scorecardresearch

Success Story: नौकरी छोड़ शुरू किया STEM टॉयज का स्‍टार्टअप, आज लाखों में हो रही आमदनी, इतने लोगों को दे रहे रोजगार, जानिए नीरज और मानसी की सफलता की कहानी

Success Story of Neeraj and Mansi: साल 2021 में नीरज और मानसी ने मिलकर STEM टॉयज नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया. नीरज की कंपनी खेल-खेल में बच्चों को मैथ्स, साइंस से रिलेटेड चीजें सिखाने वाले प्रोडक्ट्स बनाती है. आज इस स्टार्टअप से जहां दोनों लाखों की कमाई कर रहे हैं, वहीं कई लोगों को रोजगार भी दे रखा है.

Neeraj Sharma and Mansi Gupta Neeraj Sharma and Mansi Gupta
हाइलाइट्स
  • साल 2021 में शुरू किया था STEM टॉयज का स्‍टार्टअप

  • 30,000 से ज्यादा यूनिट्स मार्केट में हो चुके हैं सेल 

MAKENBREAK Founder Success Story: माता-पिता अपने छोटे बच्चों के लिए कई प्रकार के खिलौने खरीदते हैं. हम सबका बचपन भी कई प्रकार के खिलौनों के बीच बिता है लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि जिन खिलौनों के साथ हमारा बचपन बीता है, उनसे हमने सीख क्या है?

इसी बात को ध्यान में रखकर अहमदाबाद में रहने वाले नीरज शर्मा और  मानसी गुप्ता ने मिलकर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) टॉयज बनाने की शुरुआत की. क्या है STEM टॉयज, क्यों है यह खास, नीरज और मानसी ने नौकरी छोड़ कैसे शुरू किया आपना स्‍टार्टअप, आइए इन सभी सवालों के बारे में जानते हैं. 

सरकार की तरफ से मिली थी सहायता राशि
पांच साल या उससे अधिक की उम्र के बच्चे खेल के साथ साइंस और टेक्नोलॉजी को समझ सकें, इसी उद्देश्य से साल 2021 में नीरज और मानसी ने मिलकर एक स्टार्टअप शुरू किया. दोनों को STEM टॉयज के लिए गुजरात सरकार की तरफ से स्टार्टअप के तौर पर 18 लाख रुपए की सहायता मिली.

सम्बंधित ख़बरें

STEM टॉयज का स्टार्टअप पीएम मोदी के उस उद्देश्यों को भी सार्थक करता है, जिसका उद्देश्य न सिर्फ खुद रोजगार पाना है बल्कि दूसरे लोगों को भी रोजगार देने का है. STEM टॉयज का यह स्टार्टअप आज 'MAKENBREAK' नाम से एक कंपनी का आकार ले चुका है. इसमें 22 लोग काम कर रहे हैं. 25 से ज्यादा STEM टॉयज बनाए जा चुके हैं और 30,000 से ज्यादा यूनिट्स मार्केट में सेल हो चुके हैं.

मिला मानसी का साथ
STEM टॉयज का स्टार्टअप शुरू करने वाले नीरज कहते हैं कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग करके साल 2017 से 2021 तक आईआईटी गांधीनगर, जम्मू, पलक्कड़ और NIFT गांधीनगर, दमन में डिजाइन गाइड के तौर पर काम कर रहा था लेकिन तब होता था कि जो पढ़ाई की है, उसका कुछ भी इस्तेमाल जीवन में नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कोरोनाकाल के दौरान सोचने का वक्त मिला.

उस समय आईआईटी गांधीनगर में साथ में काम कर रही मानसी के साथ मिलकर 2021 में STEM टॉयज का स्टार्टअप शुरू करने का सोचा. इसके लिए जीटीयू में इंक्यूबेटर के तौर पर जुड़े और गुजरात सरकार की तरफ से 18 लाख रुपए की ग्रांट मिली. इसके बाद हमने मार्केट में कामकाज शुरू किया. अब तक 25 जितनी STEM कीट तैयार की है. इनमें लायन ट्रेसर, क्रेजी कैलकुलेटर, मैथ्स मास्टर, ह्यूमेंज़ी, ओरेरी, बोल ब्लास्टर, स्पाइरल आर्ट मेकर शामिल हैं. इन सबकी कीमत 150 रुपए से लेकर 1800 रुपए तक की है.

लोग पैसा देने के लिए थे तैयार
STEM टॉयज का स्टार्टअप जब शुरू हुआ तब नीरज और मानसी दोनों दोस्त थे और आईआईटी गांधीनगर में साथ ड्यूटी करते थे. दोनों एक-दूसरे के संपर्क में यही से आए थे लेकिन साल 2021 में स्टार्टअप शुरू करने का दोनों ने साथ मिलकर विचार किया और पिछले साल दोनों ने एक-दूसरे से शादी भी कर ली है.

एमबीए कर चुकी मानसी कहती हैं कि आईआईटी गांधीनगर में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर जॉब कर रही थी. उस समय नीरज के साथ मुलाकात हुई थी. हमने स्टार्टअप शुरू करने का सोचा और STEM टॉयज बनाना शुरू किया. हमने जब शुरू में टॉयज बनाए तो ये समझना जरूरी था कि लोग कैसा रिस्पॉन्स करेंगे. हमने देखा की लोग पैसा देने को तैयार थे. बच्चों के पेरेंट्स की तरफ से अच्छे रिस्पॉन्स मिल रहे थे. 

इतने करोड़ का टारगेट रख बढ़ रहे आगे 
अब हम अगले साल 5 करोड़ का टर्नओवर का टारगेट रखकर आगे बढ़ रहे हैं. मानसी कहती हैं, STEM टॉयज बनाने के पीछे उद्देश्य है कि हम अपने देश के बच्चों की विचार, सोच को ताकत दे सकें. हालांकि इस काम में हमें कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. ट्रेडमार्क मिलने में टेक्निकल प्रॉब्लम हुई.

दो साल लग गए. उस समय के दौरान सीधा मार्केट में हम नहीं जा सके लेकिन ट्रेडमार्क मिलने के बाद अब हम D2C में और ऑनलाइन सेलिंग शुरू कर चुके हैं. इंडस्ट्रियल टाउनशिप में अच्छा सेलिंग हो रहा है. कुछ लोग गिफ्ट के तौर पर STEM टॉयज ले रहे हैं. गुजरात के अलावा मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, नागालैंड और कुछ आर्मी केंट में भी हमने STEM टॉयज सेल किए हैं.