scorecardresearch

Jeet Adani Wedding: बनारस की मखाना खीर से लेकर सबरीमाला के पाल पायसम तक, अडानी परिवार की शादी में मंदिरों को दिया गया सम्मान

देश के जाने-माने बिजनेस परिवार ने अपने बेटे की शादी को चकाचौंध और ग्लैमर से दूर रखा. हालांकि, यह आयोजन साधारण होते हुए भी असाधारण रहा और इसका कारण था शादी की थीम.

हाइलाइट्स
  • मंदिर संस्कृति से प्रेरित डिनर की थीम

  • डिनर में थे अलग-अलग प्रसाद 

मशहूर भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी के सबसे छोटे बेटे जीत अडानी ने 7 फरवरी को अहमदाबाद में दिवा शाह से शादी की. देश के जाने-माने बिजनेस परिवार ने अपने बेटे की शादी को चकाचौंध और ग्लैमर से दूर रखा. हालांकि, यह आयोजन साधारण होते हुए भी असाधारण रहा और इसका कारण था शादी की थीम. अडानी परिवार ने इस शादी के जरिए भारतीय विरासत और संस्कृति को सम्मानित किया. 

मंदिर संस्कृति से प्रेरित डिनर की थीम
बताया जा रहा है कि अडानी परिवार ने देश की समृद्ध मंदिर संस्कृति से प्रेरित होकर, शादी के पहले दिन के डिनर आयोजन की थीम- "देवलोक: देवताओं का भोज उत्सव" (Devlok: A Feast Of The Gods) रखी. इस थीम के अंतर्गत डिनर का मेन्यू तय किया गया. यहां देश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में प्रसाद के तौर पर मिलने वाली कई डिसेज को परोसा गया. खाने के अलावा डेकॉर में भी इनोवेटिव सोच लगाई गई और आज इस शादी की हर तरफ चर्चा हो रही है. 

इस कार्यक्रम का आयोजन लक्ज़री डिज़ाइन स्टूडियो, थ्री एंटरटेनमेंट ने किया. आपको बता दें कि यह कंपनी बड़ी हस्तियों और सेलेब्स के बीच काफी पॉपुलर है. कंपनी की को-फाउंडर, सान्या शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अडानी परिवार बहुत शांतिप्रिय है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को सम्मान देकर शादी के जश्न की शुरुआत करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने इस तरह से डिनर थीम तैयार किया. 

डिनर में थे अलग-अलग प्रसाद 
भारत भर के पवित्र मंदिरों से प्रेरित होकर, 300 मेहमानों के लिए तीन कोर्स के डिनर में अलग-अलग प्रसाद शामिल थे. बनारस के विश्वनाथ से मखाना खीर, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से मलइयो, पुरी के जगन्नाथ मंदिर से चेना पोडा और कोलकाता के कालीघाट मंदिर से नोलेन गुड़ संदेश आया. सिद्धिविनायक का मोदक और सबरीमाला का पाल पायसम भी डिनर का हिस्सा थे.

सम्बंधित ख़बरें

डेकॉर की बात करें तो इसे भी मंदिर थीम में रखा गया था. टेंपल स्ट्रक्चर्स बनाए गए, स्टॉल्स पर प्रसाद रखा गया और प्राचीन पेड़ों के चारों ओर नाजुक ढंग से मौली से सजावट की गई. लाल और नारंगी फूलों से सजावट की गई. आपको बता दें कि शादी की तैयारियां दिसंबर में शुरू हुईं और आयोजन से 2-3 दिन पहले ही वेन्यू को एकदम तैयार कर दिया गया था. 

आदियोगी मन को भाए 
हालांकि, जीत अदानी का शादी में इवेंट वेन्यू पर सजावट का मुख्य आकर्षण आदियोगी की मूर्ति रही, जो भगवान शिव के कई रूपों और अन्य पारंपरिक रूपांकनों का प्रतीक थी. स्टूडियो ने शिव तांडव स्त्रोत के आधार पर प्रोजेक्शन्स भी किए. इसके अलावा, अडानी परिवार ने इस शादी के मौके पर 10 हजार करोड़ रुपए का डोनेशन भी किया.