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India-EFTA Deal: क्या है EFTA, भारत ने 16 साल बाद किया समझौता, Swiss Watches से लेकर Chocolates तक हो जाएगा सस्ता, 15 सालों में 100 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद

Free Trade Agreement: मुक्त व्यापार शुरू होने के बाद स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, लीशटेंस्टीन और नॉर्वे से भारत आने वाले सामनों की कीमतों में कटौती होगी. व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते के तहत ये देश अपने आयात शुल्क को कम करेंगे. वहीं भारत से जाने वाले वस्तुओं के आयात शुल्क में भी कटौती आएगी. 

India-EFTA Deal India-EFTA Deal
हाइलाइट्स
  • 21 दौर की चर्चा के बाद भारत-ईएफटीए के बीच हुई डील

  • रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर घड़ियों की कीमत हो जाएंगी कम

यदि आप स्विस घड़ियों (Swiss Watches) और चॉकलेट (Chocolates) के शौकीन हैं तो अब ये कम कीमतों पर आपको मिलेंगी. जी हां, भारत ने यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) से 16 सालों बाद एक बड़ी डील की है. इसके तहत जहां 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं भारत (India) में अगले 15 सालों के दौरान 100 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद है.

क्या है ईएफटीए 
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ चार यूरोपीय देशों का एक समूह है. इसके सदस्य देशों में  स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, लीशटेंस्टीन और नॉर्वे शामिल हैं. ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं.यह मुक्त ट्रेड को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है. इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे.

डील से जुड़े सभी देशों को होगा फायदा 
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने कहा कि भारत-ईएफटीए में आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर 16 वर्षों के बाद सहमति बनी है. इसकी शुरुआत जनवरी 2008 में हुई थी. 13 दौर की चर्चा के बाद 2013 में बातचीत रुक गई थी.

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इसके बाद ईएफटीए देशों के साथ अक्टूबर 2016 में एक बार फिर चर्चा शुरू हुई. कुल 16 सालों में 21 दौर की चर्चा के बाद अब डील पक्की हुई है.समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार, माल-सेवा व्यापार, निवेश प्रोत्साहन, सरकारी खरीद समेत 14 अध्याय शामिल हैं. पीयूष गोयल ने कहा कि इस डील में सभी के लिए मौका है और डील से जुड़े सभी देशों को इससे फायदा होगा. 

भारत ईएफटीए देशों को हर संभव सपोर्ट देगा 
भारत-ईएफटीए का द्विपक्षीय ट्रेड 2022-23 में 18.65 अरब डॉलर रहा था. 2021-22 में 27.23 अरब डॉलर और पिछले वित्त वर्ष में ट्रेड डेफिसिट 14.8 अरब डॉलर था.इसमें सबसे बड़ा हिस्सा स्विटजरलैंड का और दूसरी बड़ी हिस्सेदारी नॉर्वे की है. गोयल ने कहा कि भारत ईएफटीए देशों को हर संभव सपोर्ट देगा और इंडस्ट्री एंड बिसनेस को न केवल कमिटेड टारगेट को हासिल करने में बल्कि उनसे आगे बढ़ने में भी मदद करेगा. यह एग्रीमेंट हम सभी के लिए ज्यादा समृद्ध भविष्य की दिशा में हमारे राष्ट्रों की यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है.

संसद से मंजूरी का है अब इंतजार
व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौता अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश के लिए किया गया है. इस डील में लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. डील पूरी होने के बाद अब इंतजार इन देशों के संसद से मंजूरी का है. मंजूरी मिलने के बाद भारत से मुक्त व्यापार होगा. हालांकि इस समझौते के तहत एग्रीकल्चर, सोया, डेयरी और कोयला को इस डील में शामिल नहीं किया गया है.पीएलआई से जुड़े सेक्टर्स के लिए भारताय बाजार को नहीं खोला गया है. 

आयात शुल्क को कम करेगा इंडिया
इंडिया ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पादों पर क्रमिक रूप से सीमा शुल्क को खत्म कर देगा. इससे घरेलू ग्राहकों को कम कीमत पर इन उत्पादों तक पहुंच मिलेगी. स्विट्जरलैंड के कुछ प्रसिद्ध घड़ी ब्रांड्स में रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर हैं. स्विट्जरलैंड का ब्रांड नेस्ले भारतीय एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुएं) बाजार की प्रमुख कंपनी और चॉकलेट निर्माता है.

वर्तमान में भारत चॉकलेट और चॉकलेट प्रोडक्ट्स पर 30 प्रतिशत और स्विट्जरलैंड से आने वाली ज्यादातर घड़ियों पर 20 प्रतिशत की इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है. ईएफटीए देशों को भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट्स में ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल, ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और ज्वेलरी शामिल हैं. इसके अलावा इन देशों से सोना, फार्मास्यूटिकल्स, घड़ियां और शिप और बोट्स इंपोर्ट किए जाते हैं

यूरोपीय संघ सहित अन्य देशों से भारत कर रहा बात
भारत 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ (EU) के साथ अलग से एक वृहद मुक्त ट्रेड करार के लिए बातचीत कर रहा है.यूके के साथ  भारत  ऑटोमोबाइल, स्कॉच व्हिस्की, चॉकलेट और मीट प्रोडक्ट पर ड्यूटी में कटौती की मांग समेत अन्य ट्रेड डील पर चर्चा कर रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद यूके के साथ डील पक्की हो सकती है. इससे पहले भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और आस्ट्रेलिया के साथ FTA वार्ता को तेजी से पूरा करने की रणनीति अपनाई थी.