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केबिन बैग के साथ जाओ, सस्ता टिकट पाओ! हवाई सफर के लिए बड़ा ऑफर दे सकती हैं Airlines कंपनियां

Flight Ticket Offer: भारतीय एयरलाइंस अगर केबिन बैग पर किराया छूट का ऑफर देती है तो इससे 40 फीसदी घरेलू मुसाफिरों को फायदा होगा. फिलहाल कंपनियां इस स्कीम को लाने पर विचार कर रही हैं. यूरोप और अमेरिका की एयलाइंस में इस स्कीम का फायदा मुसाफिरों को मिल रहा है.

केबिन बैग के साथ सफर पर ऑफर देने पर विचार कर रही हैं एयरलाइंस कंपनियां केबिन बैग के साथ सफर पर ऑफर देने पर विचार कर रही हैं एयरलाइंस कंपनियां

आप केबिन बैग के साथ हवाई सफर करते हैं और आपका टिकट सस्ता हो जाता है. क्या ऐसा संभव है? तो आपको बता दें कि एयरलाइंस कंपनियां उन मुसाफिरों को किराए में विशेष छूट देने पर विचार कर रही हैं, जो अपने साथ कैरी-ऑन सामान के साथ सफर करते हैं.

घरेलू मुसाफिरों को होगा फायदा-
इस स्कीम से घरेलू मुसाफिरों को ज्यादा फायदा होगा. मिंट की खबर के मुताबिक सस्ते किराए की स्कीम से कारोबारी और कॉरपोरेट अधिकारियों जैसे 40 फीसदी घरेलू मुसाफिरों को लाभ होगा. कंपनियां इस स्कीम के जरिए मुसाफिरों को ज्यादा से ज्यादा सफर करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी. 
एक ऑनलाइन ट्रेवल ऑपरेटर के एक अधिकारी के मुताबिक इंडियन एयरलाइंस स्टडी कर रही है कि इस स्कीम को किन रूटों पर ऑफर किया जा सकता है. हम जानते हैं कि वे एक केबिन बैग के साथ सफर करने वालों को कम किराए का ऑफर देने की तैयारी कर रहे हैं. इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा छोटे और मझोले उद्यमी उठाएंगे.

अभी क्या है भारत में नियम-
फिलहाल ज्यादातर घरेलू रूटों पर कम किराए का ऑफर 8 किलोग्राम केबिन बैग और 15-25 किलोग्राम वजन वाले चेक-इन सामानों तक है. कोई भी इंडियन एयरलाइंस सिर्फ केबिन बैग पर किराए का ऑफर नहीं देती है. जबकि कई देशों में ऐसी सुविधा है. सिंगापुर एयरलाइंस की कम लागत वाली सहयोगी कंपनी स्कूट भारत से जीरो बैगेज फेयर ऑफर करती है.

2017 में हुई थी कोशिश, हुआ था विवाद-
भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइंस इंडिगो का कहना है कि इस योजना पर विचार कर रही है. इंडिगो का कहना है कि वो कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए विकल्प और नियमों में लचीलापन के लिए अपने कायदे-कानून का समीक्षा करते रहेंगे. ऐसा पहली बार नहीं है, जब एयरलाइंस ने मुसाफिरों के विशेष किराए की शुरुआत की है. इससे पहले साल 2017 में कोशिश की गई. लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली थी. एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने इसे खारिज कर दिया था. इस मसले पर विमानन नियामक और फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस के बीच मदभेद था. साल 2017 में इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में उठाया गया था. कोर्ट ने एयरलाइंस के हक में फैसला सुनाया था.

यूरोप और अमेरिका में लागू है नियम-
छोटी दूरी की उड़ानों के लिए यूरोपीय और अमेरिकी एयरलाइंस में हैंड बैगेज ओनली फेयर का नियम है. जबकि इंडियन एयरलाइंस एस दिशा में आगे कर रही हैं. इससे ईंधन बचाने में मदद मिलती है और कार्गो में दूसरी चीजों के लिए जगह खाली रहती है.
कुछ साल पहले इंडिगो, स्पाइसजेट और एयरएशिया ने जीरो बैगेज फेयर की शुरुआत की थी. लेकिन बाद में इसे वापस लेना पड़ा था. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस स्कीम को लागू किया जाता है तो केबिन बैग के साथ सफर करने वाले मुसाफिरों की संख्या में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.

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