तहत कर कटौती का दावा करते हैं तो आपको ITR-1 के बजाय ITR-2 या अन्य ITR फॉर्म का उपयोग करना होगा.

कौन भर सकता है आईटीआर-2 फॉर्म 
यदि आपकी सालाना इनकम 50 लाख रुपए अधिक है तो आप आईटीआर-2 फॉर्म भर सकते हैं. शॉर्ट टर्म, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले, खेती से 5000 रुपए से ज्यादा कमाई करने वाले, घुड़सवारी की सट्टेबाजी से इनकम, लॉटरी या लीगल गैंबलिंग से कमाई, किसी कंपनी में काम करने वाले या किसी कंपनी का डायरेक्टर आईटीआर-2 फॉर्म को भर सकते हैं. इसका मतलब यह है कि जो लोग ITR-1 दाखिल करने के लिए पात्र नहीं हैं, वे ITR-2 फाइल कर सकते हैं. कुछ खास शर्तों के तहत विदेशी भारतीय भी ITR-2 भर सकते हैं.

किसके लिए है ITR-3 फॉर्म
आईटीआर-3 फॉर्म को वे लोग या HUF भर सकते हैं, जिनकी कमाई अपने बिजनेस या पेशा से हो रही है. आईटीआर-2 से होने वाली कमाई करने वाले भी इसमें शामिल हैं. इसके अलावा अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों से कमाई करने वालों को भी यह फॉर्म भरना चाहिए. इसके साथ ही सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी आदि से यदि कमाई होती हो तो आईटीआर फॉर्म-3 आप भर सकते हैं. 

आईटीआर-4 फॉर्म कौन कर सकता है दाखिल
आईटीआर-4 फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए बनाया गया है जिनकी आय कई स्रोतों से आती है. यह फॉर्म खासतौर पर उन लोगों के लिए लागू होता है जिनकी आय आयकर अधिनियम की धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत निर्धारित आय अनुमान योजनाओं के आधार पर गणना की जाती है.

ये योजनाएं छोटे व्यापारों और पेशेवरों के लिए हैं जिनका टर्नओवर एक सीमा से कम है.नियमित वेतन या पेंशन से होने वाली आय को भी ITR-4 में दिखाया जा सकता है. इसे सुगम फॉर्म (SUGAM Form) भी कहा जाता है. बता दें कि इसमें अर्जित आय पर कोई सीमा नहीं है.

आईटीआर-5 फॉर्म
आपको मालूम हो कि आइटीआर-5 फॉर्म संस्थाओं के लिए होता है. ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं को आइटीआर-5 फॉर्म भरना होता है.

आईटीआर-6 फॉर्म
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक आईटीआर 6 फॉर्म उन कंपनियों के लिए होता है, जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 11 से संबंधित छूट का दावा नहीं कर रही होती है. 

आईटीआर-7 फॉर्म
वैसी कंपनियं सहित उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें सिर्फ धारा 139(4ए) या 139(4बी) या 139(4सी) या 139(4डी) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करना जरूरी है को आईटीआर-7 फॉर्म फाइल करना होता है. यह फॉर्म राजनीतिक पार्टियां, चिकित्सा संस्थान, अस्पताल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कोष, समाचार एजेंसियां, ज्ञानिक अनुसंधान संघ, व्यावसायिक ट्रस्ट आदि द्वारा भरा जाता है.

जीरो आईटीआर 
जीरो आईटीआर फॉर्म एक तरह का आईटीआर रिटर्न होता, जिसे निल आयकर रिटर्न फाइलिंग कहते हैं. यदि कोई व्यक्ति इनकम डिपार्टमेंट की ओर से जारी किए गए टैक्स स्लैब से बाहर होता है और फिर भी टैक्स रिटर्न फॉर्म भरता है तो इसे जीरो आईटीआर फाइलिंग माना जाता है.