लक्सर समूह (Luxor Group), भारत की सबसे बड़ी स्टेशनरी प्रोडक्ट्स कंपनियों में से एक है. हाल ही में, कंपनी ने अपने संस्थापक स्वर्गीय श्री डी. के. जैन की 80वीं जयंती मनाई. इस अवसर पर भारत सरकार के संचार मंत्रालय के डाक विभाग ने जैन के सम्मान में एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया. लक्सर कंपनी इस वर्ष अपनी स्थापना के 60 साल पूरे कर रही है. कंपनी ने खुद को भारत और विदेशों में एक लीडिंग इंडस्ट्री प्लेयर्स के रूप में स्थापित किया है.
साल 1961 में शुरू हुई इस कंपनी को आज स्वर्गीय डी. के. जैन की पत्नी उषा जैन और बेटी पूजा जैन संभाल रही हैं. साल 2014 में जैन के निधन के बाद उनकी बेटी पूजा ने कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. आज हम आपको बता रहे हैं इस कंपनी के सफर के बारे में.
मात्र चार लोगों से हुई थी शुरूआत
बात कंपनी की शुरुआत की करें तो साल 1961 में दविंदर कुमार जैन ने पुरानी दिल्ली में एक छोटी सी मैनुअल असेंबली की दुकान से अपनी शुरुआत की थी. उन्होंने 1961 सिर्फ तीन लोगों के स्टाफ के साथ अपना पेन बनाना शुरू किया. फॉर्ब्स इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी को मात्र 5,000 रुपए की इंवेस्टमेंट के साथ शुरू किया गया था.
डीके जैन के सक्षम मार्गदर्शन के तहत, कंपनी ने बैकवर्ड इंटीग्रेशन का उपयोग करते हुए और उस समय सबसे उन्नत तकनीकों का लाभ उठाते हुए साठ के दशक की शुरुआत में घरेलू भारतीय पेन का उत्पादन शुरू किया. जैसे-जैसे समय बीतता गया, लक्सर का कद बढ़ता गया और इसने अपने नाम पर कई रिकॉर्ड दर्ज किए.
भारत को दिए पहले फाइबर-टिप पेन
डीके जैन ने हमेशा इनोवेशन को महत्व दिया. वह हमेशा कुछ न कुछ नया मार्केट को देते रहना चाहते थे. इसलिए लक्सर ने 1975 में पहली बार भारत में फाइबर-टिप और रोलर बॉल पेन की शुरुआत की. यह शायद पहली भारतीय कंपनी थी जो विदेशों के लेवल को मैच कर पा रही थी. लक्सर की क्वालिटी और इनोवेशन को देखते हुए साल 1982 में, जापान के पायलट कॉर्पोरेशन ने लक्सर के साथ हाथ मिलाया.
इस तरह से पायलट 'हाई-टेक' नीडल पॉइंट पेन भारत में लाने का श्रेय भी लक्सर को जाता है. पायलट के अलावा कंपनी पार्कर और वाटरमैन के पेन भी भारत लेकर आई. साल 1986 में एक और बड़ी सफलता मिली जब लक्सर ने अपने वैश्विक ग्राहकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए परमानेंट मार्कर, ड्राई सेफ इंक मार्कर और फ्लोरोसेंट हाइलाइटर्स पेश किए. इस ब्रांड ने छात्रों की लेखन, स्केचिंग, ड्राइंग और रंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी अलग-अलग क्वालिटी प्रोडक्ट्स की एक सीरिज खड़ी की.
106 देशों तक है कंपनी की पहुंच
साल 2014 में डीके जैन के निधन के बाद से, लक्सर को उनकी पत्नी उषा जैन ने अध्यक्ष के रूप में और पूजा जैन गुप्ता ने प्रबंध निदेशक के रूप में संभाला. पूजा के सफर की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह बहुत छोटी उम्र से कंपनी में दिलचस्पी लेने लगी थीं. उन्होंने कंपनी में फैक्ट्री लेवल से काम शुरू किया और इसलिए अपने पिता के जाने के बाद उन्होंने उनकी विरासत को बहुत अच्छे से संभाल लिया.
आज, लक्सर 4000 से अधिक मजबूत स्टाफ और 9 अत्याधुनिक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के साथ भारत में स्टेशनरी के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है. कंपनी दुनिया भर के टॉप रिटेल सेलर्स को सप्लाई करती है और 106 से अधिक देशों तक पहुंचने वाले लेखन उपकरणों के सबसे बड़े भारतीय निर्यातकों में से एक है. लक्सर कंपनी आज एक इंटरनेशनल ब्रांड है और दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ रही है.