भारत और यूके सरकार एक नई योजना शुरू करने वाली हैं जो 18-30 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले हजारों भारतीय नागरिकों के लिए नए अवसर लेकर आएगी. यूके और भारत 28 फरवरी 2023 को "यंग प्रोफेशनल्स स्कीम" लॉन्च करेंगे, जो भारतीय नागरिकों को यूके में दो साल तक रहने और काम करने की अनुमति देगी.
यह एक पारस्परिक कार्यक्रम है. जिसका मतलब है कि ब्रिटेन के प्रोफेशनल भी इसके तहत भारत में रहकर और काम कर सकेंगे. यह बयान 15वें भारत-ब्रिटेन विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के बाद जारी किया गया है. यूके होम ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने जून 2022 तक, 12 महीनों में यूके ने सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों को वीजा दिए है.
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी साथ कर रहे काम
यूके सरकार के एक बयान के अनुसार, ब्रिटेन के विदेश सचिव फिलिप बार्टन ने कहा कि यूके और भारत मिलकर आज दुनिया के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिनमें फूड और एनर्जी, सेफ्टी, कोविड के बाद आर्थिक सुधार और भविष्य की महामारियों को रोकना शामिल है.
उन्होंने यह भी कहा कि यूके और भारत संभावित मलेरिया और इबोला टीकों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सहित बहुपक्षीय रूप से तेजी से एक साथ काम कर रहे हैं. भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के केंद्र में है, जहां दुनिया के आधे लोग रहते हैं और वैश्विक आर्थिक विकास का 50% उत्पादन होता है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश भविष्य के संबंधों के लिए रोडमैप 2030 को अपनाने के साथ एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात
दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान, यूक्रेन, हिंद-प्रशांत, राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. यूके ने 2021-22 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के योगदान की सराहना की. ब्रिटेन ने इस वर्ष G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की प्राथमिकताओं की भी सराहना की.
पिछले साल नवंबर में, भारत में ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि भारतीय नागरिक 'वर्कर' वीजा लेने के लिए टॉप नेशनलिटी बने हुए हैं, जो कुल वीजा का 39% है.