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NPS Withdrawal Rules: नेशनल पेंशन सिस्टम से पैसे निकालने के नियमों में होने जा रहा बदलाव, 1 फरवरी से मिलेगा ये लाभ

NPS Withdrawal Rule Changes: एनपीएस के नए नियमों के मुताबिक अब किसी भी एनपीएस खाताधारक को कुल जमा राशि के 25 फीसदी से अधिक हिस्से के विड्रॉल की अनुमति नहीं मिलेगी. इसमें खाताधारक और नियोक्ता दोनों की योगदान राशि शामिल है. 

NPS Withdrawal Rule Changes NPS Withdrawal Rule Changes
हाइलाइट्स
  • एनपीएस है एक लॉन्ग टर्म पेंशन स्कीम

  • खास कारणों से ही पेंशन फंड से की जा सकती है निकासी 

देश के लाखों पेंशनधारकों के लिए जरूरी खबर है. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से पैसे निकालने के नियमों में बदलाव होने जा रहा है. पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने एनपीएस फंड विड्रॉल से जुड़ा सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक अगले महीने यानी 1 फरवरी 2024 से नए नियम को लागू कर दिया जाएगा. जिसके तहत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी अब पेंशन फंड में से पार्शियल रिफंड कर सकेंगे. 

क्या है एनपीएस 
एनपीएस भारत सरकार का कार्यक्रम है. यह पीएफआरडीए की देखरेख में संचालित होता है. एनपीएस इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियों के अलावा कारपोरेट बॉन्ड जैसी विभिन्न जगहों पर पैसा निवेश करता है. एनपीएस एक लॉन्ग टर्म पेंशन स्कीम है, जो रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि और पेंशन का लाभ देता है. इसके तहत रिटायमेंट पर बड़ा कॉपर्स पैदा किया जा सकता है. कॉपर्स कितना बनेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने कितना और कितने समय से निवेश किया है. 

केवल तीन बार आंशिक निकासी
एनपीएस के नए नियमों के मुताबिक अब किसी भी एनपीएस खाताधारक को कुल जमा राशि के 25 फीसदी से अधिक हिस्से के विड्रॉल की अनुमति नहीं मिलेगी. इसमें खाताधारक और नियोक्ता दोनों की योगदान राशि शामिल है. खाते से निवेश के दौरान केवल तीन बार आंशिक निकासी की जा सकती है. पीएफआरडीए के आदेश के अनुसार केवल कुछ खास कारणों से ही पेंशन फंड से यह निकासी की जा सकती है.

इतने साल बाद निकाली जा सकती है राशि
एनपीएस से 25 फीसदी राशि तीन साल के बाद कभी भी निकाली जा सकती है. इसके लिए तीन साल तक इसमें निवेश करना होगा. एनसीपी से खाताधारक तभी पैसा निकाल सकते हैं, जब वे अकाउंट खुलने के बाद तीन साल तक इसके सदस्य हों. 

एनपीएस से कैसे निकालें राशि
एनपीएस से पैसे निकालने के लिए सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी के प्रतिनिधि सरकारी नोडल अधिकारी के जरिए रिक्वेस्ट की जा सकती है. इसमें आप पैसे किसलिए निकालना चाहते हैं, इसकी वजह और अन्य जानकारी देनी पड़ेगी. यदि खाताधारक बीमार है तो उसकी जगह पर परिवार का कोई अन्य सदस्य या नॉमिनी रिक्वेस्ट कर सकता है. विभाग पूरे पैसे डालने से पहले खाते की जांच करने के लिए उसमें कुछ पैसे डालेगा फिर कन्फर्मेशन मिलने पर पूरे रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी.

कब कर सकते हैं एनपीएस खाते से आंशिक निकासी
1. बच्चों की पढ़ाई और शादी के खर्च के लिए एनपीएस खाते से किया जा सकता है विड्रॉल.
2. घर खरीदने के लिए एनपीएस खाते से कर सकते हैं विड्रॉल.
3. मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में एनपीएस सब्सक्राइबर्स को खाते से विड्रॉल की परमिशन मिलती है.
4. एनपीएस खाताधारक की दिव्यांगता या अक्षमता के कारण अचानक आए खर्च को पूरा करने के लिए खाते से पैसे विड्रॉल कर सकते हैं.
5. कौशल विकास के खर्च को पूरा करने के लिए एनपीएस खाते से विड्रॉल की परमिशन मिलती है.
6. स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने के लिए भी एनपीएस विड्रॉल की सुविधा मिल रही है.

दूसरा मकान खरीदने के लिए नहीं उठा सकते हैं लाभ
मूलतौर पर ग्राहकों के लिए अपने नाम पर या अपने जीवनसाथी के साथ संयुक्त रूप से घर खरीदने या निर्माण करने के लिए आंशिक निकासी करना संभव था. लेकिन अब इस नियम में ही बदलाव किया गया है. पहले एक मकान रहते हुए भी दूसरे मकान खरीदने या निर्माण के लिए आंशिक निकासी की सुविधा थी. लेकिन अब अगर आपके पास पहले से एक मकान है, जो आपके या आपकी पत्नी के नाम पर है, तो फिर दूसरा मकान खरीदने के लिए एनपीएस से आंशिक निकासी का लाभ नहीं उठा पाएंगे. इसके पीछे कारण है कि यह एक रिटायमेंट योजना है और इसे खास जरूरत पर यूज किया जाना चाहिए. इसमें निवेश की गई राशि को अन्य निवेश के लिए नहीं यूज किया जाना चाहिए, जिस कारण पीएफआरडीए ने नियम में बदलाव किया है. 

रिटायरमेंट के बाद निकाल सकते हैं इतनी राशि
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक 60 साल की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद एनपीएस से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकालने की इजाजत है, जो टैक्स-फ्री होती है. बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है. एन्युटी में निवेश की रकम टैक्स-फ्री है, लेकिन एन्युटी के तहत रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन की राशि पर टैक्स में कोई छूट नहीं है.