इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की समय सीमा से पहले आयकर विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर आईटीआर-3 फॉर्म ऑनलाइन जारी कर दिया है. ITR-3 फॉर्म, जो इंडिविजुअल और हिन्दू उन अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के लिए डिजाइन किया गया है. ये वो लोग हैं जिनकी आय का स्रोत बिजनेस या व्यवसाय से होने वाले प्रॉफिट-गेन से आता है. आप इसे पोर्टल incometax.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं.
ITR-3 फॉर्म भरने के अलग-अलग तरीके
-आप इसे डिजिटल सिग्नेचर के तहत इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल कर सकते हैं.
-इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड के माध्यम से ITR-3 फॉर्म में इलेक्ट्रॉनिक रूप से डेटा जोड़कर.
-आपको पहले ITR-3 फॉर्म में डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ऐड करना होगा और फिर मेल द्वारा इनकम टैक्स ऑफिस में रिटर्न फॉर्म ITR-V में रिटर्न वेरिफिकेशन जमा करना होगा.
कैसे करते हैं आईटीआर फाइलिंग?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 (सोमवार) है. अगर आप आखिरी तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो उसके बाद आपको पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है. हालांकि, उससे पहले सभी टैक्सपेयर्स को अपना आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म 26AS की जांच करनी चाहिए. ये एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसमें वित्तीय वर्ष के दौरान आपकी इनकम से कितना और कहां टैक्स कटा है उसके बारे में सभी डिटेल होती हैं. फॉर्म 26AS की मदद से आप अच्छे से समझ सकेंगे कि आपका सही टैक्स कटा है या गलत.
इनकम के सभी सोर्स के बारे में डिटेल दें
आईटीआर दायर करते हुए एक और बड़ी गलती जो ज्यादातर टैक्सपेयर्स करते हैं कि वे इसमें सभी सोर्स को शामिल नहीं करते हैं. सैलरी, इंटरेस्ट इनकम, रेंटल इनकम और पूंजीगत लाभ सहित इनकम के सभी स्रोतों को आपको टैक्स रिटर्न में शामिल करना चाहिए.
टैक्स कटौती आपकी टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए जरूरी है. कई बार टैक्सपेयर्स सेक्शन 80सी के तहत निवेश या धारा 80डी के तहत मेडिकल एक्सपेंस जैसी कटौती का दावा करना भूल जाते हैं. उन सभी को इसमें शामिल करना सुनिश्चित करें.