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New Income Tax Bill: टैक्स चोरी करने वालों की खैर नहीं! संपत्ति जब्त से लेकर लॉकर-तिजोरी तोड़ने का हक तक, जानें नए आयकर बिल में क्या-क्या मिले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अधिकार

New Income Tax Bill Rule: इनकम टैक्स एक्ट 1961 की तुलना में नए आयकर बिल में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. टैक्स चोरी करने पर आयकर अधिकारी आपका संपत्ति जब्त कर सकते हैं. लॉकर और तिजोरी में टैक्स चोरी का पैसा होने की आशंका पर उसे तोड़ सकते हैं.

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हाइलाइट्स
  • 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा नया इनकम टैक्स बिल

  • कंप्यूटर, ई-मेल और सोशल मीडिया अकाउंट को जांचने का होगा अधिकार 

टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं है. यदि किसी ने टैक्स चोरी कर संपत्ति बनाई है या लॉकर-तिजोरी में धन जमा करके रखा है तो अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी उस संपत्ति को जब्त कर लेंगे.

इतना ही नहीं, लॉकर-तिजोरी तोड़ने तक का हक होगा. टैक्स चोरी की जांच के दौरान अधिकारी आपका फेसबुक, इंस्टा अकाउंट तक खंगाल सकते हैं. दरअसल, ऐसा कानूनी प्रावधान न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) में है. 1 अप्रैल 2026 से नया इनकम टैक्स एक्ट लागू होने वाला है. अभी से इस बिल की चर्चा होने लगी है.  

घर की ले सकते हैं तलाशी
न्यू इनकम टैक्स बिल के मुताबिक यदि किसी ने अपनी आमदनी, संपत्ति या अन्य मूल्यवान चीजों की सही जानकारी न देकर टैक्स चोरी की है तो इसकी जांच के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी घर की तलाशी तक ले सकते हैं. न्यू इनकम टैक्स एक्ट के क्लॉज-247 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास अज्ञात आय, संपत्ति या खातों से संबंधित कोई जानकारी लॉकर, तिजोरी या बक्से में बंद है और उसकी चाबी नहीं है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी के पास उसे तोड़ने का अधिकार है. 

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...तो मांग सकते हैं डिजिटल एसेट्स का एक्सेस 
न्यू इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आयकर विभाग को टैक्स चोरी करने की आशंका होने पर आपके सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक-इंस्टाग्राम, निजी ई-मेल, बैंक अकाउंट, ऑनलाइन निवेश अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और अन्य चीजों को देखने और उन तक पहुंचने का कानूनी अधिकार होगा.

यानी आयकर अधिकारी नए टैक्स बिल के जरिए करदाता के डिजिटल एसेट्स का एक्सेस मांग सकते हैं. यदि कोई करदाता जांच में सहयोग नहीं करता है या फिर मांगने पर ई-मेल या सोशल मीडिया अकाउंट की डिटेल नहीं देता है तो आयकर अधिकारी टैक्सपेयर के अकाउंट के पासवर्ड को बायपास कर सकते हैं, सेफ्टी सेटिंग्स को ओवरराइड कर सकते हैं और फाइलों को अनलॉक कर सकते हैं. 

अभी जो इनकम टैक्स एक्ट 1961 लागू है, उसके तहत आयकर जांच के दौरान अधिकारियों को तलाशी लेने और बैंक अकाउंट जब्त करने की अनुमति है. अधिकारी लैपटॉप, हार्ड ड्राइव या ई-मेल की मांग कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कानूनी प्रतिरोधों का सामना भी करना पड़ता है. 1 अप्रैल 2026 से लागू न्यू इनकम टैक्स एक्ट के साथ ही अधिकारियों की पहुंच वर्चुअल डिडिटल स्पेस तक हो जाएगी. यानी कंप्यूटर, ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट को जांचने का कानूनी अधिकार होगा.

सिर्फ ऐसे करदाताओं पर होगा लागू
न्यू इनकम टैक्स एक्ट के खंड-247 के मुताबिक जांच में नामित किए गए आयकर अधिकारियों को ये अधिकार कुछ खास मामलों में प्राप्त होंगे, यानी ये सभी टैक्सपेयर्स के लिए नहीं हैं. बल्कि ऐसे करदाताओं पर लागू होगा, जिनपर टैक्स चोरी या अघोषित संपत्ति (जिस पर टैक्स भुगतान नहीं किया गया है) का संदेह होगा. न्यू इनकम टैक्स एक्ट के तहत आपके निजी डाटा तक पहुंचने का अधिकार जिन अधिकारियों को दिया गया है, उनमें संयुक्त निदेशक या अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त आयुक्त या अतिरिक्त आयुक्त, सहायक निदेशक या उप निदेशक, सहायक आयुक्त या उपायुक्त या आयकर अधिकारी या कर वसूली अधिकारी शामिल हैं.