एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनी नेस्ले इंडिया ने बताया कि कच्चे माल और पैकेजिंग सामग्री की लागत 10 साल के उच्चतम स्तर पर है और इस तिमाही में लगातार बढ़ रही है. इससे उसके परिचालन पर भी असर पड़ने की संभावना है. इसमें कहा गया कि खाद्य तेल, कॉफी, गेहूं और ईंधन जैसी प्रमुख कॉमोडिटी की कीमतों में आगे भी बढ़ोतरी हो सकती है. नेस्ले मैगी, किटकैट और नेस्कैफे जैसे लोकप्रिय ब्रांडों की मालिक है. नेस्ले ने एक बयान जारी कर कहा कि लघु से मध्यम अवधि में महंगाई निरंतर बढ़ने की संभावना है. इस चुनौती का सामना करने के लिए कंपनी मूल्य निर्धारण की रणनीतियों के साथ तैयार है और इसे विवेकपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा. हालांकि, कंपनी ने ये नहीं बताया है कि कीमतों में दोबारा बढ़ोतरी कब से की जाएगी.
बढ़ी कच्चे माल की कीमत
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के साथ खाने-पीने की वस्तुओं के भी दाम बढ़ने लग गए है. महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है और आने वाले दिनों में इनके दाम और बढ़ सकते हैं. एफएमसीजी प्रमुख नेस्ले इंडिया ने गुरुवार को बताया कि कच्चा माल और पैकेजिंग सामग्री की लागत 10 साल के अपने उच्चतम स्तर पर है और इस तिमाही में लगातार बढ़ रही है. इस वजह से इसके परिचालन पर भी उसके लाभ पर असर पड़ा है. इसमें कहा गया है कि खाद्य तेल, कॉफी, गेहूं और ईंधन जैसी प्रमुख कमोडिटीज की कीमतों में तेजी की संभावना बनी हुई है. इस वजह से अब कंपनी इन बढ़े हुए दामों का बोझ उपभोक्ताओं पर डालेगी.
नेस्ले ने गुरुवार को मार्च 2022 तिमाही के लिए 595 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया. इसकी कुल बिक्री 3,951 करोड़ रुपये रही. कंपनी की कुल बिक्री वृद्धि और घरेलू बिक्री वृद्धि 9.7 प्रतिशत और 10.2 प्रतिशत रही.
महंगी हो गई मैगी
मैगी का 70 ग्राम वाला पैकेट अब 12 की जगह 14 रुपये का मिल रहा है. मैगी की कीमतों में 2 रुपये का इजाफा हो गया है. वहीं, मैगी का 140 ग्राम वाले पैकेट की कीमत में 3 रुपये का इजाफा हुआ है और 560 ग्राम वाले पैकेट की कीमत में करीब 9.4 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इसकी कीमत 96 रुपये से बढ़कर 105 रुपये हो गई है.