दादी-नानी अक्सर बच्चों को फरिश्तों की कहानी सुनाती हैं और बड़े होने पर हमें लगता है कि फरिश्ते सिर्फ आसमानों पर रहते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि असल जिंदगी के फरिश्ते जमीन पर रहते हैं. जी हां, भारतीय अरबपति एमए युसूफ अली केरल की रने वाली संध्या के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. LuLu Group के चेयरमैन अली ने संध्या और उनके बच्चों को बेघर होने से बचाया है. केरल के उत्तरी परवूर में रहने वाली संध्या और उनके पति ने राज्य की जीवन आवास योजना के तहत अपने घर का निर्माण पूरा करने के लिए 2019 में मणप्पुरम फाइनेंस से ₹ 4 लाख का लोन लिया था.
यह लोन संध्या के नाम पर लिया गया था. लेकिन 2021 में, संध्या के पति ने उन्हें और उनके दोनों बच्चों को छोड़ दिया, जिससे लोन की पेमेंट रूक गई. समय के साथ, ब्याज सहित बकाया राशि बढ़कर लगभग ₹ 8 लाख हो गई. संध्या जैसे-तैसे अपने बच्चों को पाल रही थीं और लोन के कारण उनके सिर से छत छीनने की नौबत तक आ गई. लेकिन जब युसूफ अली को संध्या की परेशानियों के बारे में पता चला तो उन्होंने नेकदिली दिखाते हुए अपनी टीम से पूरा लोन चुकाने के लिए कहा. साथ ही, संध्या को 10 लाख रुपए की मदद भी दी ताकि आने वाले समय में उन्हें परेशानी न हो.
कौन हैं एमए युसूफ अली
15 नवंबर 1955 को केरल के त्रिशूर जिले के नट्टिका में जन्मे यूसुफ अली ने अपनी स्कूली पढ़ाई करणचिरा के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल से पूरी की और बाद में, बिजनेस मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा किया. साल 1973 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, यूसुफ अली अबू धाबी की चले गए. यहां उन्होंने अपने चाचा के डिस्ट्रिब्युशन बिजनेस में काम करना शुरू किया. अली ने जब बिजनेस जॉइन किया तब यह बहुत ही छोटे लेवल पर था लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से आज इसे बिलियन-डॉलर एंपायर बना दिया है.
1990 का दशक यूसुफ अली के करियर में बड़ा मोड़ लेकर आया. उन्होंने सुपरमार्केट बिजनेस में लुलु ग्रुप की एंट्री कराई और इसे सफल बनाया. यह वह समय था जब संयुक्त अरब अमीरात के रिटेल सेक्टर में बदलाव हो रहे थे. यहां के पारंपरिक ग्रोसरी स्टोर्स को हाइपरमार्केट्स में बदला जा रहा था. इस ट्रेंड को देखते हुए अली ने भी पहला लुलु हाइपरमार्केट सफलतापूर्वक लॉन्च किया. धीरे-धीरे उन्होंने ग्रुप का विस्तार किया और दूसरी जगहों पर लुलु हाइपरमार्केट की ब्रांच शुरू कीं.
भारत में है लुलु के चार मॉल
लुलु हाइपरमार्केट आज संयुक्त अरब अमीरात का प्रमुख रिटेल बिजनेस ग्रुप है. हाइपरमार्केट ने यमन, ओमान, कतर, कुवैत, सऊदी अरब और भारत जैसे देशों में सफलतापूर्वक अपना विस्तार किया है. अरब एशिया में संगठन लगातार अपने पांव फैला रहा है. यूसुफ अली लुलु ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. वह लुलु हाइपरमार्केट चेन और लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल के ऑपरेशन्स देखते हैं.
आपको बता दें कि इस ग्रुप के भारत में कुल चार मॉल हैं - पहला कोचीन में, उसके बाद बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और लखनऊ में. फोर्ब्स के मुताबिक, "मिडिल ईस्ट रिटेल किंग" के नाम से मशहूर यूसुफ अली की कुल संपत्ति 7.4 बिलियन डॉलर है. फोर्ब्स मिडिल ईस्ट ने 2018 में अरब वर्ल्ड में टॉपर्ष 100 भारतीय बिजनेस मालिकों की सूची में यूसुफ अली को नंबर 1 स्थान दिया था. उन्होंने अबू धाबी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में दूसरे उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया.
युसूफ की हैं तीन बेटियां
उनकी शादी शबीरा यूसुफ अली से हुई और उनकी तीन बेटियां हैं. उनकी बड़ी बेटी शबीना की शादी अरबपति बिजनेसमैन शमशीर वायलिल से हुई है. उनकी दूसरी बेटी शफीना की शादी अदीब अहमद से हुई है, जो लुलु इंटरनेशनल एक्सचेंज और ट्वेंटी14 होल्डिंग्स के प्रमुख हैं. सबसे छोटी बेटी शिफ़ा की शादी शेरून शम्सुद्दीन से हुई है, जो सफल आईटी व्यवसाय चलाते हैं.
युसूफ अली खुद मेहनत करके इस मुकाम पर पहुंचे हैं और उन्हें मेहनत की कीमत पता है. इसलिए ही उन्हें संध्या की परेशानी समझ आई जो एक दुकान में काम करके महीने में मुश्किल से 8-9 हजार रुपए कमा पाती हैं. दोनों बच्चों की पढ़ाई और घर चलाने की जिम्मेदारी के साथ संध्या का लोन भर पाना नामुमकिन था लेकिन अली की नेकदिली ने उनकी जिंदगी संवार दी.