सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को लेकर अच्छी खबर है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की दो किश्तें जारी करने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा गया है कि 2023-24 सीरीज I के लिए सब्सक्रिप्शन की तारीख 19-23 जून, 2023 है, जबकि सीरीज II के लिए 11-15 सितंबर, 2023 है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के बारे में कुछ जरूरी जानकारी-
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को रेजिडेंट, एचयूएफ, ट्रस्टों, यूनिवर्सिटी और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा. इसके अलावा, SGBs को एक ग्राम की बेसिक यूनिट के साथ सोने के ग्राम के मल्टीपल में दर्शाया जाएगा. साथ ही SGB का पीरियड आठ साल का होगा, जिसमें 5वें साल के बाद समय से पहले इसे बेच सकेंगे.
एक ग्राम सोना होगा न्यूनतम साइज
न्यूनतम स्वीकार्य निवेश एक ग्राम सोना होगा. वहीं, सब्सक्रिप्शन की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम होगी. इसके साथ ही सरकार द्वारा समय-समय पर इसे बदला जा सकेगा.
सब्सक्रिप्शन के लिए अप्लाई करते समय निवेशकों से एक सेल्फ-डिक्लेरेशन भी लिया जाएगा. इसके अलावा, ज्वाइंट होल्डिंग के मामले में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा पहले एप्लिकेंट पर ही लागू होगी.
इश्यू प्राइस क्या होगा?
एसीबी का मलय भारतीय रुपये में निर्धारित किया जाएगा. ये भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा जो 999 शुद्धता वाले सोना का क्लोजिंग प्राइस होगा उसके आधार पर तय किया जाएगा. SGB का निर्गम मूल्य उन निवेशकों के लिए ₹50 प्रति ग्राम कम होगा जो ऑनलाइन सदस्यता लेते हैं और डिजिटल मोड से भुगतान करेंगे.
पेमेंट ऑप्शन क्या रहेगा?
SGB के लिए पेमेंट कैश में (अधिकतम ₹20,000 तक) करना होगा या डिमांड ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से होगा.
केवाईसी दस्तावेज
केवाईसी नॉर्म्स वही होंगे जो दुकान पर सोना खरीदते हुए होते हैं. केवाईसी दस्तावेज जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन, या टैन/पासपोर्ट की आवश्यकता होगी. प्रत्येक आवेदन के साथ व्यक्तियों और दूसरी संस्थाओं को आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया 'पैन नंबर' भी देना होगा.
टैक्स ट्रीटमेंट
एसजीबी पर ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के प्रावधान के अनुसार ही होगा. वहीं अगर बात करें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बेचने की तो SGB को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक के माध्यम से बेचा जा सकेगा.