
भारत सरकार हर साल 1 फरवरी को बजट पेश करती है, और इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक नहीं होती. दुनिया के कई देशों में बजट से पहले जानकारियां लीक होने की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन भारत में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है. यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक पूरी अच्छी खासी प्लानिंग होती है.
बजट पेश होने से 15 दिन पहले वित्त मंत्रालय में लॉकडाउन
जैसे ही बजट पेश होने की तारीख नजदीक आती है, वित्त मंत्रालय में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी जाती है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी मंत्रालय के गलियारों में तैनात हो जाते हैं.
बजट से एक हफ्ता पहले क्या होता है?
बजट से एक सप्ताह पहले, वित्त मंत्रालय को लगभग ‘नो-गो जोन’ बना दिया जाता है. केवल संयुक्त सचिव (Joint Secretary) लेवल या उससे ऊपर के अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति मिलती है. बजट के आखिर में ड्राफ्ट को बेहद गोपनीय रखा जाता है और इसे बजट पेश होने से केवल 24 घंटे पहले अंतिम रूप दिया जाता है.
डिजिटल तरीके से तैयार होती है बजट की कॉपी
अब बजट को डिजिटल रूप में तैयार किया जाता है, जिससे छपी हुई कॉपियों की संख्या में भारी कमी आई है. बजट की कॉपियां केवल कुछ ही लोगों को दी जाती हैं:
इसके अलावा, कर्मचारियों के कॉल रिकॉर्ड, विजिटर्स की लॉग बुक, मंत्रालय में आने-जाने वाले लोगों की गतिविधियों की कड़ी निगरानी रखी जाती है ताकि किसी भी तरह की जानकारी लीक न हो सके.
इतिहास में हुई हैं कई घटनाएं
हालांकि, भारत के बजट इतिहास में कुछ लीक की घटनाएं हो चुकी हैं.
इन घटनाओं के बाद सरकार ने बजट की सुरक्षा के लिए कई बड़े और सख्त कदम उठाए.
बजट छपाई की गोपनीयता
बजट पेश होने से केवल 24 घंटे पहले इसकी छपाई की जाती है, और यह प्रक्रिया भी बेहद गोपनीय होती है. बजट छपाई में लगे कर्मचारियों को पूरी तरह से आईसोलेट कर दिया जाता है. इसके अलावा, किसी भी तरह की बाहरी संचार सुविधा जैसे मोबाइल फोन, इंटरनेट, या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग पूरी तरह से बैन होता है. साथ ही छपाई की जगह पर भारी सुरक्षा व्यवस्था लागू होती है और कर्मचारियों को एक निर्धारित समय के लिए मंत्रालय में ही रहना पड़ता है.
आपको बता दें, भारत का बजट सिस्टम न केवल देश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी एक मिसाल है. एडवांस सेफ्टी सिस्टम और सख्त नियमों के कारण, भारत अपने बजट को लीक होने से बचाने में सफल रहा है.
(इनपुट-ऐश्वर्या पालीवाल)