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Exclusive: Gautam Madhavan ने 26 साल की उम्र में खड़ी कर दी 200 करोड़ की कंपनी, एक लाख से ज्यादा कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड को ला चुके हैं एक साथ

Gautam Madhavan Journey: गौतम माधवन आज एक लाख से ज्यादा कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड को एक साथ ला चुके हैं. 26 साल के गौतम की कंपनी का Revenue आज 200 करोड़ रुपये है.

Gautam Madhavan Gautam Madhavan
हाइलाइट्स
  • 13 दिन में कर दी थी कंपनी लॉन्च 

  • इन्फ्लुएंसर्स मार्केट का गेम चेंजर होगा नया प्लेटफॉर्म 

ज्यादातर लोग अपना अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं. ग्लोबल वेब इंडेक्स की सोशल मीडिया ट्रेंड्स 2019 की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय हर दिन 2.5 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं. इसमें भी लोग इंस्टाग्राम के कंटेंट को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. इंस्टाग्राम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कंटेंट क्रिएटर्स करते हैं. हालांकि, इन कंटेंट क्रिएटर्स को आप तक पहुंचाने के लिए मैड इन्फ्लुएंस (Mad Influence) जैसी कंपनियां काम कर रही हैं. 200+ करोड़ के स्टार्टअप 'मैड इन्फ्लुएंस’ को चलाने के पीछे कोई और नहीं, बल्कि एक 26 साल का लड़का काम कर रहा है. 

1 लाख रुपये के इन्वेस्टमेंट के साथ शुरू हुई ‘मैड इन्फ्लुएंस’ आज इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग स्टार्टअप के रूप में अपनी जड़े इंडस्ट्री में जमा चुकी है. आज कंपनी का रेवेन्यू हर महीने लाखों रुपये है. मैड इन्फ्लुएंस के सीईओ गौतम माधवन (Gautam Madhavan) ने GNT डिजिटल को बताया कि कैसे आज वे पूरे भारत के एक लाख से ज्यादा कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स और ब्रांड को एक साथ ला रहे हैं. 

13 दिन में कर दी थी कंपनी लॉन्च 

दआज, भारत में लगभग 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स हैं, जिनमें वीडियो स्ट्रीमर, इन्फ्लुएंसर्स, ब्लॉगर, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्रिएटर्स, फिजिकल प्रोडक्ट क्रिएटर्स शामिल हैं. इसका क्रेज सबसे ज्यादा कोविड-19 के बाद से हुआ. जिसके बाद इन्फ्लुएंसर्स मार्केटिंग की डिमांड भी बढ़ती चली गई. हालांकि, 2020 से पहले माहौल ऐसा नहीं था. इसे लेकर गौतम कहते हैं, “दरअसल, मेरे दिमाग में इसका आईडिया शुरू से था. दिसंबर 2017 में मुझे लगा कि भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केट जैसा कुछ है नहीं, ऐसे में हम ऐसा कुछ शुरू कर सकते हैं. इसके बाद कुल 13 दिनों में मैंने कंपनी लॉन्च कर दी थी. जब हमने शुरू किया था, तब भारत में केवल 4 ही एजेंसी इस फील्ड में थी. हालांकि, शुरुआत में हमें काफी रिजेक्शन भी झेलना पड़ा. कई बार ऐसा होता था कि हम 500 पिच करते थे, तब जाकर कहीं 1 अप्रूव होता था. कंपनी का नाम भी हमने न्यू ईयर पर रखा था. किसी ने कहा कि ये एक मैड आईडिया है, तो हमने सोचा कि कंपनी का नाम ‘मैड इन्फ्लुएंस ही होना चाहिए.”  

छोटे से छोटे शहरों के कंटेंट क्रिएटर्स के साथ करते हैं काम 

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज से ग्रेजुएशन कर चुके गौतम अपने काम के बारे में बताते हुए कहते हैं, “हमने 1 जनवरी, 2018 में मैड इन्फ्लुएंस का सफर शुरू किया था. 2 लोगों के साथ हमने इस कंपनी को शुरू किया था, लेकिन आज दिल्ली, मुंबई और दुबई में हमारे पास 50 से ज्यादा लोगों की टीम हो चुकी है. हमारा मेजर काम सोशल मीडिया पर एडवर्टाइज करना है. हम सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ काम करते हैं. आज हमने छोटे-छोटे शहरों में भी अपना ऑफिस खोला हुआ है. इसके अलावा, मुंबई में हमने मैड स्टूडियो (Mad Studio) खोला हुआ है, जहां इन्फ्लुएंसर्स आते हैं और वो फ्री स्टूडियो में शूट करते हैं. इसके अलावा दुबई से हम बाहर के देशों के इंफ्लुंसर्स से जुड़े हुए हैं.”

इन्फ्लुएंसर्स मार्केट का गेम चेंजर होगा नया प्लेटफॉर्म 

आगे की योजनाओं के बारे में बात करते हुए गौतम ने बताया कि वे छोटे से छोटे शहरों के इन्फ्लुएंसर्स के साथ भी काम कर रहे हैं. और इस पूरी मार्केट को बदलने के लिए कुछ और प्लान्स जल्द लॉन्च करने की तैयारी में हैं. गौतम कहते हैं, “ऐसा नहीं है कि हम केवल बड़े शहरों या बड़े इन्फ्लुएंसर्स के साथ ही काम करते हैं. बल्कि हमने इंदौर, वाराणसी, अगरतला, इंदौर जैसी जगहों के छोटे से छोटे इन्फ्लुएंसर्स के साथ भी काम किया है. उनके लिए हम अब आने वाले कुछ दिनों में एक ऐसा प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की तैयारी में हैं जो इस पूरी इन्फ्लुएंसर्स इंडस्ट्री को बदलकर रख देगा. वो इन्फ्लुएंसर्स का लिंकडन (LinkedIn) होगा. जहां उन्हें एक ही प्लेटफॉर्म पर पूरा इकोसिस्टम मिलेगा. छोटे से छोटे इन्फ्लुएंसर्स को भी ब्रांड से लेकर कंटेंट, टीम और कम्युनिटी तक सबकुछ मिलेगा. मैं पिछले 3.5 साल से इसके लिए काम कर रहा हूं, जिसमें मैंने अपनी लाइफ की सारी सेविंग्स तक लगा दी हैं.”

लोगों को दे रहे हैं रोजगार

आखिर में गौतम कहते हैं कि मैड इन्फ्लुएंस को हमने कभी पैसों के लिए नहीं शुरू किया. हमारा मकसद इस इंडस्ट्री में रोजगार पैदा करना है. अभी तक हम हर साल करीब 2000 लोगों को किसी न किसी तरीके से रोजगार दे रहे हैं. छोटे इन्फ्लुएंसर को चाहे महीने के 10 हजार ही मिल रहे हैं, लेकिन उससे उसका घर चल रहा है. हालांकि, प्रेशर रोज महसूस होता है. लेकिन मैं हार नहीं मान सकता. क्योंकि अगर मैं हार मानूंगा तो शायद मेरी टीम भी पीछे हट जाएगी. इसलिए मैं हमेशा उनके काम करना चाहता हूं. बस टीम ही है जिसे देखकर मैं सारा प्रेशर अपने ऊपर ले लेता हूं.

बता दें, 26 साल के गौतम की कंपनी मैड इन्फ्लुएंस आज कई बॉलीवुड स्टार्स जैसे अक्षय कुमार, आलिया भट्ट, आमिर खान की फिल्मों की इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग आउटरीच के लिए इमामी, हीरो, वीवो, मारुति सुजुकी जैसे एक दर्जन से ज्यादा ब्रांडों के साथ काम कर चुकी है. इतना ही नहीं बल्कि रोशनी वालिया, जन्नत ज़ुबैर, आदिल खान और इंटरनेशनल इन्फ्लुएंसर्स जैसे हुडा कट्टन, अब्दुलअज़ीज बाज, नोहा नबील, मो व्लॉग्स जैसे इन्फ्लुएंसर के साथ भी काम कर चुकी है.