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ITR Filing 2024: टैक्सपेयर्स ध्यान रखें! ITR भरते समय नहीं करें गलत HRA क्लेम, इन बातों का भी रखें ध्यान, गलत जानकारी पर भरना पड़ सकता है जुर्माना 

Income Tax Return: सैलरी का एक हिस्सा HRA होता है. इसे कोई नियोक्ता अपने कर्मचारियों को घर का किराया चुकाने में मदद करने के लिए देता है. यदि आप किराए के घर में रह रहे हैं तो टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. शहरों के अनुसार एचआरए लिमिट अलग-अलग है.

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हाइलाइट्स
  • आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारिख है 31 जुलाई 2024

  • टैक्स बचाने के लिए कर सकते हैं एचआरए क्लेम

इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2023-24 और असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 तय की है. इस तारीख से पहले आपको आईटीआर (ITR) भर लेना चाहिए क्योंकि इसके बाद आपको जुर्माना देना पड़ेगा.

आईटीआर दाखिल करते समय टैक्स बचाने के लिए गलती से भी गलत हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) छूट का दावा कैसे कर सकते हैं, किन-किन डाक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूरत और गलत एचआरए क्लेम पर किताना जुर्माना भरना पड़ सकता है? 

कौन कर सकता है HRA छूट का दावा
सैलरी का एक हिस्सा HRA होता है. इसे कोई नियोक्ता या कंपनी अपने कर्मचारियों को घर का किराया चुकाने में मदद करने के लिए देती है. यह अलाउंस टैक्सेबल होता है लेकिन कुछ शर्तों के तहत कर्मचारी इस पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. धारा 10 (13A) के तहत HRA छूट का दावा केवल तभी किया जा सकता है, जब कोई किराए के घर में रहता हो. इसके अलावा HRA प्राप्त न करने वाले टैक्सपेयर्स जैसे कि नॉन सैलरीड कर्मचारी कुछ लिमिट के तहत धारा 80GG के तहत अपने किराए के खर्चों के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. यदि आप अपने घर में रहते हैं तो आप एचआरए क्लेम नहीं कर सकते हैं.

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कितना मिल सकता है लाभ
HRA का सही तरीके से दावा करने से टैक्स डिडक्शन मिल सकता है. शहरों के अनुसार एचआरए लिमिट अलग-अलग है. चार मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में रहने वाले लोगों को एचआरए बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत है. अन्य शहरों के लिए एचआरए बेसिक सैलरी का 40 प्रतिशत है. इसके अलावा कुल सालाना आमदनी का 10 फीसदी मकान किराए के रूप में चुकाने पर. आपको मालूम है कि यह वह राशि है जो एचआरए के छूट के तहत आती है. इसमें से जो सबसे कम होगा, उस आधार पर HRA में टैक्स छूट दी जाती है. 

इन डाक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूर
Income Tax Return में HRA डिडक्शन क्लेम करने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है. यदि मकान का किराया सालाना एक लाख रुपए से अधिक है तो मकान मालिक से प्राप्त रसीद और मकान मालिक का पैन डिटेल देना होगा. रेंट एग्रीमेंट देना जरूरी है. रेंट एग्रीमेंट इस बात का सबूत होता है कि आपने आवाास किराए पर लिया है. डिडक्शन के लिए चालू वित्त वर्ष का वैलिड रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए. किराए पर लिए मकान के लिए आपने जो पेमेंट चुकाया है, उसक सबूत होना चाहिए. इसके लिए बैंक स्टेटमेंट, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन रिसिप्ट और दूसरे सबूत काम आ सकते हैं. यदि आप फैमिली मेंबर का किराया चुका रहे हैं तो भी डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं. 

... तो इतना देना पड़ सकता है जुर्माना
एचआरए क्लेम के लिए फर्जी प्रूफ देने से बचना चाहिए. देर-सबेर वे आयकर विभाग की नजरों में आ सकते हैं. गलत HRA दावा करने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है.  यदि कोई टैक्सपेयर्स गलत HRA क्लेम करता है या इनकम गलत बताया है तो बताई गई गलत इनकम पर देय टैक्स पर 50 फीसदी जुर्माना लगेगा. इनकम को छुपाने पर टैक्स देय राशि का 300 फीसदी तक जुर्माना देना होगा. ITR भरने के दौरान फॉर्म 16 बड़े काम आता है. HRA से लेकर अन्य छूट के लिए फॉर्म 16 महत्वपूर्ण है.

इन बातों का भी रखें ध्यान
ITR फॉर्म भरते समय फॉर्म में अपना नाम, पैन, पता और बैंक अकाउंट की डिटेल सही से भरें क्योंकि इनमें से कोई भी गलत होने पर आपका आईटीआर रिजेक्‍ट भी हो सकता है. इसके अलावा अपनी कमाई के अनुसार सही आईटीआर फॉर्म चुनना चाहिए. गलत फॉर्म चुनने पर आपका रिटर्न खारिज हो सकता है.

इतना ही नहीं आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. आईटीआर फॉर्म में सैलरी, ब्‍याज, किराए और निवेश से होने वाली इनकम की पूरी जानकारी देनी चाहिए. यदि आपने इनकम की सही जानकारी नहीं दी है तो आईटीआर भी खारिज हो सकता है और टैक्‍स चोरी की पेनाल्‍टी भी देनी पड़ सकती है. आईटीआर भरते समय यह जरूर देखिए कि नियोक्‍ता ने जो फॉर्म-16 दिया है, उसमें दिखाया गया टीडीएस आपके फॉर्म में लिखे टीडीएस के समान ही है या नहीं. टीडीएस की सही जानकारी नहीं देने पर भी आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है. आईटीआर भरने के बाद वेरिफाई जरूर करना चाहिए.