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अब Right to Repair पोर्टल पर आसानी से कराएं अपने इलेक्ट्रॉनिक्स को ठीक, जानिए कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल

भारत ने Right to Repair पोर्टल लॉन्च किया है. यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सेल्फ रिपेयर मैनुअल और अधिकृत थर्ड-पार्टी रिपेयर प्रोवाइडर्स की डिटेल्स देता है, जिससे ग्राहकों को अपने लैपटॉप, उपकरण को अन्य किसी लोकल दुकान पर बिना वारंटी खत्म की चिंता किए बनवा सकते हैं.

Right to repair portal Right to repair portal

वो दिन गए जब आपको अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को ठीक करवाने के लिए एक अधिकृत वर्कशॉप जाना पड़ता था और कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food, and Public Distribution) ने इस मुद्दे को हल करने और इसे अधिक उपभोक्ता-अनुकूल बनाने के लिए Right to Repair पोर्टल लॉन्च किया है.

यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सेल्फ रिपेयर मैनुअल और अधिकृत थर्ड-पार्टी रिपेयर प्रोवाइडर्स की डिटेल्स देता है, जिससे ग्राहकों को अपने लैपटॉप, उपकरण को अन्य किसी लोकल दुकान पर बिना वारंटी खत्म की चिंता किए बनवा सकते हैं. पोर्टल में चार क्षेत्र शामिल हैं: कृषि उपकरण, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं और ऑटोमोबाइल उपकरण.

The Right to Repair पोर्टल उत्पाद की मरम्मत और रखरखाव, रिपलेस्मेंट पार्ट्स और वारंटी जानकारी सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है. ग्राहक अधिकृत सर्विस प्रोवाइडर्स और उत्पाद वारंटी के डिटेल्स और उत्पाद के रखरखाव और मरम्मत की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.

क्या है राइट टू रिपेयर?
अभी ग्राहको को मोबाइल, लैपटॉप या कार की रिपेयरिंग के लिए कंपनी के सर्वीस सेंटर ही जाना पड़ता है. बाहर से रिपेयरिंग कराने पर इसकी वारंटी खत्म हो जाती है. लेकिन राइट टू रिपेयर कानून लागू होने पर ग्राहक को इसकी छूट मिल जाएगी. मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को प्रोडक्ट्स की जानकारी ग्राहको को देनी होगी, जिससे वे कहीं भी इन प्रोडक्ट्स को रिपेयर करा सकेंगे.यानी की एक तरीके से ग्राहक समान कहां से बनवाना है इस पर निर्णय लेने को लेकर फ्री होगा. उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति का लैपटॉप, मोबाइल आदि चीजें खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वह इसे ठीक करने के लिए वह किसी सर्विस सेंटर में ले जाता है लेकिन राइट टू रिपेयर के तहत उस सर्विस सेंटर को उस गैजेट को ठीक करके देना होगा. वह उसे यह कहकर ठीक करने मना नहीं कर सकता कि वह पार्ट पुराना हो गया है और उसे अब रिपेयर नहीं किया जा सकता. ऐसे में कंपनी ग्राहक को नया सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है. राइट टू रिपेयर कानून के तहत कंपनी ग्राहकों के पुराने सामान को रिपेयर करने से मना भी नहीं कर सकती.

राइट टू रिपेयर पोर्टल का उपयोग कैसे करें

1. भारत में राइट टू रिपेयर पोर्टल वेबसाइट तक पहुंचने के लिए, यहां क्लिक करें. होमपेज पर आने के बाद विजिटर्स आसानी से पोर्टल द्वारा कवर की जाने वाली विभिन्न उत्पाद श्रेणियों की पहचान कर सकते हैं. इनमें कृषि उपकरण, मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक्स डिस्प्ले/डेटा स्टोरेट कंपोनेंट्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल और ऑटोमोबाइल इक्विपमेंट शामिल हैं.

2. राइट टू रिपेयर पोर्टल पर मोबाइल फोन के लिए कस्टमर केयर की जानकारी प्राप्त करने के लिए दो विकल्प उपलब्ध हैं. कोई भी होमपेज पर सूचीबद्ध ब्रांड नामों पर क्लिक कर सकता है या शीर्ष मेनू बार पर स्थित कस्टमर केयर टैब पर नेविगेट कर सकता है, मोबाइल का चयन कर सकता है और फिर ब्रांड नाम का चयन कर सकता है.

3. वर्तमान में, सैमसंग ने राइट टू रिपेयर पोर्टल पर तीन मॉडल, गैलेक्सी S23/S23+, गैलेक्सी Z और गैलेक्सी A को शामिल किया है.

4. यदि आप गैलेक्सी ए विकल्प पर क्लिक करते हैं, तो आपको बेसिक इंफॉर्मेशन सेक्शन के तहत उत्पाद विवरण और उत्पाद पंजीकरण के लिए क्लिक करने योग्य लिंक मिलेंगे.

प्रोडक्ट जानकारी में फोन नंबर, ईमेल पते और संचालन के घंटे सहित ग्राहक सहायता संपर्क विवरण के लिए एक डेडिकेटेड सेक्शन के साथ वारंटी जानकारी और नियम और शर्तों के लिए बाहरी लिंक प्रदान करती है. आप सेवा विवरण अनुभाग में अधिकृत सेवा केंद्रों, मरम्मत नियमावली और मान्यता प्राप्त बहु-ब्रांड स्टोर/केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. लोकप्रिय मोबाइल फोन और एक्सेसरी ब्रांड जैसे कि Apple, Samsung, Oppo और Boat सूचीबद्ध हैं और उम्मीद है कि जल्द ही और ब्रांड जुड़ेंगे.