हम सब जानते हैं कि गौतम अडाणी कौन हैं लेकिन, करुणा नंदी और खुर्रम परवेज को कम ही लोग जानते होंगे. दरअसल, इन तीनों भारतीयों का नाम Times 2022 की लिस्ट में शामिल किया गया है. इस बार टाइम्स की इस लिस्ट को 6 कैटेगरी में बांटा गया था, जिसमें टाइटन्स, आईकॉन्स, पायोनियर्स, लीडर्स, आर्टिस्ट्स और इनोवेटर्स कैटेगरी थी. करुणा और खुर्रम दोनों को ही लीडर्स कैटेगरी में रखा गया. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये दोनों कौन हैं और इन्हें क्यों भारत का सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक माना गया है.
सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं करुणा नंदी
वैसे तो करुणा नंदी सुप्रीम कोर्ट की वकील है लेकिन, इन्हें केवल वकील कहना भी गलत होगा. दरअसल, यह जितनी एक वकील हैं उतनी ही एक एक्टिविस्ट भी हैं. इन्होंने हमेशा ही महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाई है. करुणा ने एंटी रेप कानून और वर्क प्लेस पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ काफी काम किया है. इतना ही नहीं करुणा का 2020 में 'सेल्फ मेड वूमेन 2020' लिस्ट में भी नाम शामिल हुआ था.
इसके अलावा नंदी ने 2012 के दिल्ली गैंग रेप के बाद बलात्कार विरोधी विधेयक का मसौदा तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
खुर्रम परवेज को दो बार किया था गिरफ्तार
एशियन फेडरेशन अगेंस्ट इनवालंटरी डिसएपियरेंस के अध्यक्ष खुर्रम परवेज पिछले साल नवंबर में काफी सुर्खियों में रहे थे. कश्मीर क्षेत्र में होने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघनों के खिलाफ उन्होंने हमेशा से ही आवाज उठाई है. नवंबर में सुर्खियों में रहने का यही एक कारण था कि उनकी आवाज दबाने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
इससे पहले 14 सितंबर 2016 को, उन्हें पहली बार नई दिल्ली हवाई अड्डे पर भारतीय अधिकारियों द्वारा रोका गया था ताकि उन्हें जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 33 वें सत्र में भाग लेने से रोका जा सके. 2016 कश्मीर हिंसा के दौरान जम्मू और कश्मीर में भारतीय राज्य बलों द्वारा किए गए अत्याचार के खिलाफ भी उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की थी. इससे पहले परवेज को 15 सितंबर को भारतीय अधिकारियों ने श्रीनगर में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था.
इसके अलावा टाइम मैगजीन ने साल 2022 में दुनिया के टॉप 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी की है. इसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, ऐप्पल सीईओ टिम कुक औक मिशेल ओबामा और भी कई हस्तियों का नाम भी शामिल है.
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