नेपाल घूमने जाने वाले भारतीय पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए अब डिजिटल पेमेंट का रास्ता खुलने वाला है. नेपाल में अब आसानी से भारतीय ई वॉलेट भारत पे, फोन पे, गूगल पे और पेटीएम जैसे ई वॉलेट के जरिए भुगतान की सुविधा मिलने वाली है. इस बाबत दोनों देशों के बीच समझौता करने की तैयारी है. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल के निकट भविष्य में ही होने जा रहे भारत भ्रमण के दौरान दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी है.
समझौते के मसौदे को अंतिम रूप तैयार
दोनों देशों के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच इस समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है और प्रधानमंत्री प्रचण्ड के भ्रमण के दौरान इस पर हस्ताक्षर किया जाएगा. इस समझौते के बाद नेपाल और भारत के व्यापारियों को भी एक दूसरे के देशों में व्यापार के लिए सहज परिस्थिति बन सकती है. दोनों देशों के व्यापारी अपने व्यापार के कामों के लिए भी क्यू आर कोड के जरिए लेनदेन कर सकते हैं.
क्यू आर कोड के जरिए रकम ट्रांसफर कर सकते हैं
भारत में नेपाल का ई-वॉलेट और नेपाल में भारत का ई वॉलेट सेवा सुचारू करने के लिए एक वर्ष पहले ही तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है. नेपाल के तरफ से गेटवे पेमेंट्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और भारत के तरफ से नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच डिजिटल पेमेंट के तकनीकी पक्ष पर काम करने के लिए समझौता किया गया था.
गेटवे समझौता के अनुसार अब नेपाल के नागरिक भारत के किसी भी बैंक में क्यू आर कोड के जरिए रकम ट्रांसफर कर सकते हैं. इसी तरह भारत के नागरिक भी नेपाल में भारत पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम से नेपाल के किसी भी बैंक खाते में सीधे रकम भेज सकते हैं.
कौन से बैंक हैं शामिल?
दोनों देशों के बीच जीटूजी (गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट) समझौता होने के बाद से इसे क्रियान्वयन में लाया जाएगा. नेपाल के कई बैंकों ने गेटवे नेपाल और यूपीआई नेपाल के साथ भुगतानी संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया है. इनमें नेपाल एसबीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक की सब्सिडी रही एवरेस्ट बैंक, ग्लोबल बैंक, नबिल बैंक आदि प्रमुख है.