शादी-ब्याह हो या तीज, त्योहार या फिर कोई खास अवसर, हिंदुस्तान में लोग सोने के इन आभूषणों को खरीदना नहीं भूलते हैं. कभी गिफ्ट देने के लिए, तो कभी खुद के लिए. लेकिन सोना खरीदते वक्त ग्राहकों को ये चिंता भी जरूर सताती है. कहीं उनका खरीदा गहना खरा है या नहीं या फिर सोने में किसी तरह की कोई मिलावट तो नहीं.
ग्राहकों की इन्हीं चिंताओं के समाधान के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से सोने की खरीदारी और बिक्री से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. जिसके मुताबिक 31 मार्च के बाद देश में सिर्फ 6 अंक के अल्फान्यूमेरिक संख्या के साथ हॉलमार्क वाले आभूषण ही बेचे जा सकेंगे. यानी ग्राहकों को उनके गहनों की पूरी गारंटी मिलेगी और वो तसल्ली से सोने के आभूषण खरीद पाएंगे.
1 अप्रैल से पूरे देश में होगा लागू
जानकारी के मुताबिक सरकार ने देश 256 जिलों को 23 जून 2021 से अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत कवर किया गया था. फिर 1 जून 2022 से 32 और जिलों को अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत कवर किया गया था. यानी अभी तक कुल 288 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य रूप से लागू हो चुका है, जिसे अब पूरे देश में एक अप्रैल से लागू किया जा रहा है.
अब केवल 6 अंकों वाला हॉलमार्क आएगा काम
हालांकि, अभी चार अंकों के साथ-साथ छह अंकों के HUID का इस्तेमाल किया जा रहा है. यानी 2 अलग तरह के हॉलमार्क से लोगों को कंफ्यूजन हो रही थी. लिहाजा, सरकार के इस फैसले 4 डिजिट वाले हॉलमार्किंग पूरी तरह से बंद हो जाएगी और अब केवल 6 अंकों वाला हॉलमार्क की इस्तेमाल करना होगा.
हॉलमार्क से होती है शुद्धता की पहचान
असल में हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर गहनों की शुद्धता की पहचान होती है. ये एक 6 नंबर का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है. जिसमें संख्याएं और अक्षर होते हैं, जिसे ज्वेलर्स की तरफ से दिया जाता है. इस कोड के जरिए ग्राहकों को गोल्ड ज्वेलरी के बारे में सारी जानकारी आसानी से मिल जाती है और इससे धोखाधड़ी की आशंका बहुत हद तक कम हो जाती है.