अगर आपके पास हौसला और जुनून के साथ रिस्क लेने की क्षमता है तो आपको बड़ी सफलता जरूर मिलेगी. उत्तर प्रदेश के एक शख्स पर ये लाइन पूरी तरह से सटीक बैठती है. अमेरिका में HCL कंपनी में इस शख्स की अच्छी-खासी नौकरी चल रही थी. लेकिन ये कुछ अलग करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने जॉब छोड़ दी और भारत लौट आए. उन्होंने इंडियामार्ट (IndiaMART) की शुरुआत की. इस शख्स का नाम दिनेश अग्रवाल (Dinesh Agarwal) है और उनकी कंपनी का कारोबार हजारों करोड़ में है.
अमेरिका में छोड़ी अच्छी-खासी नौकरी-
दिनेश अग्रवाल का जन्म 19 फरवरी 1969 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. उन्होंने कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (अब हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी) से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने कई कंपनियों में काम किया. दिनेश अग्रवाल ने सीएमसी कंपनी में काम किया. इस दौरान उन्होंने भारत का पहला रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम डेवलप किया. इसके बाद उन्होंने सैम पित्रोदा के साथ काम किया.
साल 1992 में दिनेश अग्रवाल ने अमेरिका में बड़ी टेक कंपनी HCL में काम करना शुरू किया. नौकरी से उनको अच्छी-खासा पैसा मिल रहा था. लेकिन वो कुछ अलग करना चाहते थे. उनका मन जॉब से ऊब चुका था. साल 1995 में दिनेश अग्रवाल ने बड़ा फैसला लिया और अमेरिका में जॉब छोड़ दी. इसके बाद वो अपनी फैमिली के साथ भारत लौट आए.
इंडियामार्ट की शुरुआत-
भारत लौटने के बाद दिनेश अग्रवाल ने उन्होंने कुछ नया करने की सोची. साल 1996 में उन्होंने अपने भाई बृजेश अग्रवाल के साथ मिलकर इंडियामार्ट की शुरुआत की. इसका टैगलाइन था- द ग्लोबल गेटवे टू इंडियन मार्केटप्लेस. इस कंपनी का मकसद भारत के निर्यातकों की विदेश में पहुंच आसान बनाना है. दिनेश अग्रवाल ने इसकी शुरुआत सिर्फ 40 हजार रुपए से की थी.
इंडियामार्ट ने शुरू में सिर्फ एक्सपोर्ट करने वालों पर फोकस किया. साल 1997 से साल 2001 तक इंडियामार्ट ने हर एक्सपोर्ट को फ्री में लिस्टिंग की. उस बिजनेस के बारे में रोजाना इंक्वायरी को शाम को छापते थे और रात में फैक्स के जरिए भेजते थे. इंडियामार्ट के ऑनलाइन-ऑफलाइन हाइब्रिड मॉडल ने एक्सपोर्ट बिजनेस को दुनिया में बड़ा बना दिया.
भारत में बिजनेस का विस्तार-
जब साल 2007-08 में दुनिया में मंदी आई और एक्सपोर्ट का काम कम हो गया तो दिनेश ने इंडियामार्ट का फोकस भारत में किया. कंपनी ने थोक विक्रेता और रिटेलर को क प्लेटफॉर्म पर लेकर आई. वो अपनी जरूरत के मुताबिक इंक्वायरी डाल सकते थे और माल खरीद सकते थे. इंडियामार्ट ने भारत में धूम मचा दिया. कंपनी का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा. कंपनी ने 52 हफ्ते के भीतर 52 ऑफिस खोले.
मार्च 2024 तक दिनेश अग्रवाल के पास 9 कंपनियों में हिस्सेदारी है. दिनेश अग्रवाल की खुद की नेटवर्थ 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक है. उनके पास 17 हजार करोड़ से अधिक की कंपनी है. दिनेश ने इंडियामार्ट के अलावा कई और भी स्टार्टअप्स में निवेश किया है. इसमें Curofy, SilverPush, MoneyyApp, InnerChef और Wishberry कंपनियां शामिल हैं. उन्होंने अब तक 45 से अधिक फर्मों में निवेश किया है.
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