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Perfume Farming: पारंपरिक खेती में नहीं मिली सफलता तो शुरू की Geranium की खेती, अब कमा रहे हैं लाखों

यह कहानी है महाराष्ट्र के रोहित मुले की जो पिछले तीन सालों से Geranium Farming कर रहे हैं. जिरेनियम एक परफ्यूम प्लांट है क्योंकि इसकी पत्तियों से निलकने वाले तेल का इस्तेमाल परफ्यूम बनाने के लिए किया जाता है.

Perfume Farming Perfume Farming
हाइलाइट्स
  • तीन साल तक चलता है जिरेनियम का पौधा

  • पारंपरिक खेती छोड़ कर रहे हैं जिरेनियम की खेती

अपने देश आजकल बहुत से किसान पारंपरिक खेती से हटकर नई-नई फसलों के साथ अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. किसान अब सिर्फ गेहूं-धान या दलहन पर निर्भर नहीं हैं बल्कि कैश क्रॉप्स यानि नगदी फसलों की मदद से आगे बढ़ रहे हैं. इन फसलों से किसानों को सफलता भी मिल रही है. आज हम आपको एक ऐसे ही किसान की कहानी बता रहे हैं जो बिजनेस के नजरिए से पारंपरिक खेती छोड़कर अलग तरह की खेती- परफ्यूम फार्मिंग कर रहे हैं.  

यह कहानी है महाराष्ट्र के सांगली में कवलपुर गांव के रहने वाले रोहित मुले की. रोहित तीन साल पहले तक अपने खेतों में ज्वार, अंगूर आदि की खेती कर रहे थे. लेकिन इस खेती में सिर्फ उनके परिवार का पालन-पोषण ही हो पाता था. कई बार फसल में नुकसान भी उठाना पड़ता था. ऐसे में, तीन साल पहले रोहित ने कुछ अलग करने की ठानी और उन्होंने अलग-अलग जगहों की यात्रा शुरू की. अपनी यात्रा के दौरान उन्हें जिरेनियम के बारे में पता चला और उन्होंने इसकी सभी जानकारी लेकर जिरेनियम की खेती शुरू की.

GNT Digital से बात करते हुए रोहित ने इस खेती के बारे में बताया और सलाह दी कि किसानों को इस तरह की अलग-अलग फसलों में हाथ आजमाना चाहिए. 

Rohit Mule

कैसे शुरू की Perfume Farming
रोहित ने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने अलग-अलग जगहों पर जाकर कई तरह की फार्मिंग के बारे में जाना और समझा. इस सबके बीच उनकी ध्यान जिरेनियम पर गया. उन्होंने बताया कि जिरेनियम, लैवेंडर और लेमन ग्रास की तरह परफ्यूम प्लांट है. इसकी पत्तियों से निकलने वाले तेल का इस्तेमाल इशेंसियल ऑयल्स और परफ्यूम आदि में होता है. सबसे अच्छी बात है कि इस खेती में एक बार की लागत लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. 

अपनी यात्रा के दौरान रोहित को एसएच केलकर केवा ग्रुप के बारे में पता चला जो इशेंसियल ऑइल्स बनाते हैं. रोहित ने मार्केट का पता करने के बाद अपनी पांच एकड़ जमीन पर जिरेनियम की खेती शुरू की. उन्होंने बताया कि जिरेनियम बीज से नहीं बल्कि कटिंग से लगाया जाता है. जिरेनियम के शूट्स को नर्सरी में नए पौधे तैयार करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. 

जिरेनियम की लागत और कमाई 
रोहित ने बताया कि जिरेनियम की खेती ऐसी जगहों पर हो सकती है जहां का तापमान बहुत ज्यादा ठंडा न हो. जहां सामान्य तापमान 30-35 डिग्री तक रहता है, वहां पर आप आसानी से जिरेनियम की खेती कर सकते हैं. इसमें लगने वाली लागत के बारे में रोहित ने बताया कि नर्सरी से जिरेनियम का एक पौधा पांच रुपए तक पड़ता है. एक एकड़ में जिरेनियम के 12000 पौधे लगाए जाते हैं. इसके अलावा, जिरेनियम की सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन सिस्टम उन्होंने लगवाया. 

Geranium Leaves Oil

रोहित ने कहा कि जिरेनियम की पहली फसल आपको पौधे लगाने के साढ़े चार महीने बाद मिल जाती है. उनका कहना है कि पहली बार जिरेनियम की खेती की लागत एक लाख 20 हजार तक जा सकती है. इसमें पौधों के साथ इरीगेशन सिस्टम, खरपतवार हटाने के लिए लेबर आदि शामिल है. वहीं, कमाई की बात करें तो वर्तमान में एक किलो जिरेनियम के तेल की कीमत साढ़े आठ हजार रुपए है. एक एकड़ से एक बार में 14 से 15 किलो तेल मिल जाता है. इस तरह से पहली बार में आप अपनी लागत वसूल सकते हैं. 

तीन साल तक चलता है जिरेनियम का पौधा
रोहित ने बताया कि पहली बार की कटिंग के बाद आप हर साढ़े तीन महीने में जिरेनियम की फसल ले सकते हैं. और एक बार लगाने के बाद जिरेनियम के पौधे तीन साल तक रहते हैं. इस तरह से हर तीन महीने में वह एक एकड़ से एक लाख से ज्यादा की कमाई कर लेते हैं. फिलहाल, वह दस एकड़ में जिरेनियम की खेती कर रहे हैं. जिससे उन्हें हर साढ़े तीन महीने में 150 किलो जिरेनियम का तेल मिलता है जिससे उनकी कमाई लगभग 12 लाख रुपए तक होती है. 

रोहित ने जिरेनियम की पत्तियों का काटकर इनसे तेल निकालने के लिए अपनी प्रोसेसिंग यूनिट बनाई हुई है. इस तरह से वह और भी कई लोगों को काम दे रहे हैं. उनसे प्रेरित होकर दूसरे किसान भी इस तरह की फसलों की खेती का ट्राई कर रहे हैं. रोहित का कहना है कि अगर किसान बिजनेस के नजरिए से खेती को देखें तो बहुत आगे जा सकते हैं.