कहते हैं पढ़ाई के लिए अच्छी शिक्षा और घर की माली हालत अच्छी होना जरूरी है लेकिन, इस कहावत को पूरी तरह से गलत साबित कर दिखाया वाशिम जिले के नितेश चंद्रकांत जाधव ने. नितेश के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं. इनका बचपन तो गरीबी में गुजरा लेकिन, इनके अंदर बड़े होकर कुछ कर गुजरने का जज्बा हमेशा से ही था.
वाशिम जिले में एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने दिखा दिया है कि मेहनत और लगन से कुछ मुश्किल नहीं है. उन्होंने नेवी मर्चेंट में इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर जैसे पद को अपनी झोली में डाला है. वाशिम ज़िले के कारंजा शहर के शिवाजी नगर के नितेश चंद्रकांत जाधव ने हाल ही में इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर के पद के लिए परीक्षा पास की है और अब वह जून में पद संभालेंगे.
उपजमंडी में काम करते हैं पिता
नितेश के पिता चंद्रकांत जाधव कारंजा शहर की उपजमंडी में काम मिला वह करते हैं. घर की आर्थिक स्थिती अच्छी न होने के बाद भी नितेश के पिता चंद्रकांत जाधव ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए दिन-रात और जी तोड़ मेहनत कर उन्हें आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया. नितेश ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कारंजा के नगरनिगम स्कूल में पूरी करने के बाद इलेक्ट्रिकल में बीई की डिग्री हासिल की और अन्य लोगों की तरह, सरकारी सेवा में नौकरी पाने के लिए अपने प्रयास शुरू किए.
इंटरनेट को बनाया मार्गदर्शक
पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण सरकारी सेवा में नौकरी पाना मुश्किल था, उन्होंने सितंबर 2021 में इलेक्ट्रो टेक्नीकल ऑफिसर पद के लिए परीक्षा दी थी और उसमें 81 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. नेवी मर्चेंट में इस नौकरी के लिए अब उन्हें प्रति माह अच्छा वेतन मिलेगा और जहाज पर बिजली का काम करना होगा. इसके लिए उन्हें कोई मार्गदर्शन नहीं मिला और उन्होंने अपने मार्गदर्शक के रूप में इंटरनेट का उपयोग करके शिक्षा से रोजगार तक का अपना सफर पूरा किया.
नितेश ने साबित कर दिखाया कि इंसान अगर ठान ले तो हालात पर हावी होकर आसमान की बुलंदियों तक पहुंच जाता है. नितेश के पिता चंद्रकांत जाधव भी अपने बेटे की कामयाबी पर खुश हैं. नितेश का बड़ा भाई पुणे में हनिवेल ऑटोमेशन कंपनी में अच्छे पद पर है और छोटा भाई बीएएमएस (BAMS)की पढ़ाई कर रहा है.
(ज़का खान की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें :