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देश में चालू होगा डिजिटल बैंक! जान‍िए कैसे काम करेगा ये बैंक, क्या होंगे इसके फायदे?

डिजिटल बैंक या डीबी बैंक के बारे में बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में बताया गया है. उसके अनुसार, डिजिटल बैंक इंटरनेट की मदद से लोगों को सेवाएं देंगे न कि भौतिक शाखाओं पर. इन बैंकों की मदद से लोग लोन ले सकेंगे, पैसे जमा कर सकेंगे और अन्य सेवाओं का फायदा ले सकेंगे. ये किसी भी अन्य बैंक की तरह ही होंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • डिजिटल बैंक होंगे किसी भी आम बैंक की तरह

  • भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर रहा है सफल

  • 31 दिसंबर तक सभी की टिप्पणियां मांगी गई हैं

पिछले कुछ सालों से भारत डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रहा है. आज छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम डिजिटली पूरे किये जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में देश में डिजिटल बैंक (Digital Bank) खोलने पर बात चल रही है. हाल ही में नीति आयोग (Niti Aayog) ने डिजिटल बैंक पर एक डिसकशन पेपर रिलीज़ किया है. इसपर 31 दिसंबर तक सभी की टिप्पणियां मांगी गई हैं. 

डिजिटल बैंक या डीबी बैंक के बारे में बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 (Banking Regulation Act, 1949) में बताया गया है. उसके अनुसार, डिजिटल बैंक इंटरनेट की मदद से लोगों को सेवाएं देंगे न कि भौतिक शाखाओं पर. इन बैंकों की मदद से लोग लोन ले सकेंगे, पैसे जमा कर सकेंगे और अन्य सेवाओं का फायदा ले सकेंगे. ये किसी भी अन्य बैंक की तरह ही होंगे. 

यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी रिपोर्ट

भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर रहा है सफल 
 
नीति आयोग ने अपने पेपर में बताया कि भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर काफी सफल रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि UPI ट्रांजेक्शन मूल्य में ₹4 लाख करोड़ को पार कर गया है, जबकि आधार वेरिफिकेशन 55 लाख करोड़ को पार कर गया है. पेपर में लिखा गया, “आखिरकार, भारत अपने खुद के ओपन बैंकिंग ढांचे को शुरू करने की कगार पर है.”

पीएम-किसान योजना के माध्यम से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) और पीएम-स्वनिधि जैसे एप्स से रेहड़ी पटरी वालों को भी पैसे पहुंचाएं जा रहे हैं. इसके साथ ही, भारत ने आरबीआई द्वारा शुरू किये गए अकाउंट एग्रीगेटर (AA) रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के माध्यम से “ओपन बैंकिंग” की दिशा में भी कदम उठाए हैं. 

बैंकिंग रिफॉर्म के लिए टेक्नोलॉजी जरूरी: CEO

नीति आयोग के सीईओ (CEO) अमिताभ कांत ने डिस्कशन पेपर के बारे में लिखा कि बैंकिंग में रिफॉर्म के लिए टेक्नोलॉजी जरूरी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच इस तक हो सके. रेगुलेटेड संस्थाओं के रूप में डिजिटल बैंक गठित करने की सिफारिश की गयी है. लोगों द्वारा मिली टिप्पणियों के आधार पर ही डिस्कशन पेपर को आखिरी रूप दिया जाएगा और नीति आयोग की सिफारिश के रूप में साझा किया जाएगा.

UPI से किये गए 4.2 बिलियन ट्रांजेक्शन 

गौरतलब है कि यूपीआई ने अक्टूबर, 2021 में ही 7.7 ट्रिलियन से ज्यादा रुपयों के 4.2 बिलियन से ज्यादा ट्रांजेक्शन कियेहैं  हैं. यूपीआई के माध्यम से आज मोबाइल फोन के एक क्लिक से ही पेमेंट की जा सकती है. इससे लोगों के बीच होने वाले पैसों का लेनदेन पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट हो गया है.  

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