ITR Forms FY24: इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए हैं. इस बार वित्त वर्ष खत्म होने से तीन महीने पहले ही ये आईटीआर फॉर्म जारी कर दिए गए हैं. आइए जानते हैं आईटीआर फॉर्म भरने की क्या है अंतिम तारीख और इनकम के हिसाब से कौन सा Form बेस्ट है?
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए इतने महीने का मिल रहा समय
सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म जारी किया है. आईटीआर फॉर्म एक (सहज) और आईटीआर फॉर्म चार (सुगम) सरल फॉर्म हैं. अमूमन सीबीडीटी इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म को वित्त वर्ष के आखिरी महीनों फरवरी या मार्च में जारी करता था. इस बार इन्हें समय से पहले ही जारी कर दिया गया है. चालू वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 है. इस तरह इस बार टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए 7 महीने का समय मिल रहा है.
कौन भर सकता है आईटीआर-1 फॉर्म
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक आईटीआर-1 फॉर्म एक रेजिडेंट व्यक्ति फाइल कर सकता है जिसकी कारोबारी साल के दौरान कुल इनकम 50 लाख रुपए से ज्यादा न हो. इस इनकम में उनकी सैलरी, पेंशन या किसी दूसरे सोर्स से हुई इनकम जैसे प्रॉपर्टी, सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्ट, FD पर मिलने वाला इंटरेस्ट आदि शामिल होते हैं. 5000 रुपए तक की कृषि से होने वाली आमदनी को भी इसमें शामिल किया जाता है.
अभी ये लोग नहीं कर पाएंगे इसका प्रयोग
किसी कंपनी में डायरेक्टर, गैर लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में निवेश कर चुके लोग, धारा 194N के तहत आने वाले लोग, कैपिटल गेंस और दो संपत्तियों से जिनकी आय हो रही है, वह इस आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
किसके लिए है आईटीआर-4 फॉर्म
ITR-4 फॉर्म व्यक्ति और अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए होता है. इसके अलावा पार्टनरशिप फर्म चलाने वाले लोग भी इसे भरते हैं. लेकिन एक फाइनेंशियल ईयर में यह आमदनी 50 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा, आमदनी की गणना धारा 44AD, 44 ADA और 44AE के तहत की जानी चाहिए. जो लोग ITR-4 फाइल करने के लिए एलिजिबल हैं, उन्हें भी न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलना होगा अगर वो ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ITR फाइल करना चाहते हैं, क्योंकि न्यू टैक्स रिजीम ITR में डिफॉल्ट लागू की गई है.
चुनना पड़ेगा पुराना टैक्स रिजीम
साल 2023 के बजट में नए टैक्स ढांचे को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया था. इसलिए अगर आप पुराने टैक्स ढांचे में ही रहना चाहते हैं तो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फॉर्म भरते समय आपको ओल्ड टैक्स रिजीम को सलेक्ट करना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो टैक्स की गणना नए रिजीम के इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से ही होगी.
नए टैक्स रिजीम में ये टैक्स छूट हो गई हैं खत्म
नए टैक्स रिजीम में एचआरए, एलटीए, सेक्शन 80सी और 80डी के तहत डिडक्शन और टैक्स छूट समाप्त कर दी गई है. हालांकि, नए टैक्स रिजीम में सैलरी से होने वाले आय में 50 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट धारा 80सीसीडी के तहत मिल जाती है. साथ ही कंपनी की तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में दिए जाने वाले योगदान पर भी डिडक्शन का लाभ मिल जाता है.
आईटीआर-1 में किए गए हैं ये बदलाव
इस बार टैक्सपेयर्स को उन सभी बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी, जो संबंधित वित्त वर्ष के दौरान ऑपरेशनल थे. उन्हें सभी ऑपरेशनल बैंक अकाउंट का टाइप भी बताना होगा. फॉर्म में सैन्य बलों में अग्निवीर के तौर पर काम कर रहे युवाओं के लिए सेक्शन 80 सीसीएच के तहत होने वाली कटौती के लिए अलग सेक्शन दिया गया है.
आईटीआर-4 में बदलाव
आईटीआर-4 फॉर्म में भी कुछ बदलाव किए गए हैं. नए अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में टैक्सपेयर्स को ये बताना होगा कि उन्हें वित्त वर्ष के दौरान कैश में कहां-कहां से पैसे मिले. इसके लिए नए आईटीआर-4 फॉर्म में रिसीप्ट्स इन कैश का नया कॉलम जोड़ा गया है. इससे टैक्सपेयर स्पेसिफिक डिस्क्लोजर कर सकेंगे. इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी के लिए नया कॉलम जोड़ा गया था.
पिछले साल फरवरी में आए थे फॉर्म
आमतौर पर, वित्त वर्ष के लिए आईटीआर फॉर्म मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में अधिसूचित किए जाते हैं. लेकिन पिछले साल, फॉर्म फरवरी में अधिसूचित किए गए थे. हालांकि, इस साल करदाताओं को जल्दी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए आईटीआर फॉर्म दिसंबर में ही अधिसूचित कर दिए गए हैं.
विलंबित ITR फाइल करने की डेडलाइन
वित्त वर्ष 2021-22 (AY 2022-23) के लिए विलंबित और संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है. जो करदाता अगस्त में ITR दाखिल करने से चूक गए हैं वे अब रिटर्न जमा कर सकते हैं या शुरू में दाखिल किए गए रिटर्न को संशोधित कर सकते हैं, जिसमें त्रुटियां हो सकती हैं. बता दें कि विलंबित रिटर्न मूल आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने के बाद दाखिल किया गया आयकर रिटर्न है. इसी साल नवंबर में आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में, सभी मूल्यांकन वर्षों के लिए कुल 7.85 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में दाखिल 7.78 करोड़ के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है.