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ITR Filing: कन्फ्यूजन करें दूर! New Vs Old Tax Regime में से कौन है बेहतर, Income Tax Return दाखिल करने से पहले यहां पढ़ लीजिए पूरी खबर

Income Tax Slab Rate: न्यू टैक्स रिजीम में ITR दाखिल करने पर साढ़े सात लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इसके साथ ही इसमें 50 हजार की मानक कटौती भी शामिल है. इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक यदि आपने ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम को चुना है तो आपको 5 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

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हाइलाइट्स
  • 31 जुलाई 2024 है आईटीआर दाखिल करने के अंतिम तारीख

  • अधिकतर लोग चुन रहे ओल्ड टैक्स रिजीम

इनकम टैक्टस रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है. यदि आप नौकरी-पेशा में हैं तो आपको कंपनी की तरफ से फॉर्म-16 मिल गया होगा. आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तैयारी में हैं और आपको यह नहीं समझ में आ रहा है कि ओल्ड (Old) और न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में से किसको चुनें. कौन आपके लिए बेहतर होगा तो यह खबर आपके काम की है.  

दोनों टैक्स रिजीम में से किसी का चुनाव नहीं किया तो क्या होगा
केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2020 (वित्त वर्ष 2020-21) से ओल्ड टैक्स रिजीम (पुरानी कर प्रणाली) के वैकल्पिक विकल्प के रूप में एक नई कर व्यवस्था (न्यू टैक्स रिजीम) धारा 115BAC लागू की थी.

यदि किसी टैक्सपेयर्स ने ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं चुना है तो न्यू टैक्स रिजीम के आधार पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल होगा. क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 से न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट ऑप्शन के तहत लागू कर दिया गया है. 

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इतना मिलात है टैक्स में छूट
न्यू टैक्स रिजीम में ITR दाखिल करने पर साढ़े सात लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इसके साथ ही इसमें 50 हजार की मानक कटौती भी शामिल है. इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक यदि आपने ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम को चुना है तो आपको 5 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

नई कर व्यवस्था में अधिक टैक्स छूट मिलने के बावजूद टैक्सपेयर्स पुरानी कर प्रणाली को ही अपना रहे हैं. इसको देखते हुए केंद्र सरकार न्यू टैक्स रिजीम को प्रभावी बनाने के लिए आगामी बजट में कुछ बड़ा ऐलान कर सकती है.

किसके लिए कौन टैक्स रिजीम बेहतर  
Old Tax Regime में आयकर धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ मिलता है. वैसे लोग जो होम लोन की ईएमआई चुका रहे हैं, लाइफ इंश्योंरेस कराए हुए हैं या अन्य जगहों पर पैसा निवेश किए हैं, उनके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर है. न्यू टैक्स रिजीम उनके लिए ठीक है, जिनकी नई नौकरी लगी है और जिनकी बचत या कोई देनदारी नहीं है.

इसमें 7.5 लाख रुपए की आय तक कोई कर नहीं लगता है. ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम के बीच बुनियादी अंतर यह है कि पुरानी व्यवस्था में धारा 80सी, धारा 80डी, धारा 80 टीटीए आदि जैसी प्रमुख छूट और कटौतियों की अनुमति देती है. जबकि नई कर व्यवस्था में ये सब नहीं है.

न्यू टैक्स रिजीम में आय और टैक्स छूट की सीमा 
1. 3 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स शून्य.
2. 3 लाख से 6 लाख रुपए तक की आय पर 5% टैक्स.
3. 6 लाख से 9 लाख रुपए की आय पर 10% टैक्स.  
4. 9 लाख से 12 लाख रुपए की आय पर 15% टैक्स.
5. 12 लाख से 15 लाख रुपए की आय पर 20% टैक्स. 
6. 15 लाख रुपए से अधिक अधिक की आय पर 30% टैक्स.

ओल्ड टैक्स रिजीम का इनकम टैक्स स्लैब
1. ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की आय को कर से छूट दी गई है.
2. 2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच की आय पर 5% की दर से कर लगाया जाता है.
3.  5 लाख से 10 लाख रुपए तक की आय पर 20% की दर से टैक्स देना होता है. 
4. 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30% की दर से कर लगाया जाता है.