हेमंत सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत शुरुआती दौर में 48 लाख महिलाओं को जोड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है. झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) लॉन्च की जा रही है.
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) हेमंत सरकार का महिला आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक कारगर कदम है. जिसमें 21 से 50 साल की महिलाओं को रोजमर्रा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ₹1000 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. योजना के तहत प्रत्येक माह की 15 तारीख तक सरकार बहनों के सिंगल लिंक्ड बैंक खाते में राशि क्रेडिट करेगी.
किसे मिलेगा फायदा?
इस योजना के तहत लाभों के लिए पात्रता को सरल रखा गया है-
-आवेदिका झारखंड की निवासी हों.
-उनकी आयु 21 साल से अधिक एवं 50 साल से कम हो.
-आवेदिका का आधार लिंक्ड सिंगल बैंक खाता हो. जिनका बैंक खाता आधार लिंक्ड नहीं है वे भी योजना का लाभ ले सकती हैं.
-मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड हो.
-आवेदिका का परिवार झारखंड राज्य के अंत्योदय अन्न योजना (पीला रंग का राशन कार्ड)/ गृहस्थ कार्ड (गुलाबी रंग का राशन कार्ड)/ K-Oil राशन कार्ड (सफेद रंग का राशन कार्ड) धारी हो.
महिलाओं को सशक्त करना है लक्ष्य
हेमंत सरकार ने हाल के दिनों में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए कई योजनाओं को पेश किया है. इन योजनाओं में महिलाएं केंद्र बिंदु थीं. इसमें गरीब तबके की महिलाओं को केंद्रित करके योजना बनाई गई थी. इसके अलावा, स्कूल जाने वाली बच्चियों के लिए योजना, घरेलू महिलाएं जो छोटे-मोटे कामकाज करना चाहती थीं, उनके लिए भी योजना बनाई गई थी.
-सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना: इसमें आठवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक तथा 18-19 साल की बेटियों को आर्थिक सहायता दी जाती है. योजना के तहत कुल 40 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलती है.
-पलाश ब्रांड: राज्य की सखी मंडल की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और उनके द्वारा निर्मित उत्पाद को बाजार बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पलाश ब्रांड को शुरू किया गया. पलाश ब्रांड से सखी मंडल की करीब दो लाख महिलाएं जुड़ी हैं.
-फूलो झानो आशीर्वाद अभियान: मजबूरी में हड़िया/शराब बिक्री और निर्माण कार्य से जुड़ी महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ये योजना संचालित की गई है. ऐसी महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन के लिए 50 हजार तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है. योजना से 32 हजार से अधिक महिलाओं को लाभ हुआ है. इसके तहत महिलाएं सम्मानजनक आजीविका से जुड़ीं.
-बैंक क्रेडिट लिंकेज: सखी मंडल से जुड़ी महिला समूह को बैंक क्रेडिट लिंकेज से सहायता प्रदान की गई. इससे वे अपने लिए स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं. 2021 से पूर्व तक 640 करोड़ रुपए समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज के जरिए दिया था, वहीं विगत साढ़े चार साल में 1 लाख 40 हजार समूहों को लगभग 8,250 करोड़ रुपए की राशि बैंक क्रेडिट लिंकेज की गई.
(सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट)