
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 50 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं. महाकुंभ का आयोजन जितना महाभव्य था, बताया जा रह है कि इससे होने वाली कमाई भी उतनी ही शानदार और भव्य रही. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात की जानकारी देते हुए एक इवेंट में कहा कि राज्य महाकुंभ से 3 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट करने जा रहा है.
लखनऊ के विकास नगर के मिनी स्टेडियम में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में खर्च पर सवालिया निशान उठाने के लिए अपने विरोधियों पर भी हमला बोला. उन्होंने स्पष्ट किया कि महाकुंभ पर 1500 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. उन्होंने कहा, "इस खर्च के बदले राज्य को 3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने वाला है." वहीं, इस आयोजन (महाकुंभ) से राज्य में पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा."
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट्स न सिर्फ महाकुंभ जैसे बड़े पैमाने के आयोजनों को सुविधाजनक बनाएंगी बल्कि प्रयागराज की समग्र कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएंगी. राज्य के बदलाव पर मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य 'नए भारत के नए उत्तर प्रदेश' के रूप में उभर रहा है."
राम मंदिर ने की सालभर में इतनी कमाई
भगवान राम की नगरी अयोध्या में भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो नित नए रिकॉर्ड बना रही है. सालाना कमाई के मामले में स्वर्ण मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी साईं बाबा मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिरों को पीछे छोड़ते हुए राम मंदिर अब भारत में तीसरा सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला धार्मिक मंदिर बन गया है. 22 जनवरी 2024 को रामलला के अभिषेक के बाद से 130 मिलियन से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या आ चुके हैं. मंदिर का वार्षिक राजस्व अब 700 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
अयोध्या का तेजी से हो रहा बदलाव न केवल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. वर्तमान में, भक्तों और पर्यटकों की दैनिक आमद दो से पांच लाख के बीच है. बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में नकदी के साथ-साथ सोना और चांदी भी दान करते हैं.