रेल मंत्रालय ने टिकटों के कैंसलेशन और रिफंड को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. रेल मंत्रालय ने कहा है कि टिकट के रिफंड को लेकर नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि टिकट कैंसिल होने की स्थिति में टिकट का पूरा पैसा और बुकिंग के समय लिया गया जीएसटी यात्री को पूरी तरह से वापस किया जाएगा.
बता दें, 23 सितंबर 2017 को जो निर्देश जारी किए गए थे उनमें कहा गया था कि अगर कोई यात्री टिकट कैसिंल करता है तो उसे बुकिंग राशि और जीएसटी पूरी वापस कर दी जाएगी.
हालांकि, रेलवे ने रिफंड के नियमों का हवाला देते हुए ये भी कहा कि एसी क्लास या फर्स्ट क्लास की टिकटों पर कैंसिलेशन/क्लर्केज चार्ज और कैंसिलेशन/क्लर्केज चार्ज पर जीएसटी की राशि वापस नहीं की जाएगी. वित्त मंत्रालय की ओर से ये जीएसटी वसूला जाता है.
3 अगस्त को की थी गाइडलाइंस जारी
गौरतलब है कि 3 अगस्त को वित्त मंत्रालय ने कन्फर्म ट्रेन टिकट के कैंसिलेशन चार्ज पर जीएसटी लागू करने को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी. रेलवे की टैक्स रिसर्च यूनिट (TRU) ने सर्कुलर में बताया था कि टिकटों की बुकिंग एक ‘कॉन्ट्रैक्ट’ है जिसके तहत कस्टमर को सर्विस दी जाती है. यहां सर्विस प्रोवाइडर रेलवे है. सर्कुलर में कहा गया है कि एक क्लास के लिए रेलवे टिकटों के कैंसलेशन चार्ज पर उसी रेट से जीएसटी लगेगा जो उस वर्ग पर लागू है.
इसे कैसे समझा जाए?
आसान शब्दों में समझें, तो फर्स्ट क्लास या एसी कोचों के लिए 5 प्रतिशत जीएसटी रेट है. जबकि इस क्लास के लिए कैंसलेशन चार्ज 240 रुपये प्रति यात्री है. इसलिए, फर्स्ट क्लास या एसी कोच के के लिए कुल कैंसलेशन चार्ज ₹252 (₹12 टैक्स + ₹240) होगा. हालांकि, सेकेंड स्लीपर क्लास समेत अन्य कैटेगरी पर कोई जीएसटी नहीं है.