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ITR filing: कैसे चेक कर सकते हैं इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस, जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न तो फाइल कर दिया है और अब रिफंड का इंतजार कर रहे हैं. आपको बता दें, आयकर रिटर्न की ई-वैरिफिकेशन डेट से आईटीआर प्रोसेसिंग में 15-45 दिन लग सकते हैं.

ITR return filing ITR return filing
हाइलाइट्स
  • आईटीआर प्रोसेसिंग में 15-45 दिन का वक्त

  • रिफंड न आए तो क्या करें

इनकम टैक्स रिटर्न को दाखिल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है. अगर आपने अभी तक रिफंड फाइल नहीं किया है तो जल्द से जल्द कर लें. अभी इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाने की कोई जानकारी नहीं आई है. 31 जुलाई के बाद भरने वाली रिटर्न पर 5 हजार रुपए की पेनल्टी लगेगी.

पिछले साल कुल 8.14 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. 26 जुलाई तक 5 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं. 

आईटीआर प्रोसेसिंग में 15-45 दिन का वक्त
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न तो फाइल कर दिया है और अब रिफंड का इंतजार कर रहे हैं. आपको बता दें, आयकर रिटर्न की ई-वैरिफिकेशन डेट से आईटीआर प्रोसेसिंग में 15-45 दिन लग सकते हैं. टैक्स रिफंड पाने के लिए आपको केवल आईटीआर फाइल ही नहीं करना होगा, बल्कि उसे ई-वेरीफाई भी करना होगा. आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद लोग एनएसडीएल की वेबसाइट पर अपने रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं.

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अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो यहां हम आपको रिफंड का स्टेटस चेक करने का स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस बता रहे हैं.

स्टेप 1: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं.

स्टेप 2: अपने अकाउंट में लॉग इन करने के लिए आपको अपना पासवर्ड, पैन और कैप्चा कोड दर्ज करना होगा.

स्टेप 3: लॉग इन करने के बाद 'माय अकाउंट सेक्शन' सर्च करें.

स्टेप 4: रिफंड/डिमांड स्टेटस बटन पर क्लिक करें. इसके बाद आप स्टेटस देख पाएंगे.

स्टेटस चेक करने का दूसरा तरीका

स्टेप 1: NSDL की वेबसाइट पर जाएं.

स्टेप 2: अपनी पैन डिटेल के साथ Assessment year और कैपचा कोड दर्ज करें.

स्टेप 3: स्टेटस देखने के लिए प्रोसीड पर क्लिक करें.

रिफंड न आए तो क्या करें
अगर आपका रिफंड 4 से 5 हफ्तों के अंदर नहीं आता है तो आपको एक बार इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर रिफंड स्टेटस चेक करना चाहिए. अगर वहां पर रिफंड फेल शो होता है तब आपको दोबारा रिफंड के लिए रिक्वेस्ट देना होगा. हालांकि कई बार फॉर्म-16 में जानकारी अपडेट नहीं होने पर प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लग जाता है. रिटर्न को प्रोसेस होने के बाद टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट में रिफंड का पैसा क्रेडिट कर दिया जाता है.