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लीची के सीजन में दूसरे प्रदेशों से मुजफ्फरपुर आ रहे मधुपालक, लीची शहद से कमा रहे मोटा पैसा

इस बार लीची के मंजर में बढ़िया वृद्धि देखी जा रही है, जिससे मधुपालक काफी खुश हैं. पिछले कई सालों में ऐसा नहीं हुआ था, लेकिन इस बार लीची के मंजर अच्छे आए हैं और मौसम भी शहद उत्पादन के लिए उपयुक्त साबित हो रहा है.

Beekeeping in Litchi Garden Beekeeping in Litchi Garden
हाइलाइट्स
  • MUZAFFARPUR में दूसरे प्रदेश से आए हैं मधुपालक

  • तीस दिनों में चार बार होगा उत्पादन

  • लीची शहद से कर रहे बेहतर आमदनी

लीची के मौसम में लीची से बने शहद की खास डिमांड रहती है. लीची शहद की कीमत अन्य शहदों से अधिक होती है, और यह अपनी उच्च गुणवत्ता और बेहतरीन स्वाद के लिए भी जाना जाता है. इस बार लीची के मंजर में बढ़िया वृद्धि देखी जा रही है, जिससे मधुपालक काफी खुश हैं. पिछले कई सालों में ऐसा नहीं हुआ था, लेकिन इस बार लीची के मंजर अच्छे आए हैं और मौसम भी शहद उत्पादन के लिए उपयुक्त साबित हो रहा है.

पहले 10 दिन में ही निकाला गया शहद
मधुपालक इस अवसर का भरपूर फायदा उठा रहे हैं, और पहले दस दिनों में ही एक बार शहद निकाली जा चुकी है. इसके बाद अगले कुछ दिनों में और शहद निकाली जाएगी. अनुमान है कि इस बार कम से कम चार बार शहद निकाली जाएगी. एक बॉक्स से लगभग 30 दिनों में चार बार शहद की निकासी होती है, जो मधुपालकों के लिए आय का अच्छा सोर्स है.

लीची के फूलों से निकलने वाला शहद अन्य शहदों की तुलना में ज्यादा स्वादिष्ट होता है. इस शहद का उत्पादन विशेष रूप से उन बक्सों में किया जाता है, जिन्हें मधुपालक लीची के बागों में रखते हैं. यह शहद न केवल गुणवत्ता में बेहतर होता है, बल्कि इसका उत्पादन भी ज्यादा होता है, यही कारण है कि इसकी कीमत अन्य शहदों से ज्यादा होती है.

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एक बार में 800 लीटर शहद निकाला गया
मध्य प्रदेश के भिंड से एक मधुपालक विशाल, अपनी डेढ़ सौ बॉक्स लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं. पहले बार में ही करीब 800 लीटर शहद निकाला गया है. अनुमान है कि 30 दिनों में डेढ़ सौ बॉक्स से लगभग 3200 लीटर शहद का उत्पादन होगा. इन बॉक्सों का उपयोग कर शहद निकालने की प्रक्रिया को मधुपालक ने बहुत प्रभावी बताया है.

किसानों और मधुपालकों के लिए फायेदेमंद सौदा
लीची के बागों में मधुपालकों के बॉक्स रखने से किसानों को भी फायदा होता है. किसानों का कहना है कि इससे न केवल लीची में ज्यादा फल आते हैं, बल्कि इससे पटवन और छिड़काव का खर्च भी कवर हो जाता है. 

लीची शहद की मांग काफी अधिक रहती है. एक लीटर शहद की कीमत 100 से लेकर 150 रुपये तक होती है, और शहद के खरीदारी के लिए कंपनियां एजेंटों के माध्यम से मधुपालकों से संपर्क करती हैं.

इस बार मौसम भी मेहरबान
इस बीच, एक अन्य मधुपालक ने बताया कि वे पहले झारखंड और राजस्थान में काम कर चुके हैं, और अब मध्य प्रदेश के भिंड से मुजफ्फरपुर आए हैं. उन्होंने बताया कि इस बार लीची के मंजर और मौसम दोनों ही अनुकूल हैं, जिससे शहद का उत्पादन अच्छा हो रहा है. लीची शहद का व्यवसाय मधुपालकों के लिए एक सुनहरा अवसर बन गया है, और यह किसानों और शहद उत्पादकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.

-भूषण शर्मा