पिछले कुछ समय से आंत्रप्रेन्योरशिप ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. ज्यादातर लोग चाहते हैं कि वे अपना कोई बिजनेस, कोई स्टार्टअप शुरू करें. ठीक ऐसा ही किया इसरो के एक साइंटिस्ट ने. पूर्व इसरो साइंटिस्ट उथैया कुमार ने ST Cabs नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया है. उथैया कुमार एक इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम भी कर चुके हैं, लेकिन आखिरकार उन्होंने स्टार्टअप की राह चुनी. आज इनकी 1 साल की कमाई करीब 2 करोड़ रुपये है.
दरअसल, उथैया कुमार की जिंदगी से प्रभावित हो कर रामभद्रन सुंदरम उनके बारे में लिंक्डइन पर पोस्ट किया है. जब उन्होंने अपने कैब ड्राइवर उथैया कुमार की कहानी सुनी तो वे उनके बारे में पोस्ट करने से खुद को नहीं रोक पाए.
इसरो में रहे 7 साल
उथैया कुमार ने इसरो में सात साल बिताए, जहां उन्होंने रॉकेटों में लिक्विड फ्यूल की स्टेबिलिटी में सुधार करने पर काम किया. उनकी रिसर्च लिक्विड फ्यूल में बनने पर बबल्स को कम करने पर फोकस्ड थी. इसकी वजह से कई बार रॉकेट लॉन्च के दौरान विस्फोट भी हो जाता है. इस क्षेत्र में सफल होने के बावजूद, उथैया कुमार ने महसूस किया कि वे अपने करियर को पूरी तरह से एक नई दिशा में जाना चाहते हैं. 2017 में, अपने परिवार और दोस्तों के सपोर्ट से, उन्होंने इसरो छोड़कर कैब सर्विस में कदम रखा. उन्होंने अपनी कैब कंपनी का नाम अपने माता-पिता, सुकुमारन और तुलसी के नाम पर ST Cabs रखा.
एक सफल स्टार्टअप की कहानी है ये
उथैया कुमार का ये सफर काफी छोटे स्तर से शुरू हुआ, लेकिन समय के साथ तेजी से बढ़ा. आज, वह और उनके भाई 37 कारों को मैनेज कर रहे हैं और अलग-अलग ग्राहकों को सर्विस दे रहे हैं. लिंक्डइन पोस्ट के मुताबिक, उनकी कंपनी वर्तमान में हर साल 2 करोड़ रुपये की इनकम जेनरेट करती है.
लिंक्डइन पर रामभद्रन सुंदरम नामक व्यक्ति ने इस प्रेरणादायक कहानी को शेयर किया. रामभद्रन की मुलाकात इनसे कैब में ही हुई. अब ये पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है.
इसरो की छोड़ दी नौकरी
हालांकि, इसरो जैसी प्रतिष्ठित नौकरी से एक छोटी कैब सर्विस शुरू करने का कदम उठाना जोखिम भरा था. लेकिन उथैया कुमार ने अपने विजन को एक सफल बिजनेस में बदल दिया. पोस्ट पर कई कमेंट्स में यूजर्स अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं और उनकी तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने बताया कि उन्हें भी एक ऐसे उबर ड्राइवर से मिलने का अनुभव हुआ था जिनके पास कई बड़ी डिग्रियां थीं.
दूसरे लोगों ने बताया कि कैसे कैब ड्राइवरों से बात करके उन्हें समाज के दूसरे हिस्सों के बारे में जानने का मौका मिलता है. एक और यूजर ने लिखा, “ऐसी कई अनकही कहानियां हैं. उथैया कुमार की कहानी इस बात का एक उदाहरण है कि करियर में बदलाव, चाहे वह कैब सर्विस हो, व्यक्तिगत और आर्थिक सफलता का स्रोत बन सकता है.
उत्थया कुमार की कहानी उन अनकही कहानियों को भी दिखाती है जो समाज में छिपी होती हैं. कई पेशेवर, चाहे अपनी मर्जी से या परिस्थितियों के कारण, पारंपरिक करियर से हटकर अपने जुनून का पीछा करते हैं और अक्सर सफलता पाते हैं. उनकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो अपने करियर में बदलाव की कगार पर हैं या अपने जीवन में किसी मौके की तलाश कर रहे हैं.