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Rule Change For Bank Account: क्या है बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024... बैंक अकाउंट में 4 नॉमिनी जोड़ने को मिली मंजूरी... जानिए क्यों बदला गया नियम और आप पर क्या होगा असर

Banking Amendment Bill 2024: लोकसभा में बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 पास हो गया है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने यह बिल पेश किया. इस बिल में कुल 19 अमेंडमेंट्स यानी संशोधन प्रस्तावित हैं. आइए कुछ अहम बदलावों के बारे में जानते हैं. 

Rule Change For Bank Account (File Photo) Rule Change For Bank Account (File Photo)
हाइलाइट्स
  • फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 किया पेश 

  • इस बिल के तहत किए जाएंगे कई बदलाव 

यदि आपका किसी बैंक में खाता है तो आपके लिए गुड न्यूज है. अब आप अपने बैंक अकाउंट (Bank Accounts) में एक की जगह चार नॉमिनी (Nominee) जोड़ सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को लोकसभा में बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 (Banking Law Amendment Bill 2024) पेश किया, जिसे मंजूरी मिल गई. इसमें बैंक अकाउंट में नॉमिनी की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है.

19 संसोधन हैं प्रस्‍तावित 
बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 के जरिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 में कुल 19 संसोधन प्रस्‍तावित हैं. इस बिल के पास हो जाने के बाद अब नॉमिनी बढ़ाने के साथ 7 साल तक दावा न किए गए डिविडेंड, शेयर, इंटरेस्ट और मैच्योर बॉन्ड की रकम को इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड यानी IEPF में ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे निवेशक IEPF के जरिए अपनी रकम का दावा कर सकेंगे. आपको मालूम हो कि इस विधेयक की घोषणा वित्त मंत्री ने अपने 2023-24 के बजट भाषण में की थी. 

क्या बोलीं वित्त मंत्री 
वित्त मंत्री सीतारमण ने संसद में बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 को पेश करते हुए कहा कि मौजूदा नियमों के तहत जमाकर्ता (Depositor) के बैंक अकाउंट में डिपॉजिट या लॉकर में रखे सामान के लिए केवल एक व्यक्ति को नॉमिनी बनाने की अनुमति थी, लेकिन अब जमाकर्ता के पास एक के बाद एक या एक ही समय में अपने बैंक खाता में चार नॉमिनी जोड़ने का ऑप्शन होगा. वित्त मंत्री ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि क्रमिक नामांकन यह सुनिश्चित करता है कि यदि पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं है, तो अगला नामांकित व्यक्ति प्रभावी हो जाएगा, जिससे निरंतरता बनी रहेगी और लॉकर में रखे हुए सामानों के कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए जटिलताएं कम होंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देश की बैंकिंग व्यवस्था में गवर्नेंस को मजबूत करना और आम ग्राहकों को ज्यादा बेहतर सेवा देना है.

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क्यों किया गया बदलाव 
बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल में ये प्रमुख बदलाव कोविड 19 महामारी में हुई परेशानी के बाद किए गए हैं. एक की जगह चार नॉमिनी बनाने की अनुमति देने का मकसद खाताधारक की मृत्यु के बाद पैसे की निकासी को आसान बनाना है. यह बदलाव अनक्लेम्ड अमाउंट को सही उत्तराधिकारी तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. मार्च 2024 तक बैंकों में लगभग 78,000 करोड़ रुपए की ऐसी राशि है, जिस पर कोई दावा नहीं किया गया है.

IEPF के जरिए अपनी रकम का दावा कर सकेंगे निवेशक
केंद्र सरकार भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम और बैंकिंग कंपनियों के अधिग्रहण कानून में अमेंडमेंट यानी संशोधन कर रही है. इस अमेंडमेंट से 7 साल तक दावा न किए गए डिविडेंड, शेयर, इंटरेस्ट और मैच्योर बॉन्ड की रकम को इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड यानी IEPF में ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे निवेशक IEPF के जरिए अपनी रकम का दावा कर सकेंगे.

बैंकों को अब इतने दिनों में देनी होगी RBI को रिपोर्ट
बैंकों को बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 के नए कानून के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को रिपोर्ट देने की समय सीमा में बदलाव करने की अनुमति होगी. अब ये रिपोर्ट 15 दिन, 1 महीने और तिमाही के आखिरी में दी जा सकेगी. आपको मालूम हो कि इससे पहले बैंकों को हर शुक्रवार को आरबीआई को रिपोर्ट देनी होती थी.

सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर्स अब स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में भी कर सकेंगे काम 
बैंकिंग अमेंडमेंट बिल 2024 पारित होने के बाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर्स अब स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में भी काम कर सकेंगे. को-ऑपरेटिव बैंकों के डायरेक्टर्स का कार्यकाल मौजूदा आठ साल से बढ़ाकर 10 साल किया जाएगा. चेयरमैन और पूर्णकालिक डायरेक्टर्स पर यह नियम लागू नहीं होगा. बैंकिंग संशोधन विधेयक में सरकारी बैंकों को ऑडिटर्स की फीस तय करने और टॉप लेवल टैलेंट को हायर करने का अधिकार मिलेगा. इससे बैंक की ऑडिट क्वालिटी में सुधार होगा.