इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय ने अपने चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) कार्यक्रम के तहत 100 शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विकास संगठनों, स्टार्ट-अप और MSMEs से आवेदन मांगा है. इच्छुक संस्थान अब इस कार्यक्रम के लिए 31 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं.
क्या है चिप्स टू स्टार्टअप प्रोग्राम?
चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) कार्यक्रम की स्थापना वेरी लार्ज-स्केल इंटीग्रेशन और एंबेडेड सिस्टम डिज़ाइन के क्षेत्र में लगभग 85,000 योग्य और उच्च गुणवत्ता वाले इंजीनियरों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से की गई है. आने वाले 5 सालों में इसका लक्ष्य 175 ASIC (Application Specific Integrated Circuits), 20 सिस्टम ऑन चिप्स (SoC) और IP कोर रिपॉजिटरी के वर्किंग प्रोटोटाइप विकसित करने का है.
यह स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान स्तर पर एसओसी/सिस्टम स्तरीय डिजाइन को विकसित करके इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) स्पेस में छलांग पाने की दिशा में एक कदम होगा और इसमें शामिल स्टार्ट-अप के विकास को और बढ़ावा देगा.
इस कार्यक्रम का आयोजन नोडल एजेंसी सी-डैक (Centre for Development of Advanced Computing) कर रही है, जो एमईआईटीवाई के तहत संचालित एक वैज्ञानिक समाज है.
कार्यक्रम का दायरा
यह कार्यक्रम पूरे भारत में लगभग 100 शैक्षणिक संस्थानों/अनुसंधान एवं विकास संगठनों में लागू किया जा रहा है. इन संस्थानों में IIT, NIT, IIIT, सरकारी/निजी कॉलेज और R&D संगठन शामिल हैं. स्टार्टअप और एमएसएमई भी अकादमिक-उद्योग सहयोगी परियोजनाओं, बड़ी चुनौतियों/हैकाथॉन/आरएफपी के तहत सिस्टम/एसओसी/आईपी कोर विकास के लिए आईडिया देकर कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन कैसे करें?
इच्छुक संस्थान कार्यक्रम की वेबसाइट यानी c2s.gov.in पर 31 जनवरी, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. प्रोजेक्ट प्रपोज़ल को C2S साइट पर निर्दिष्ट प्रारूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए. इसके अलावा, कार्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों को वेब पेज पर उल्लिखित योग्यता आवश्यकताओं को पूरा करना होगा और प्रस्तावों में उल्लिखित नियमों का पालन करना होगा.