scorecardresearch

Flower Business: फूलों से लिखी सफलता की कहानी, चार गुना बढ़ी किसानों की आय, सालाना टर्नओवर 15 लाख से ज्यादा

यह कहानी है मणिपुर की चोखोन क्रेचिना की जो फूलों की खेती करके अपना बिजनेस चला रही हैं. फूलों के बजनेस से वह सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं.

Manipur woman's flower business (Photo: Instagram/@diantheprivatelimited) Manipur woman's flower business (Photo: Instagram/@diantheprivatelimited)

यह कहानी है मणिपुर की चोखोन क्रेचिना की जो फूलों की खेती करके अपना बिजनेस चला रही हैं. फूलों के बजनेस से वह सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं. चोखोन के फूलों की सप्लाई देश के 16 राज्यों में है. चोखोन राज्य के सेनापति जिले के टाफौ गांव से ताल्लुक रखती हैं. चोखोन अपने साथ-साथ पूरे समुदाय को आगे बढ़ा रही हैं. 

नॉर्थईस्ट लाइव की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चोखोन ने पुणे के वाड़िया कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर असम डाउन टाउन यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री की. इसके बाद उन्हें बंगलुरु की एक फार्मा कंपनी में जॉब मिल गई. लेकिन कोविड-19 के दौरान वह अपने घर वापिस आ गईं. यहां आकर उन्होंने फूलों के लिए अपने पैशन को सोशल मिशन और बिजनेस बनाने का फैसला किया.

पारंपरिक फसलों की जगह फूलों की खेती 
मणिपुर की घाटी में पहले पारंपरिक फसलें या फिर गैर-कानूनी खसखस उगाया जाता था. लेकिन चोखोन की पहल से यहां फूलों की खेती शुरू हुई जो पूरे समुदाय के लिए वरदान साबित हो रही है. जूलाई 2021 में उन्होंने अपनी फ्लोरिकल्चर कंपनी, Dianthe Pvt. Ltd. की शुरुआत की. इस ब्रांड को डेकोरेटिव फूलों के उत्पादन और मार्केटिंग में स्पेशलाइजेशन के लिए जाना जाता है. चोखोन ने किसानों के साथ मिलकर घाटी में बनी टेल्स, हेलीक्रिशम, जिप्सोफिला, एमोबियम और कैलोशिया जैसे अलग-अलग वैरायटी के फूल उगाना शुरू किया. 

16 राज्यों में है सप्लाई 
चोखोन फ्रेश और सूखे फूलों की सप्लाई करती हैं. इसके साथ-साथ चोखोन की कंपनी अब कैंडल्स, बुके, गिफ्ट आइटम्स और इपोक्सी फ्लावर डेकोरेशन भी बना रही है. उनका मिशन ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचना है. हालांकि, पहाड़ी इलाके से कंपनी चलाना आसान नहीं है क्योंकि बहुत बार फूलों को समय से मार्केट में पहुंचाने में मुश्किल होती है. चोखोन के बिजनेस से आज 80 किसान जुड़े हैं. ये सभी किसान पहले पारंपरिक फसलें उगाते थे. 

अब यही किसान पहले के मुकाबले चार गुना ज्यादा कमा रहे हैं. घाटी से फूलों को हार्वेस्ट करके 16 राज्यों जैसे असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली आदि में मार्केट किया जा रहा है. चोखोन की दृढ़ संकल्प कुछ ऐसा है कि वह आगे बढ़ने पर फोकस कर रही हैं. अपने समुदाय के लिए उनकी और भी योजनाएं हैं जिन पर वह भविष्य में काम करेंगी.