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पिता के कैंसर ने बढ़ाई जागरूकता, Hamp Seeds के फायदे जान शुरू किया कारोबार, भांग से बना रहे पिज़्ज़ा-बर्गर

आजकल हमारे देश में भांग से अलग-अलग तरह के कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं. क्योंकि भांग के बीजों और डंठल में कोई नशा नहीं होता है. इसलिए इसके बीजों का इस्तेमाल फूड इंडस्ट्री में हो रहा है.

धवल पांचाल, द हैंप फैक्ट्री (Photo: Instagram) धवल पांचाल, द हैंप फैक्ट्री (Photo: Instagram)
हाइलाइट्स
  • पिता के कैंसर ने पहुंचाया भांग तक 

  • शुरू किया अपना क्लाउड किचन 

भांग का नाम सुनते ही लोगों के मन में तरह-तरह के ख्याल आने लगते हैं. ज्यादातर लोग इसे नशे से ही जोड़ते हैं क्योंकि भांग के बारे में यही सामान्य धारणा है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भांग के पौधे के अलग-अलग घटक जैसे पत्ते, बीज या डंठल के अलग-अलग इस्तेमाल हो सकते हैं. 

जी हां, बात नशे की करें तो यह सिर्फ भांग के पौधे के पत्तों और फूलों में होता है. लेकिन अन्य घटक जैसे बीज और डंठल दूसरी चीजों के लिए काम आ सकते हैं. भांग के बीजों को प्रोसेस करके इनका पाउडर या यूं कहें कि आटा बनाया जा रहा है. इस भांग के आटे का प्रयोग कई तरह की फूड डिशेज बनाने में हो सकता है. जैसा कि मुंबई का एक क्लाउड किचन स्टार्टअप कर रहा है. 

Hemp

यह कहानी है धवल पांचाल की, जो मुंबई में 'The Hemp Factory' नाम से अपनी क्लाउड किचन चला रहे हैं. इस किचन में वह भांग के पाउडर से पिज़्ज़ा-बर्गर बना रहे हैं और लोगों को पहुंचा रहे हैं.

पिता के कैंसर ने पहुंचाया भांग तक 
अपने कई इंटरव्यूज में धवल ने बताया है कि उनकी भांग के बारे में जानने की, समझने की कहानी अपने पिता की बीमारी के कारण शुरू हुई. उनके पिता कैंसर से जूझ रहे थे. ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्या कैंसर के और कोई इलाज हो सकते हैं. इस दौरान उन्हें भांग के तेल के बारे में पता चला जिसका प्रयोग कैंसर के इलाज में काफी कारगर है. 

हालांकि, भारत में यह गैर-कानूनी है लेकिन मेडिकल कारणों के लिए अनुमति मिल जाती है. लेकिन जब तक धवल इस बारे में ज्यादा जान पाते उनके पिता ने दुनिया से विदा ले ली. पर धवल इस क्षेत्र में घुस चुके थे. उन्होंने काफी समय तक Bombay Hemp कंपनी के साथ काम किया जो भांग से संबंधित मेडिकल प्रॉडक्ट्स बनाती है. लेकिन तब तक भांग के कोई खाद्य पदार्थ मार्केट में नहीं थे. 

शुरू किया अपना क्लाउड किचन 
धवल खाने के क्षेत्र में कुछ करना चाहते थे लेकिन कानून बीच में था. पर कहते हैं न हर चीज किसी न किसी कारण से होती है. धवल का अनुभव भी कुछ ऐसा रहा क्योंकि साल 2021 में FSSAI ने भांग से बने खाने-पीने की चीजों को मंजूरी मिल गई और इसके बाद धवल ने तुरंत अपने बिजनेस आइडिया पर काम किया. 

Hemp cultivation

धवल ने अपनी पत्नी और अपने एक दोस्त के साथ मिलकर मुंबई में द हैंप फैक्ट्री की शुरुआत की. कई महीनों की रिसर्च के बाद उन्होंने रेसिपी तैयार की. उन्हें सभी सामग्री के सही तालमेल से काम करना था क्योंकि अगर सिर्फ भांग के पाउडर का इस्तेमाल किया जाए तो चीजें कड़वी बनेंगी. इसलिए उन्होंने इस पर पूरा काम किया. आज उन्हें भांग क खेती करने से लेकर इसकी प्रोसेसिंग तक, सब जानकारी है. 

महीने में आते हैं 500 से ज्यादा ऑर्डर 
धवल का कहना है कि क्लाउड किचन शुरू करने में कई तरह की चुनौतियां आईं लेकिन सबसे बड़ी चुनौती रही लोगों को जागरूक करना. सबसे पहले उन्होंने स्टाफ को ट्रेन किया. भांग के पाउडर को सोर्स करने के लिए उन्होंने बॉम्बे हैंप और उत्तराखंड में स्पलायर से टाइ-अप किया हुआ है. पाउडर आने के बाद इसमें मैदा, आटा व अन्य सामग्री मिलाकर वे पिज़्ज़ा, पास्ता और बर्गर आदि बनाते हैं. 

क्लाउड किचन को अब हर महीने 500 से ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं. उनके प्रॉडक्ट्स अब लोगों को पसंद आ रहे हैं. क्योंकि ये मैदा से बने फास्ट फूड से ज्यादा अच्छे हैं. भांग के बीजों में कई पोषक तत्व होते हैं. लोगों के बीच अपनी पहुंच मजबूत करने के लिए अब धवल पैकेजिंग में नई पहल कर रहे हैं. वह पैकेजिंग डिब्बों पर भांग से जुड़ी सभी सही जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उनकी कंपनी में 7 लोग काम करते हैं और उनका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपए का है.