दुनियाभर में मंदी की दस्तक के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर दमदार होकर उभरा है. एक तरफ जहां भारत सरकार ने तमाम चुनौतियों के बावजूद 2030 से पहले अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. जबकि अब खुशखबरी यह है कि अब विश्व के जाने-माने अर्थशास्त्री भारत में भरोसा जता रहे हैं. साथ ही यहां की अर्थव्यवस्था के इस लक्ष्य का दोगुना हासिल करने की उम्मीद जताने लगे हैं.
भारत बन सकता है 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गौरिनचास ने भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ के पुल बांधे हैं. उन्होंने कहा है कि भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. गौरिनचास ने कहा कि 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता सभी देशों में नहीं होती. कुछ देशों के लिए तो ये लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल है. लेकिन भारत इस लक्ष्य को हासिल करने की क्षमता रखता है. लेकिन इसके लिए भारत को संरचनात्मक सुधार करने की जरूरत है. भारत में 6.8 या 6.1 फीसदी की दर से विकास बड़ी बात है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर की ये रफ्तार एक बेहतरीन संकेत है. किसी भी देश का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि कई देशों ने 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता तेजी से पार किया है.
IMF चीफ ने दिया फॉर्मूला
भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था कैसे बने, इसके लिए गौरिनचास ने एक फॉर्मूला भी सुझाया है. गौरिनचास की मानें तो शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने मानव संसाधन में भी निवेश बढ़ाने की सलाह दी है. उन्होंने सड़कों और बुनियादी ढांचे में निवेश को सही बताया. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के विकास दर का अनुमान 60 बेसिस प्वाइंट्स तक घटा दिया था. इसके बावजूद IMF ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी करार दिया.
IMF को है भारत पर भरोसा
इस सिलसिले में IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि, "भारत तमाम समस्याओं और निराशाओं के बीच एक चमकदार जगह कहलाने का हकदार है, क्योंकि इस कठिन समय में भी वह एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था साबित हो रहा है. भारत इस वक्त अंधेरे में रोशनी की किरण के रूप में उभरा है. इस कठिन समय के दौरान भी भारत ने ढांचागत सुधारों के जरिए अपने विकास को बरकरार रखा है, जो सराहनीय है."
भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ने से आपको कैसे होगा फायदा?
अभी भारत की अर्थव्यवस्था का आकार करीब साढ़े 3 ट्रिलियन डॉलर है. वहीं चीन की अर्थव्यवस्था करीब 12 ट्रिलियन डॉलर की है. चीन में प्रति व्यक्ति सालाना आय करीब 11 हजार डॉलर है. जबकि भारत में प्रति व्यक्ति सालाना आय करीब 2200 डॉलर है. आर्थिक सुधारों के 31 साल में अब तक भारतीयों की आय महज 5 गुना बढ़ी है, जबकि इस अवधि में चीन में प्रति व्यक्ति आय 24 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में अगर भारत 10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बन जाता है तो लोगों की आमदनी बढ़ेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होने की भी उम्मीद है. इसके लिए जीडीपी को पांच साल तक लगातार 9 फीसदी की दर से बढ़ाना होगा, जो आसान नहीं है, तो बहुत मुश्किल भी नहीं है.